जयपुर. प्रदेश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं बेपटरी नजर आ रही है. अस्पतालो में मरीजों को दिक्कत हो रही है और रेजीडेंट डॉक्टरों के चेंबर खाली नजर आ रहे है. हालांकि सरकार की ओर से वैकल्पिक इंतजामत के चलते मरीजों को जरूर थोड़ी राहत मिली है, लेकिन सूबे के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल जयपुर में इलाज की उम्मीद लिए मरीजों को जरूर दिक्कत हो रही है.
बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टर 4 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में दूरदराज से एक अदद इलाज की उम्मीद लिए पहुंचे मरीजों को निराशा हाथ लग रही है, क्योंकि अस्पताल के ज्यादातर चेम्बर्स में रेजिडेंट डॉक्टर नदारद है. जिसके चलते मरीज परेशान हो रहे हैं. हालांकि एसएमएस अस्पताल प्रबंधन की ओर से अतिरिक्त इंतजामों के दावे जरूर किए जा रहे है, लेकिन फिर भी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को बेअसर नहीं कह सकते है.
वहीं रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और सरकार के बीच लगातार वार्ताओं का दौर जारी है, लेकिन एक वार्ता सकारात्मक होती है, तो दूसरी वार्ता विफल. जिसके चलते रेजिडेंट डॉक्टर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. जिसका खामियाजा सीधे तौर पर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. एसोसिएशन के अनुसार सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं की गई है. लंबे समय से रेजिडेंट डॉक्टर चिकित्सा शिक्षा में की गई अप्रत्याशित फीस वृद्धि के आदेश को तुरंत विलोपित करने, आवास के सुविधा के अभाव में हाउस रेंट अलाउंस का भुगतान करने, सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को आवास की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं.
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वहीं सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए जारी की गई एनओसी को सभी मेडिकल कॉलेज मान्यता देने और पीजी थिसिस की जांच प्रक्रिया को वर्ष 2017 के समझौते के अनुसार लागू करने की मांग की गई है. एसोसिएशन की ओर से सरकार के सामने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीयकृत सुरक्षा व्यवस्था लागू करने, रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए मूलभूत आवश्यकताएं जैसे पीने के पानी और कैंटीन की सुविधा मुहैया कराने की मांग रखी गई है.