जयपुर. अब घर का सपना दिखाकर उसे पूरा नहीं करने वाले प्रदेश के बिल्डर्स और डेवलपर्स पर रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की गाज गिर सकती है. रेरा ने ऐसे 350 से ज्यादा प्रोजेक्ट की लिस्ट तैयार की है, करीब 115 को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं. प्रदेश में लागू रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक, रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीयन के लिए जमा आवेदन पर प्रोजेक्ट पूरा होने की तिथि तक प्रोजेक्ट काम पूरा होना जरूरी है.
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की हाल ही पड़ताल में सामने आया है कि तकरीबन 350 से ज्यादा प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके पूरा होने की अवधि खत्म हो चुकी है. लेकिन, इन प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाने के लिए ना तो संबंधित बिल्डर या डेवलपर ने अथॉरिटी में आवेदन किया और ना ही इन प्रोजेक्ट का कंपलीशन सर्टिफिकेट पेश किया है. अथॉरिटी चेयरमैन एनसी गोयल के निर्देश के बाद अब इस मामले में कार्रवाई शुरू की गई है. करीब 115 प्रोजेक्ट को नोटिस जारी कर दिए हैं. नोटिस के माध्यम से बिल्डर और डेवलपर्स से 15 से 30 दिन में जवाब तलब किया गया है.
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बिल्डर्स और डेवलपर्स के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
- निर्धारित अवधि में जवाब नहीं देने या संतोषजनक जवाब नहीं देने पर अथॉरिटी कार्रवाई करेगी.
- अथॉरिटी इसमें पहली प्राथमिकता आवंटियों की रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी को देगी.
- सोसायटी की ओर से मना करने पर किसी सरकारी गैर सरकारी संस्था या दूसरे निजी बिल्डर को भी प्रोजेक्ट सौंपा जा सकता है.
- जो भी प्रोजेक्ट लेगा, प्रोजेक्ट का शेष काम अथॉरिटी की ओर से तय अवधि में पूरा करेगा.
- अथॉरिटी संबंधित बिल्डर या डेवलपर के खिलाफ जुर्माना भी लगा सकती है.
- ये जुर्माना प्रोजेक्ट कॉस्ट का 5% तक हो सकता है.
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रेगुलेटरी अथॉरिटी की ओर से लगातार इस तरह के मामले में पड़ताल की जा रही है. नोटिस देने वाले प्रकरणों की संख्या आगे और भी बढ़ सकती है. अथॉरिटी का उद्देश्य है कि जिन लोगों ने घर के सपने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा दिया है, उनका सपना हर हाल में जल्द पूरा हो.