जयपुर. राजधानी में जेसीटीएसएल की ओर से संचालित लो फ्लोर बस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक पुलिसकर्मी बिना टिकट सफर करने को लेकर बस परिचालक से झगड़ा करते दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं, टिकट लेने की बात पर वो गाली गलौज कर हाथापाई पर उतारू हो जाता है. मामले में जेसीटीएसएल एंप्लाइज यूनियन ने पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बता दें कि राजधानी में चलने वाली लो फ्लोर बसों में पुलिसकर्मियों के लिए निशुल्क यात्रा की व्यवस्था नहीं है. बावजूद इसके लो फ्लोर बस में पुलिसकर्मी किराया नहीं देते. इस संबंध में बीते दिनों जेसीटीएसएल के पूर्व एमडी नवीन जैन ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों के किराया नहीं देने के संबंध में शिकायत भी की थी. वहीं, शनिवार को जेसीटीएसएल की बस का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी बिना टिकट लिए यात्रा कर रहा था. परिचालक ने जब पुलिसकर्मी को टिकट लेने की बात कही, तो वो गाली गलौज कर यूनिफॉर्म बेल्ट खोल हाथापाई पर उतारू होता नजर आ रहा है.
बताया जा रहा है कि ये मामला शुक्रवार शाम का है, जब 15 नंबर रूट चांदपोल से चौमूं जाने वाली बस में पुलिसकर्मी चांदपोल से राजावास जाने के लिए चढ़ा और जब पुलिसकर्मी से परिचालक ने टिकट लेने को कहा तो उसने दुर्व्यवहार शुरू कर दिया. हालांकि, ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता. उधर, जेसीटीएसएल एंप्लाइज यूनियन परिचालक मोहन के साथ हुई बदसलूकी के चलते आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रही है.
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बता दें कि पूर्व में जेसीटीएसएल के एमडी रहे नवीन जैन ने पुलिस कमिश्नर आनंद कुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखा था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि जेसीटीएसएल की बसों के संचालन का उद्देश्य आम जन को सुलभ और सुगम परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना है. इन बसों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को नियमानुसार किराया राशि देकर परिचालक से टिकट प्राप्त करना यात्री का भी एक दायित्व है, लेकिन इन बसों में पुलिसकर्मी किराया राशि ना देकर मुफ्त में पुलिस स्टाफ बोलकर यात्रा करते हैं. किराया मांगने पर पुलिस स्टाफ अनावश्यक आपत्ति करते हैं और बसों के चालान करने संबंधी धमकी भी दी जाती है. ऐसे में पुलिस स्टाफ को जेसीटीएसएल की बसों में नियमानुसार किराए राशि देकर यात्रा करने के लिए पाबंद किया जाए और जेसीटीएसएल के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी उचित सहयोग करने बाबत आदेश प्रसारित करने के संबंध में लिखा गया था.