जयपुर. राजधानी जयपुर में कोरोना के प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके बावजूद लोग लापरवाही बरत रहे हैं, जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस ने लोगों से समझाइश करने के साथ ही अब सख्ती बरतना भी शुरू कर दिया (strictness on Corona guidelines Jaipur) है. पुलिस न केवल लापरवाही बरतने वाले लोगों के चालान काट रही है बल्कि आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार भी कर रही है.
पुलिस अब लापरवाही बरतने वाले पर सख्त एक्शन ले रही है. कोतवाली थानाधिकारी ओम प्रकाश मातवा ने बताया कि छोटी चौपड़ बाजार और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लोगों से पहले समझाइश की गई. इसके बाद लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. मास्क नहीं लगाने वाले व्यक्ति से 1 हजार रुपए और बिना मास्क लगाए सामान बेचने वाले दुकानदार से 500 रुपए का चालान वसूल जा रहा है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करने वाले और अन्य तरह से लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लेते हुए उनके चालान काटे जा रहे हैं. वहीं पुलिस लगातार पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम के जरिए लोगों से गाइडलाइन के पालना करने की अपील कर रही (Rajasthan Corona Guideline) है.
नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर इन धाराओं में किया जा रहा गिरफ्तार
इसके साथ ही जयपुर पुलिस नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों से सख्ती से निपट रही (night curfew in Jaipur) है. उन्हें आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है. जयपुर पुलिस ने गुरुवार को अलग-अलग थाना क्षेत्रों में नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
यह भी पढ़ें. जयपुर में 181 कोरोना संक्रमित गायब, गैर जिम्मेदाराना हरकत ने बढ़ा दी मुश्किलें
नाइट कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के वाहन को एमवी एक्ट के तहत सीज किया जा रहा है. इसके साथ ही लापरवाही बरतने वाले व्यक्ति को आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है. धारा 188 के तहत 6 महीने की जेल और 1 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है.
वहीं आईपीसी की धारा 269 के तहत 6 महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसी प्रकार से आईपीसी की धारा 270 के तहत 2 वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 के तहत 2 वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 151 के तहत 1 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.