जयपुर. पुलिस की ओर से हथियार तस्करों पर नकेल कसने के लिए और अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए सितंबर महीने में शुरू किए गए ऑपरेशन 'AAG' (एक्शन अगेंस्ट गंस) के तहत पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए कमिश्नरेट स्पेशल टीम और चारों जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम के साथ ही थाना स्तर पर गठित की गई स्पेशल टीम द्वारा कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. ऑपरेशन आग का सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है और राजधानी जयपुर में फायरिंग की वारदातों में काफी कमी देखने को मिली है.
एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी का कहना है कि ऑपरेशन आग के तहत जयपुर पुलिस की ओर से अब तक आर्म्स एक्ट में 112 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं. इसके साथ ही हथियार तस्करी में लिप्त कुल 148 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 142 अलग-अलग किस्म के हथियार जब्त किए जा चुके हैं.
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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 94 देसी कट्टे, 39 पिस्टल, 5 रिवाल्वर, 2 टोपीदार बंदूक, दो 12 बोर बंदूक, 2 एयरगन, 11 मैगजीन, एक तलवार, 340 जिंदा कारतूस और 90 खाली कारतूस बरामद किए हैं. पुलिस की गिरफ्त में आए अधिकतर हथियार तस्कर युवा हैं, जो अपना वर्चस्व कायम करने के लिए या गैंगवार करने के लिए या रंगदारी के लिए हथियार का इस्तेमाल करते हुए पाए गए हैं. हथियारों का प्रयोग करते हुए युवा खुद ही हथियारों की तस्करी में भी लिप्त हो गए और विभिन्न राज्यों से हथियार तस्करी कर राजस्थान के अलग-अलग जिलों में सप्लाई करने का काम करने लगे.
इन जिलों से हथियार लाकर किए जा रहे सप्लाई
एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि पुलिस के हत्थे चढ़े हथियार तस्करों से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि तस्करों की ओर से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हथियार लाकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में सप्लाई किए जाते हैं. इसके साथ ही राजस्थान के भरतपुर, करौली और कोटा जिले से भी हथियार लाकर उन्हें राज्य के अलग-अलग जिलों में सप्लाई किया जाता है.
यूपी और एमपी से सस्ती दरों पर हथियार खरीदकर उन्हें राजस्थान में लाकर 3 से 4 गुना अधिक कीमत पर बेचा जाता है. ऐसे हथियार तस्कर जो पूर्व में भी आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुके हैं, उनका अलग से रिकॉर्ड बनाया जा रहा है.