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राजस्थान हाई कोर्टः राज्य सरकार पर हर्जाना, जवाब पेश नहीं करने पर एसीएस तलब - ट्रैफिक जाम मामले का जवाब

राजस्थान हाई कोर्ट ने अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के मामले में राज्य सरकार की ओर से दो साल से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. अदालत ने राज्य सरकार पर दस हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है

Rajasthan High Court, राजस्थान हाई कोर्ट
राज्य सरकार पर हाई कोर्ट ने लगाया हर्जाना
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Published : Jul 8, 2021, 5:08 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के मामले में राज्य सरकार की ओर से दो साल से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर दस हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने एसीएस यूडीएच को 22 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं.

पढ़ेंः RAS आरडी मीणा के खिलाफ विधायक भरत सिंह का प्रदर्शन, कहा- टमाटर को काटने के लिए तलवार की जरूरत नहीं

न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूलाल शर्मा की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार पर अप्रैल 2019 में नोटिस तामील हो चुके हैं, लेकिन अब तक जवाब पेश नहीं किया गया. वहीं, राज्य सरकार एक बार फिर जवाब पेश करने के लिए समय मांग रही है.

याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से सांगानेर फ्लाई ओवर के बीच सेक्टर रोड पर अवैध निर्माण कर सड़क की चौड़ाई घटा दी गई है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.

पढ़ेंः कस्टमर केयर अधिकारी बनकर 1 लाख रुपए से अधिक की ठगी, ठग जामताड़ा से गिरफ्तार

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अदालत की ओर से नोटिस जारी होने के दो साल बाद भी अब तक मामले में जवाब पेश नहीं किया गया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने दस हजार रुपए के हर्जाने के साथ जवाब पेश करने का समय दिया है. जवाब पेश नहीं होने की स्थिति में अदालत ने एसीएस यूडीएच को तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण और ट्रैफिक जाम के मामले में राज्य सरकार की ओर से दो साल से जवाब पेश नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार पर दस हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने एसीएस यूडीएच को 22 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं.

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न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूलाल शर्मा की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि राज्य सरकार पर अप्रैल 2019 में नोटिस तामील हो चुके हैं, लेकिन अब तक जवाब पेश नहीं किया गया. वहीं, राज्य सरकार एक बार फिर जवाब पेश करने के लिए समय मांग रही है.

याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने बताया कि मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से सांगानेर फ्लाई ओवर के बीच सेक्टर रोड पर अवैध निर्माण कर सड़क की चौड़ाई घटा दी गई है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है.

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याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अदालत की ओर से नोटिस जारी होने के दो साल बाद भी अब तक मामले में जवाब पेश नहीं किया गया है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने दस हजार रुपए के हर्जाने के साथ जवाब पेश करने का समय दिया है. जवाब पेश नहीं होने की स्थिति में अदालत ने एसीएस यूडीएच को तलब किया है.

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