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बड़े साहब के निर्देश पर निरीक्षण, ऑफिस में अनुपस्थित मिली उनकी पत्नी तो टीम ने किया फोन, कार्रवाई के मिले निर्देश

प्रदेश में प्रशासनिक सुधार विभाग ने लेटलतीफी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस दौरान भारी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों अपने दफ्तर से अनुपस्थित पाए गए. इसमें जांच के दौरान प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन की पत्नी पत्नी भी अपने दफ्तर से अनुपस्थित पाई गई. इसके बाद वेंकेटेश्वरन ने पत्नी पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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Published : Oct 5, 2019, 2:07 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक्शन शरू कर दिया है. वहीं इस लेटलतीफी में कार्रवाई के दौरान खुद प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन की पत्नी भी फंस गई. बताया जा रहा है कि वह जांच अभियान के दौरान दफ्तर से नदारद थी. इसके बाद जांच अधिकारियों ने इसकी सूचना आर वेंकटेश्वरन को दी तो उन्होंने अपनी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश.

औचक निरीक्षण की जांच में प्रमुख सचिव वेंकेटेश्वरन की पत्नी भी पाई गई अनुपस्थित

बता दें कि सचिवालय के बाहर हुए औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारियों नदारद पाए गए. इसी कड़ी में प्रशासनिक सुधार विभाग की 8 सदस्यीय टीम ने एसएमएस हॉस्पिटल, चिकित्सा निदेशालय, उद्योग भवन और खनिज भवन में औचक निरीक्षण किया.

भारी संख्या में गजेटेड, नॉन गजेटेड ऑफिसर पाए गए अनुपस्थित

वहीं प्रशासनिक सुधार विभाग के इस एक्शन से सभी विभागों में हड़कम्प मच गया हैं. टीम के प्रभारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया की एसएमएस अस्पताल में 1499 नॉन गजेटेड में से 632, यानि कि 42.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले. इसी प्रकार चिकित्सा निदेशालय में 193 में से 64 गजेटेड, यानि कि 33.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले.

यह भी पढ़ें- आधी रात को बांसवाड़ा पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, CM गहलोत पर साधा निशाना

बताया जा रहा है कि चिकित्सा निदेशालय में 430 में से 241 यानि 56.04 प्रतिशत नॉन गजेटेड ऑफिसर अनुपस्थित मिले. साथ ही उद्योग भवन में 147 गजेटेड ऑफिसर में से 87, यानि कि 59.18 प्रतिशत अनुपस्थित मिले. उद्योग भवन में नॉन गजेटेड में 582 में से 358 यानि कि 61.51 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए. खनिज विभाग में कुल 153 में से 69 यानि 45.09 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए.

औचक निरीक्षण की टीम ने जब्त की उपस्थिति पंजीका

इसके बारे में सहायक अनुभाग अधिकारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से चलाया गया औचक निरीक्षण अभियान के चौथे दिन निरीक्षण टीम सचिवालय से बाहर के दफ्तरों तक पहुंच गया है. प्रशानिक सुधार विभाग की टीम सहायक सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह 8 बजे एसएमएस अस्पताल औचक निरीक्षण के लिए पहुंची. जहां पर 21 उपस्थिति रजिस्टर जब्त किए गए.

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ऐसे में अब प्रशानिक विभाग यह जांच कर रही है कि कितने कर्मचारी समय पर उपस्थित हुए और कितने अनुपस्थित रहे. इसके बाद प्रशानिक सुधार विभाग की टीम ने उद्योग भवन, चिकित्सा और स्वास्थ्य भवन में औचक निरीक्षण किया. यहां औचक निरीक्षण की टीम उपस्थिति पंजीका जब्त की. इसमें स्वास्थ्य विभाग के 43 और उद्योग भवन के 71 उपस्थिति पंजीका थी.

निरीक्षण के पहले ही दिन भीरी संख्या में अनुपस्थित पाए गए

बता दें कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी की शिकायतों पर 1 अक्टूबर से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया गया था. पहले तीन दिन ये अभियान शासन सचिवालय में चला, जहां पर पहले दिन 71 से 72 फीसदी तक कर्मचारियों और अधिकारियों अनुपस्थित पाय गए थे. हालांकि ये अनुपस्थिति का आंकड़ा तीसरे दिन तक आते-आते 7 फीसदी से 16 फीसदी के बीच तक पहुंच गया था.

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सूत्रों के हवाले से बताय गया है कि प्रशासनिक सुधार विभाग का ये औचक निरीक्षण अभियान आगे भी अन्य विभागों में जारी रहेगा. इससे पहले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर एक विशेष औचक निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए थे. ताकि प्रदेश के जिलों में कर्मचारियों और अधिकारियों के दफ्तर आने के समय पर निगरानी रखी जा सके.

जयपुर. प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी को रोकने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने एक्शन शरू कर दिया है. वहीं इस लेटलतीफी में कार्रवाई के दौरान खुद प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन की पत्नी भी फंस गई. बताया जा रहा है कि वह जांच अभियान के दौरान दफ्तर से नदारद थी. इसके बाद जांच अधिकारियों ने इसकी सूचना आर वेंकटेश्वरन को दी तो उन्होंने अपनी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश.

औचक निरीक्षण की जांच में प्रमुख सचिव वेंकेटेश्वरन की पत्नी भी पाई गई अनुपस्थित

बता दें कि सचिवालय के बाहर हुए औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारियों नदारद पाए गए. इसी कड़ी में प्रशासनिक सुधार विभाग की 8 सदस्यीय टीम ने एसएमएस हॉस्पिटल, चिकित्सा निदेशालय, उद्योग भवन और खनिज भवन में औचक निरीक्षण किया.

भारी संख्या में गजेटेड, नॉन गजेटेड ऑफिसर पाए गए अनुपस्थित

वहीं प्रशासनिक सुधार विभाग के इस एक्शन से सभी विभागों में हड़कम्प मच गया हैं. टीम के प्रभारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया की एसएमएस अस्पताल में 1499 नॉन गजेटेड में से 632, यानि कि 42.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले. इसी प्रकार चिकित्सा निदेशालय में 193 में से 64 गजेटेड, यानि कि 33.16 प्रतिशत चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले.

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बताया जा रहा है कि चिकित्सा निदेशालय में 430 में से 241 यानि 56.04 प्रतिशत नॉन गजेटेड ऑफिसर अनुपस्थित मिले. साथ ही उद्योग भवन में 147 गजेटेड ऑफिसर में से 87, यानि कि 59.18 प्रतिशत अनुपस्थित मिले. उद्योग भवन में नॉन गजेटेड में 582 में से 358 यानि कि 61.51 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए. खनिज विभाग में कुल 153 में से 69 यानि 45.09 प्रतिशत एब्सेंट पाए गए.

औचक निरीक्षण की टीम ने जब्त की उपस्थिति पंजीका

इसके बारे में सहायक अनुभाग अधिकारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से चलाया गया औचक निरीक्षण अभियान के चौथे दिन निरीक्षण टीम सचिवालय से बाहर के दफ्तरों तक पहुंच गया है. प्रशानिक सुधार विभाग की टीम सहायक सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह 8 बजे एसएमएस अस्पताल औचक निरीक्षण के लिए पहुंची. जहां पर 21 उपस्थिति रजिस्टर जब्त किए गए.

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ऐसे में अब प्रशानिक विभाग यह जांच कर रही है कि कितने कर्मचारी समय पर उपस्थित हुए और कितने अनुपस्थित रहे. इसके बाद प्रशानिक सुधार विभाग की टीम ने उद्योग भवन, चिकित्सा और स्वास्थ्य भवन में औचक निरीक्षण किया. यहां औचक निरीक्षण की टीम उपस्थिति पंजीका जब्त की. इसमें स्वास्थ्य विभाग के 43 और उद्योग भवन के 71 उपस्थिति पंजीका थी.

निरीक्षण के पहले ही दिन भीरी संख्या में अनुपस्थित पाए गए

बता दें कि प्रशानिक सुधार विभाग की ओर से कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी की शिकायतों पर 1 अक्टूबर से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया गया था. पहले तीन दिन ये अभियान शासन सचिवालय में चला, जहां पर पहले दिन 71 से 72 फीसदी तक कर्मचारियों और अधिकारियों अनुपस्थित पाय गए थे. हालांकि ये अनुपस्थिति का आंकड़ा तीसरे दिन तक आते-आते 7 फीसदी से 16 फीसदी के बीच तक पहुंच गया था.

यह भी पढ़ें- मानसिक रोगी युवक ने बेटे की कर दी पिटाई

सूत्रों के हवाले से बताय गया है कि प्रशासनिक सुधार विभाग का ये औचक निरीक्षण अभियान आगे भी अन्य विभागों में जारी रहेगा. इससे पहले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर एक विशेष औचक निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए थे. ताकि प्रदेश के जिलों में कर्मचारियों और अधिकारियों के दफ्तर आने के समय पर निगरानी रखी जा सके.

Intro:लेटलतीफी कार्मिकों खिलाफ एक्शन मे खुद प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरन की पत्नी भी थी दफ्तर से नदारद , वेंकटेश्वरण ने अपनी पत्नी के खिलाफ भी कार्रवाई के दिए निर्देश, सचिवालय के बाहर हुए औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी नदारद
--तीनों सरकारी संस्थानों में बड़ी संख्या में नदारद रहे कार्मिक
--SMS अस्पताल में 42.16% अनुपस्थित मिले चिकित्सा कर्मी
--उद्योग भवन में 59.18% अनुपस्थित मिले कार्मिक
--चिकित्सा निदेशालय में 33.16% अनुपस्थित रही

एंकर:- कर्मचारियों और अधिकारियों की लेटलतीफी को रोकने के लिए चल रहा प्रशासनिक सुधार विभाग का एक्शन जारी रहा। लेकिन इस लेटलतीफी कार्मिकों खिलाफ एक्शन मे खुद प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरन की पत्नी भी थी दफ्तर से नदारद , इसके बाद जांच अधिकारियों ने इनकी सूचना जब आर वेंकटेश्वरण दी तो उन्होंने अपनी पत्नी के खिलाफ भी कार्रवाई के दिए निर्देश, सचिवालय के बाहर हुए औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी नदारद इसी कड़ी में आज प्रशासनिक सुधार विभाग की 8 सदस्यीय टीम ने एसएमएस हॉस्पिटल, चिकित्सा निदेशालय, उद्योग भवन और खनिज भवन में औचक निरीक्षण किया। Body:
प्रशासनिक सुधार विभाग के इस एक्शन से सभी विभागों में हड़कम्प मच गया। टीम के प्रभारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया की SMS अस्पताल में 1499 नॉन गजेटेड में 632 यानि 42.16% चिकित्सा कर्मी अनुपस्थित मिले। इसी प्रकार चिकित्सा निदेशालय में 193 में से 64 गजेटेड यानि 33.16% अनुपस्थित मिले। निदेशालय में 430 में से 241 यानि 56.04% नॉन गजेटेड एब्सेंट मिले। उद्योग भवन में गजेटेड में 147 में से 87 यानि 59.18% अनुपस्थित मिले।
उद्योग भवन में नॉन गजेटेड में 582 में 358 यानि 61.51% एब्सेंट पाए गए। खनिज विभाग में कुल 153 में से 69 यानि 45.09% एब्सेंट रहे।
सहायक अनुभाग अधिकारी अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि प्रशानिक सुधार विभाग की और से चल था औचक निरीक्षण के अभियान आज चौथे दिन सचिवालय से बाहर के दफ्तरों तक पहुंच गया , प्रशानिक सुधार विभाग की टीम सहायक सचिव अनिल चतुर्वेदी के नेतृत्व में सुबह 8 बजे एसएमएस अस्पताल औचक निरीक्षण के लिए पहुंची जहां पर 21 उपस्थिति रजिस्टर जब्त किए , एसएमएस अस्पताल में चतुरश्रेणी कर्मचारियों और नर्सेज स्टाफ का कार्यस्थल पर पहुंचने का समय 8 बजे का है , ऐसे अब प्रशानिक विभाग ये जांच कर रहा है कितने कर्मचारी समय पर उपस्थित हुए और कितने अनुपस्थित रहे , उसके बाद प्रशानिक सुधार विभाग की टीमों ने उद्योग भवन एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य भवन पर ओचक निरीक्षण किया , यहाँ पर औचक निरीक्षण टीम सुबह 9.40 पर उपस्थित पंजीका जब्त की , स्वास्थ्य विभाग में 43 और उद्योग भवन में 71
उपस्थित पंजीका जब्त किये , लेटलतीफी कार्मिकों खिलाफ एक्शन में आर वेंकटेश्वरण,
लेट आने पर पत्नी के खिलाफ भी की कार्रवाई, रजिस्टर करवाएं जब्त,प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव है आर वेंकटेश्वरन, जब बीआईपी में हो रहा था निरीक्षण तो आर वेंकटेश्वरण की पत्नी भी थी दफ्तर से नदारद ,
तभी निरीक्षण करने वालों ने वेंकटेश्वरण को दी इस मामले में रिपोर्ट,
तब वेंकटेश्वरण ने अपनी पत्नी के खिलाफ भी कार्रवाई के दिए निर्देश,दरअसल प्रशानिक सुधार विभाग की और कर्मचारी और अधिकारियों की लेटलतीफी की शिकायतों की बीच एक अक्टूबर से औचक निरीक्षण अभियान शुरू किया गया था , पहले तीन दिन ये अभियान शासन सचिवालय में चला जहां पर पहले दिन 71 से 72 फीसदी तक कर्मचारी और अधिकारी अनुपस्थित पाय गए थे , हालांकि ये अनुपस्थिति का आंकड़ा तीसरे दिन तक आते आते 7 फीसदी से 16 फीसदी तक पहुंच गया था , जानकारों सूत्रों की माने तो प्रशासनिक सुधार विभाग का ये औचक निरीक्षण अभियान आगे भी अन्य विभागों पर जारी रहेगा , इससे पहले प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर भी एक विशेष औचक निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए थे , ताकि प्रदेश के जिलों में कर्मचारियों और अधिकारियों के दफ्तर आने के समय पर निगरानी रखी जा सके ।

बाइट :- अनिल चतुर्वेदी - अनुभाग अधिकारी , प्रशानिक सुधार विभाग Conclusion:Vo
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