जयपुर. संभागीय आयुक्त और उनकी टीम की ओर से लगातार निरीक्षण की कार्रवाई होने के बावजूद भी कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. जब भी निरीक्षण की कार्रवाई होती है तो मेडिकल स्टाफ सहित अन्य स्टाफ गैरहाजिर मिलता है. गुरुवार को भी निरीक्षण में ऐसा ही कुछ नजारा फिर देखने को मिला. जयपुर संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा और उनकी टीमों ने सीकर और झुंझुनू जिले के राजकीय संस्थानों और कार्यालयों का निरीक्षण किया.
रींगस चिकित्सालय के निरीक्षण से 11 में से 5 डॉक्टर और 42 में से 25 कर्मचारी अनुपस्थित मिले. इस पर संभागीय आयुक्त ने नाराजगी भी जताई. जांच के दौरान संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा और उनकी 3 टीमों ने झुंझुनू जिले के पंचायत समिति कार्यालय, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, उदयपुरवाटी, राजकीय चिकित्सालय नवलगढ, तहसील कार्यालय उदयपुरवाटी, सी.एच.सी. उदयपुरवाटी, उप स्वास्थ्य केंद्र, जयसिंहपुरा पंचायत समिति, आयुर्वेद औषधालय आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की वर्तमान वस्तुस्थिति को देखा और सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए.
शर्मा ने प्रातः 9.15 बजे राजकीय चिकित्सालय, रींगस का भी औचक निरीक्षण किया. यहां 11 में से 5 डाॅक्टर और 42 में से 25 कार्मिक गैर हाजिर मिले. इनमें से 15 अनधिकृत रूप से अनुपस्थित मिले. ओपीडी में मरीज होने के बावजूद डॉक्टर नहीं थे. इंडोर में भी सभी बेड खाली पाए गए. मात्र एक प्रसूता सुबह 9 बजे भर्ती हुई. इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए उन्होंने संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को सभी अनुपस्थित कार्मिकों और पर्यवेक्षण में लापरवाही के लिए ब्लॉक सीएमएचओ और सी एम एच ओ सीकर को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.
शर्मा ने सीकर के शहीद नौरंगीलाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कटराथल का निरीक्षण किया. वहां की व्यवस्थाऐं सुचारू पाई गई, जिस पर शर्मा ने प्रसन्नता जाहिर की और कार्य कुशलता बढ़ाने के संबंध में तकनीकी निर्देश दिए. इसके बाद गोरा देवी जोधराज सौथलिया अस्पताल जाखल का निरीक्षण किया गया, जहां कुल 6 डाॅक्टर्स का स्टाफ है, जिसमें से 3 डाॅक्टर्स ही उपस्थित पाए गए. सभी ने आई कार्ड्स धारण कर रखे थे और अस्पताल के बाहर, अस्पताल की ओर से दी जाने वाली सेवाओं के बोर्ड नहीं लगे थे. इसके बाद टीम ने उदयपुरवाटी का निरीक्षण किया, जहां 10 डाॅक्टर्स सहित कुल 56 कार्मिकों का स्टाफ है, वहां भी व्यवस्थाएं सुचारू पाई गई. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवाई योजना के तहत 240 दवाई उपलब्ध है और साफ-सफाई की व्यवस्था भी अच्छी पाई गई.
वहीं, तहसील कार्यालय, उदयपुरवाटी का निरीक्षण किया गया, जहां 22 में से 13 कर्मचारी अनुपस्थित मिले और कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा पर ताला लगा हुआ पाया गया. राजकीय चिकित्सालय नवलगढ़ का निरीक्षण किया, जहां चिकित्सा सुविधाएं बेहतर पाई गई. मरीजों को दवा और जांच अस्पताल में उपलब्ध कराई जा रही है. चिकित्सों और नर्सिंग स्टाफ में सेवा के प्रति समर्पण और उत्साह को देखते हुए 6 कार्मिकों को प्रषंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया. वहां पर रोगियों को विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आंखों के ऑपरेशन की मशीन, सोनोग्राफी मशीन और हड्डियों के ऑपरेशन के लिए सी आर्म मशीन भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
सहकारिता दवा भण्डार की तरफ उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं की कीमत ज्यादा होने की शिकायत प्राप्त होने पर उपखण्ड अधिकारी नवलगढ़ को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए. तहसील कार्यालय, झुंझुनू में 14 में से 11 कार्मिक उपस्थित पाए गए. कार्यालय पंचायत समिति, उदयपुरवाटी में 24 में से 19 कार्मिक उपस्थित पाए गए. इसके बाद 3 घंटे से भी अधिक चली मैराथन बैठक में उन्होंने 130 स्लाइड का पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें झुंझुनू जिले के विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं पर अधिकारियों से सवाल जवाब किए और मौके पर ही उनका समाधान पूछा.
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वहीं, राज्य सरकार के रात 8 बजे के बाद शराब का विक्रय ना करने के निर्देशों के उल्लंघन के दो प्रकरण एडवांस पार्टी की ओर से पाए जाने पर जिला आबकारी अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. नगर पालिका संबंधी कार्य संतोषजनक ना होने और नगर पालिका क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण और नियम विरुद्ध हो रहे निर्माण पर प्रभावी कार्रवाई ना करने के कारण कमिश्नर नगर पालिका को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही जन सुनवाई में 61 आवेदनों पर लोगों की समस्याओं का मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देष देकर निस्तारण किया गया. साथ ही संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से 45 कार्मिकों को प्रशसा पत्र देकर सम्मानित किया गया.