जयपुर. बारिश की शुरुआत से पहले गुलाबी नगरी के बाशिंदों के लिए चिंताजनक खबर है. नगर निगम और जेडीए द्वारा नालों की सफाई के दावों की पोल जिला प्रशासन ने खोलकर रख दी है. नगर निगम और जेडीए ने कलेक्टर के साथ बैठक में नालों की सफाई का दावा किया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कराई गई नालों की वीडियोग्राफी में सामने आया है कि ना तो नालों की सफाई हुई और ना ही उनकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई. शहर में कई जगहों पर नाले खुले पड़े हैं. मानसून के दिनों में आपदा से बचने के लिए 15 दिन पहले ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है. लेकिन शहर में अभी तक बड़े नालों की सफाई नहीं हो पाई है.
जयपुर जिला प्रशासन ने एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसने जेडीए और निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिला प्रशासन द्वारा नालों की वीडियोग्राफी में हकीकत सामने आई है कि कई नालों में गंदगी अटी पड़ी है और कई नालों में सालों से सफाई नहीं हुई है. ऐसे नालों में बारिश के दौरान पानी का तेज बहाव से रहता है, जिसके कारण जनता को नुकसान उठाना पड़ता है. आपको बता दें कि जयपुर शहर में 800 से ज्यादा छोटे बड़े नाले हैं. जिनकी सफाई का दावा नगर निगम कई बार कर चुका है. पिछले दिनों परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बैठक ली, तब भी निगम ने नालों की सफाई का दावा किया था.
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु -:
- रिपोर्ट में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान बनीपार्क, घाटगेट और मानसरोवर स्थित नियंत्रण केंद्र पर जेडीए और निगम का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं मिला. तीनों कंट्रोल रूम सुचारू रूप से चालू नहीं थे.
- तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्रों पर आवश्यक बाढ़ बचाव सामग्री एवं संसाधन जैसे ट्रैक्टर-ट्रॉली, मड, पंपसेट, गैस कटर, रस्से, जेसीबी मशीन, मिट्टी के कट्टे आदि भी उपलब्ध नहीं थे.
- स्थापित बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर नगर निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा राउंड अप क्लॉक तैनात किए गए अधिकारी, कर्मचारी और हेल्पर आदि गैरहाजिर मिले.
- जयपुर में स्थित छोटे-बड़े नालों की सफाई का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं करवाया गया है और ना ही जोन के अनुसार नालों की सूची उपलब्ध कराई गई है.
- विस्तृत बाढ़ बचाव कार्य योजना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.
- खुले बहाव के नालों पर पिलरों का निर्माण एवं सुरक्षा चिन्ह अभी तक नहीं बनवाए गए हैं.
- परकोटे में जर्जर भवनों का चिन्हीकरण कर सूची भी जिला प्रशासन को नहीं भेजी गई है.
- निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर शहर में डूब क्षेत्र का चिन्हिकरण कर उसकी सूची अभी तक कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है.
नगर निगम और जेडीए को लिखा पत्र
इस रिपोर्ट के बाद 21 जून को जिला कलेक्टर ने नगर निगम और जेडीए आयुक्त को पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्हें पूरी रिपोर्ट के साथ मानसून सत्र के दौरान बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सुचारू रूप से चालू करने और बाढ़ बचाव संबंधी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.