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जयपुर जिला प्रशासन ने खोली जेडीए और नगर निगम के सफाई के दावों की पोल, वीडियोग्राफी में हकीकत आई सामने

जयपुर नगर निगम और जेडीए के नालों की सफाई के दावों की पोल जिला प्रशासन ने खोलकर रख दी है. निगम और जेडीए ने कलेक्टर के साथ बैठक में नालों की सफाई का दावा किया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा नालों की वीडियोग्राफी में सामने आया है कि अभी तक नालों की सफाई नहीं हुई है.

जयपुर जिला प्रशासन ने खोली जेडीए और निगम के दावों की पोल
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Published : Jun 21, 2019, 11:54 PM IST

जयपुर. बारिश की शुरुआत से पहले गुलाबी नगरी के बाशिंदों के लिए चिंताजनक खबर है. नगर निगम और जेडीए द्वारा नालों की सफाई के दावों की पोल जिला प्रशासन ने खोलकर रख दी है. नगर निगम और जेडीए ने कलेक्टर के साथ बैठक में नालों की सफाई का दावा किया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कराई गई नालों की वीडियोग्राफी में सामने आया है कि ना तो नालों की सफाई हुई और ना ही उनकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई. शहर में कई जगहों पर नाले खुले पड़े हैं. मानसून के दिनों में आपदा से बचने के लिए 15 दिन पहले ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है. लेकिन शहर में अभी तक बड़े नालों की सफाई नहीं हो पाई है.

जयपुर जिला प्रशासन ने खोली जेडीए और निगम के दावों की पोल

जयपुर जिला प्रशासन ने एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसने जेडीए और निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिला प्रशासन द्वारा नालों की वीडियोग्राफी में हकीकत सामने आई है कि कई नालों में गंदगी अटी पड़ी है और कई नालों में सालों से सफाई नहीं हुई है. ऐसे नालों में बारिश के दौरान पानी का तेज बहाव से रहता है, जिसके कारण जनता को नुकसान उठाना पड़ता है. आपको बता दें कि जयपुर शहर में 800 से ज्यादा छोटे बड़े नाले हैं. जिनकी सफाई का दावा नगर निगम कई बार कर चुका है. पिछले दिनों परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बैठक ली, तब भी निगम ने नालों की सफाई का दावा किया था.

जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु -:

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान बनीपार्क, घाटगेट और मानसरोवर स्थित नियंत्रण केंद्र पर जेडीए और निगम का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं मिला. तीनों कंट्रोल रूम सुचारू रूप से चालू नहीं थे.
  • तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्रों पर आवश्यक बाढ़ बचाव सामग्री एवं संसाधन जैसे ट्रैक्टर-ट्रॉली, मड, पंपसेट, गैस कटर, रस्से, जेसीबी मशीन, मिट्टी के कट्टे आदि भी उपलब्ध नहीं थे.
  • स्थापित बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर नगर निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा राउंड अप क्लॉक तैनात किए गए अधिकारी, कर्मचारी और हेल्पर आदि गैरहाजिर मिले.
  • जयपुर में स्थित छोटे-बड़े नालों की सफाई का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं करवाया गया है और ना ही जोन के अनुसार नालों की सूची उपलब्ध कराई गई है.
  • विस्तृत बाढ़ बचाव कार्य योजना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.
  • खुले बहाव के नालों पर पिलरों का निर्माण एवं सुरक्षा चिन्ह अभी तक नहीं बनवाए गए हैं.
  • परकोटे में जर्जर भवनों का चिन्हीकरण कर सूची भी जिला प्रशासन को नहीं भेजी गई है.
  • निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर शहर में डूब क्षेत्र का चिन्हिकरण कर उसकी सूची अभी तक कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है.

नगर निगम और जेडीए को लिखा पत्र
इस रिपोर्ट के बाद 21 जून को जिला कलेक्टर ने नगर निगम और जेडीए आयुक्त को पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्हें पूरी रिपोर्ट के साथ मानसून सत्र के दौरान बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सुचारू रूप से चालू करने और बाढ़ बचाव संबंधी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.

जयपुर. बारिश की शुरुआत से पहले गुलाबी नगरी के बाशिंदों के लिए चिंताजनक खबर है. नगर निगम और जेडीए द्वारा नालों की सफाई के दावों की पोल जिला प्रशासन ने खोलकर रख दी है. नगर निगम और जेडीए ने कलेक्टर के साथ बैठक में नालों की सफाई का दावा किया था. लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कराई गई नालों की वीडियोग्राफी में सामने आया है कि ना तो नालों की सफाई हुई और ना ही उनकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई. शहर में कई जगहों पर नाले खुले पड़े हैं. मानसून के दिनों में आपदा से बचने के लिए 15 दिन पहले ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है. लेकिन शहर में अभी तक बड़े नालों की सफाई नहीं हो पाई है.

जयपुर जिला प्रशासन ने खोली जेडीए और निगम के दावों की पोल

जयपुर जिला प्रशासन ने एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसने जेडीए और निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी है. जिला प्रशासन द्वारा नालों की वीडियोग्राफी में हकीकत सामने आई है कि कई नालों में गंदगी अटी पड़ी है और कई नालों में सालों से सफाई नहीं हुई है. ऐसे नालों में बारिश के दौरान पानी का तेज बहाव से रहता है, जिसके कारण जनता को नुकसान उठाना पड़ता है. आपको बता दें कि जयपुर शहर में 800 से ज्यादा छोटे बड़े नाले हैं. जिनकी सफाई का दावा नगर निगम कई बार कर चुका है. पिछले दिनों परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बैठक ली, तब भी निगम ने नालों की सफाई का दावा किया था.

जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु -:

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान बनीपार्क, घाटगेट और मानसरोवर स्थित नियंत्रण केंद्र पर जेडीए और निगम का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं मिला. तीनों कंट्रोल रूम सुचारू रूप से चालू नहीं थे.
  • तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्रों पर आवश्यक बाढ़ बचाव सामग्री एवं संसाधन जैसे ट्रैक्टर-ट्रॉली, मड, पंपसेट, गैस कटर, रस्से, जेसीबी मशीन, मिट्टी के कट्टे आदि भी उपलब्ध नहीं थे.
  • स्थापित बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर नगर निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा राउंड अप क्लॉक तैनात किए गए अधिकारी, कर्मचारी और हेल्पर आदि गैरहाजिर मिले.
  • जयपुर में स्थित छोटे-बड़े नालों की सफाई का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं करवाया गया है और ना ही जोन के अनुसार नालों की सूची उपलब्ध कराई गई है.
  • विस्तृत बाढ़ बचाव कार्य योजना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है.
  • खुले बहाव के नालों पर पिलरों का निर्माण एवं सुरक्षा चिन्ह अभी तक नहीं बनवाए गए हैं.
  • परकोटे में जर्जर भवनों का चिन्हीकरण कर सूची भी जिला प्रशासन को नहीं भेजी गई है.
  • निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जयपुर शहर में डूब क्षेत्र का चिन्हिकरण कर उसकी सूची अभी तक कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है.

नगर निगम और जेडीए को लिखा पत्र
इस रिपोर्ट के बाद 21 जून को जिला कलेक्टर ने नगर निगम और जेडीए आयुक्त को पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्हें पूरी रिपोर्ट के साथ मानसून सत्र के दौरान बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सुचारू रूप से चालू करने और बाढ़ बचाव संबंधी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.

Intro:जयपुर। जयपुर शहर की जनता के लिए चिंताजनक खबर है नगर निगम और जेडीए ने जिला कलेक्टर के साथ हुई बैठक में जिन नालों की सफाई का दावा किया था उसकी पोल जिला प्रशासन ने खोल के रख दी। जिला प्रशासन की ओर से ऐसे नालों की वीडियोग्राफी कराई गई तो तो यह बात सामने आई। उन नालों की ना तो सफाई हो पाई है और न ही उनकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई। कई जगह यह नाले खुले पड़े हैं। 15 दिन पहले ही आपदा से बचने के लिए तैयारियां शुरू कर दी जाती है लेकिन अभी तक ऐसे नालों की सफाई ही नहीं हो पाई है जहां आफत बहती है।


Body:जयपुर जिला प्रशासन ने एक ऐसी रिपोर्ट तैयार की है जिसने जेडीए और निगम की पोल खोलकर रख दी है। जिला कलेक्टर ने नालों की वीडियोग्राफी कराई तो हकीकत सामने आई कि कई नालों में गंदगी अटी पड़ी है और सफाई तक नहीं हो पाई है। कई नाले तो ऐसे है, जहाँ सालों तक सफाई नही हुई। अक्सर ऐसे नालों में बारिश के दौरान पानी तेज बहाव से बहता है और जनता को उसका नुकसान उठाना पड़ता है। आपको बता दें कि जयपुर शहर में 800 से ज्यादा छोटे बड़े नाले हैं जिनका नगर निगम कई बार दावा कर चुका है कि इन नालों की सफाई हो चुकी है। पिछले दिनों परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी जब बैठक ली थी तब भी निगम ने दावा किया था कि नालों की सफाई हो चुकी है।


Conclusion:जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु-
1. रिपोर्ट में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान बनीपार्क, घाटगेट और मानसरोवर स्थित नियंत्रण केंद्र पर जेडीए और निगम का कोई अधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिला। तीनों कंट्रोल रूम सुचारू रूप से चालू नहीं थे।
2. तीनों बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर आवश्यक बाढ बचाव सामग्री एवं संसाधन ट्रैक्टर ट्रॉली मड पंपसेट गैस कटर, रस्से, जेसीबी मशीन मिट्टी के कट्टे आदि भी उपलब्ध नहीं थे।
3. स्थापित बाद मित्र केंद्र पर नगर निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा राउंड थे क्लॉक तैनात किए गए अधिकारी, कर्मचारी और हेल्पर आदि गैरहाजिर मिले।
4. जयपुर में स्थित छोटे बड़े नालों की सफाई कार्य भी अभी तक पूरा नहीं करवाया गया है और ना ही जोन के अनुसार नालों की सूची उपलब्ध कराई गई है
5. विस्तृत बाढ़ बचाव कार्य योजना अभी तक प्राप्त नहीं हुई है
6. खुले बहाव के नालों पर पिलरों का निर्माण एवं सुरक्षा चिन्ह अभी तक नहीं बनवाए गए हैं
7. परकोटे में जर्जर भवनों को चिन्हीकरण कारण सूची भी जिला प्रशासन को नहीं भेजी गई है।
8. निगम और जयपुर विकास प्राधिकरण को जयपुर शहर में डूब क्षेत्र का चिन्हिकरण कर उसकी सूची अभी तक कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है।

नगर निगम और जेडीए को लिखा पत्र-
इस रिपोर्ट के बाद 21 जून शुक्रवार को जिला कलेक्टर ने नगर निगम और जेडीए आयुक्त को पत्र भी लिखा है जिसमें उन्हें पूरी रिपोर्ट के साथ मानसून सत्र के दौरान बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सुचारू रूप से चालू करने और बाढ बचाव संबंधी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
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