जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण डिस्कॉम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पहले से ही घाटे से जूझ रहे जयपुर डिस्कॉम का कर्जा लगातार बढ़ रहा है. आलम ये है कि लॉकडाउन के कारण अधिकतर उपभोक्ताओं को बिजली का बिल 31 मई तक जमा कराने की छूट दी गई है. लेकिन डिस्कॉम को बिजली खरीद के भुगतान में कोई छूट नहीं मिली है. लिहाजा अब जयपुर डिस्कॉम 500 करोड़ का लोन लेने की तैयारी में जुटा है.
जयपुर डिस्कॉम में बिलिंग की तुलना में 766 करोड़ रुपए कम जमा
दरअसल, जयपुर डिस्कॉम को तकनीकी रूप से जयपुर, कोटा और भरतपुर जोन में बांटा गया है, जिसमें कुल 13 जिले आते हैं. जयपुर डिस्कॉम से जुड़े अधिकारियों के अनुसार 22 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान इन जिलों में उपभोक्ताओं से 1421 करोड़ रुपए वसूलना था, लेकिन इसमें से 766 करोड़ रुपए डिस्कॉम को नहीं मिल पाए. इसका एक बड़ा कारण लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से दी गई रियायत है.
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हालांकि, जो बिजली डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं को देने के लिए अन्य कंपनियों से खरीदी है, उन्हें तो इसका भुगतान किया जाना है क्योंकि केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग से इस संबंध में डिस्कॉम को कोई छूट नहीं मिली है. यही कारण है जयपुर डिस्कॉम ने ऊर्जा विभाग को अवगत करा कर बैंकों से 500 करोड़ रुपए का ऋण लेने की तैयारी शुरू कर दी है.
डिस्कॉम को करना है इन्हें भुगतान
जयपुर डिस्कॉम अधिकारियों की मानें तो प्रदेश के उत्पादन निगम से तो बिजली ही जाती है, लेकिन कुछ प्राइवेट कंपनियों से भी बिजली की खरीद की जाती है. ऐसे में लोन के जरिए जो पैसा लिया जाएगा उसके जरिए सबसे पहले निजी कंपनियों का भुगतान होगा. उसके बाद फिर सरकारी क्षेत्र की उत्पादन कंपनियों को भुगतान किया जाएगा.
बता दें कि भुगतान की जाने वाली कंपनियों में अडानी पावर, राजवेस्ट, मारू ट्रांसमिशन, अरावली ट्रांसमिशन, थार पावर, हाडोती पावर और बाड़मेर पावर शामिल है. वहीं अक्षय ऊर्जा और केंद्रीय बिजली उत्पादक कंपनियों के साथ ही राज्य की सरकारी कंपनियों को भी बिजली का भुगतान करना है.