जयपुर. राजस्थान सूचना आयोग ने जयपुर डेयरी को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लोक प्राधिकरण (Jaipur Dairy under the ambit of RTI) मानते हुए सूचना उपलब्ध करवाने का आदेश पारित किया है. अपीलार्थी राधेश्याम गुर्जर की द्वितीय अपील पर सुनवाई करते हुए निर्णय पारित किया गया है. अपीलार्थी राधेश्याम गुर्जर की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट भगवत गौड़ ने आयोग के समक्ष जयपुर डेयरी के लोक प्राधिकरण होने सम्बन्धी प्रमाण प्रस्तुत किये थे जिन पर गौर करते हुए सूचना आयोग ने यह फैसला सुनाया है.
एडवोकेट गौड़ ने बताया कि राजस्थान का यह पहला मामला है जिसमें सूचना आयोग की डबल बैंच ने आयोग की सिंगल बेंच के पूर्व में पारित निर्णय के विपरित जाकर ऐतिहासिक फैसला दिया है. इससे जनता को लाभ मिलेगा और जयपुर डेयरी से भी सूचनाएं (Jaipur Dairy assume as public authority) ली जा सकेंगी. एडवोकेट भगवत गौड़ ने बताया कि वर्ष 2019 में राधेश्याम गुर्जर की ओर से जयपुर डेयरी से सम्बंधित सूचनाएं मांगी गईं थीं.
जयपुर डेयरी की ओर से लोक प्राधिकरण नहीं होने से सूचना का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होना और राजस्थान सूचना आयोग की ओऱ से वर्ष 2011 में जयपुर डेयरी को सूचना के अधिकार अधिनियम अनुसार लोक प्राधिकरण नहीं मानने के निर्णय का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार किया था. इसके खिलाफ राधेश्याम गुर्जर ने राजस्थान सूचना आयोग में द्वितीय अपील पेश की थी.
द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त डीबी गुप्ता ने प्रकरण को डबल बेंच में निर्णित करने के आदेश पारित किए थे. इस पर राजस्थान सूचना आयोग के डबल बेंच का गठन किया गया जिसमें मुख्य सूचना आयोग डीबी गुप्ता व सूचना आयोग लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए जयपुर डेयरी को लोक प्राधिकरण मानते हुए सूचना उपलब्ध करवाने के आदेश पारित किए गए हैं. इसके बाद अब जयपुर डेयरी सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में आ गई है.