जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को नगर निगम की ओर से बताया गया कि गणेश मंदिर के आसपास के अतिक्रमण चिन्हित करने और प्रभावितों के पुनर्वास के लिए कमेटी का गठन किया गया है.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में गत 15 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग के सचिव पेश हुए थे. सचिव ने न्यायालय के आदेश की पालना का आश्वासन दिया था. वहीं स्वायत्त शासन निदेशक ने 8 नवंबर को एक आदेश जारी करते हुए मोती डूंगरी गणेश मंदिर क्षेत्र से अतिक्रमण तय करने और पुर्नवास के संबंध में विचार के लिए कमेटी बनाने को कहा. इस कमेटी की रिपोर्ट को विभाग के आलाधिकारियों के सामने रखा जाना था.
पढ़ेंः जयपुर में एचआर कॉन्क्लेव का 16 और 17 दिसंबर को होगा आयोजन
नगर निगम के प्रशासक और आयुक्त ने 6 दिसंबर को एक कमेटी का गठन किया है. जिसको सभी तरह के अतिक्रमण सूचीबद्ध करने, सिटी सर्वे रिपोर्ट देखने के साथ पुर्नवास पर रिपोर्ट देने निर्देश दिया है. वहीं प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि विभाग के सचिव ने करीबन दो महीने पहले ही इस संबंध में पत्र जारी कर दिया था, लेकिन सुनवाई से चार दिन पहले कमेटी बनी है. ऐसे में अधिकारियों का रवैया पूरे मामले को लंबा खींचना है.