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राजस्थान में AIMIM की एंट्री की सुगबुगाहट, असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कही ये बड़ी बात

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Published : Dec 13, 2020, 12:06 PM IST

अब तक जिस बात की केवल चर्चाएं थी कि हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की राजस्थान में एंट्री होगी, अब उसको और ज्यादा बल मिलने लगा है और इस बार राजस्थान में चुनाव लड़ने के संकेत खुद असदुद्दीन ओवैसी ने दिए हैं.

asaduddin Owaisi retweeted on btp chhotubhai vasava, AIMIM in rajasthan
असदुद्दीन ओवैसी...

जयपुर. राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के बाद समीकरण बदल गए हैं. जहां इन चुनावों में राजस्थान के आदिवासी बेल्ट में अपने पैर पसार रही बीटीपी ने सहयोगी दल कांग्रेस का साथ छोड़ने का मानस बना लिया है, तो वहीं हनुमान बेनीवाल की आरएलपी भी भाजपा से जुदा-जुदा लग रही है. ऐसे में राजस्थान में एक बार फिर से तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू होती लग रही है. ऐसे में अब तक जिस बात की केवल चर्चाएं थी कि हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की राजस्थान में एंट्री होगी, अब उसको और ज्यादा बल मिलने लगा है और इस बार राजस्थान में चुनाव लड़ने के संकेत खुद असदुद्दीन ओवैसी ने दिए हैं. डूंगरपुर में जिला प्रमुख चुनाव और प्रधान चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर जिस तरीके से बीटीपी को हराया. उसके बाद बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटू भाई वसावा ने ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

  • वसावाजी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह-शाम "विपक्षी एकता" का पाठ पढ़ाएगी लेकिन ख़ुद "जनेऊधारी एकता" से ऊपर नहीं उठेगी।ये दोनों एक है।आप कब तक इनके सहारे चलेंगे?क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताक़त किसी "kingmaker" होने से कम है?उम्मीद है के आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के... https://t.co/4Bz3vVKcZp

    — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें: पंचायत चुनाव में अपनी हार को स्वीकार करें सीएम गहलोत: गुलाबचंद कटारिया

उनके इस अभियान को असदुद्दीन ओवैसी का भी समर्थन मिला और ओवैसी ने बीटीपी के समर्थन में ट्वीट करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा. ओवैसी के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटू भाई वसावा के ट्वीट के जवाब में लिखा, "वसावा जी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह शाम विपक्षी एकता का पाठ पढ़ाएगी, लेकिन खुद जनेऊधारी एकता से ऊपर नहीं उठेगी. ये दोनों एक है. आप कब तक इनके सहारे चलोगे? क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताकत किसी किंगमेकर होने से कम है? उम्मीद है कि आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे. हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं.

यह भी पढ़ें: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने माना- संगठन का नहीं बनना चुनाव हारने का प्रमुख कारण रहा

ओवैसी का यह ट्वीट साफ कर रहा है कि उनकी पार्टी की नजर राजस्थान में सबसे पहले आदिवासी बेल्ट पर है और वह भारतीय ट्राईबल पार्टी के सहयोग से आदिवासी बेल्ट में सेंध लगाना चाहती है. जानकारों की मानें तो बीटीपी और एआईएमआईएम अगर मिलकर आदिवासी बेल्ट में चुनाव लड़ी तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है. वहीं, आपको बता दें की आदिवासी बेल्ट मैं आने के संकेत तो खुद असदुद्दीन ओवैसी ने दे दिए हैं. लेकिन, इससे पहले ओवैसी की पार्टी के राजस्थान में आने की नींव 6 नगर निगम चुनाव में पड़ चुकी थी. जब बड़ी तादाद में मुस्लिम पार्षदों के जीतने के बाद भी जयपुर समेत 6 नगर निगमों में से कहीं भी मुस्लिम अल्पसंख्यक को महापौर नहीं बनाया गया था.

जयपुर. राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के बाद समीकरण बदल गए हैं. जहां इन चुनावों में राजस्थान के आदिवासी बेल्ट में अपने पैर पसार रही बीटीपी ने सहयोगी दल कांग्रेस का साथ छोड़ने का मानस बना लिया है, तो वहीं हनुमान बेनीवाल की आरएलपी भी भाजपा से जुदा-जुदा लग रही है. ऐसे में राजस्थान में एक बार फिर से तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू होती लग रही है. ऐसे में अब तक जिस बात की केवल चर्चाएं थी कि हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की राजस्थान में एंट्री होगी, अब उसको और ज्यादा बल मिलने लगा है और इस बार राजस्थान में चुनाव लड़ने के संकेत खुद असदुद्दीन ओवैसी ने दिए हैं. डूंगरपुर में जिला प्रमुख चुनाव और प्रधान चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर जिस तरीके से बीटीपी को हराया. उसके बाद बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटू भाई वसावा ने ट्विटर के माध्यम से कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

  • वसावाजी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह-शाम "विपक्षी एकता" का पाठ पढ़ाएगी लेकिन ख़ुद "जनेऊधारी एकता" से ऊपर नहीं उठेगी।ये दोनों एक है।आप कब तक इनके सहारे चलेंगे?क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताक़त किसी "kingmaker" होने से कम है?उम्मीद है के आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे। हिस्सेदारी के... https://t.co/4Bz3vVKcZp

    — Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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उनके इस अभियान को असदुद्दीन ओवैसी का भी समर्थन मिला और ओवैसी ने बीटीपी के समर्थन में ट्वीट करते हुए भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधा. ओवैसी के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष छोटू भाई वसावा के ट्वीट के जवाब में लिखा, "वसावा जी कांग्रेस आपको और मुझको सुबह शाम विपक्षी एकता का पाठ पढ़ाएगी, लेकिन खुद जनेऊधारी एकता से ऊपर नहीं उठेगी. ये दोनों एक है. आप कब तक इनके सहारे चलोगे? क्या आपकी स्वतंत्र सियासी ताकत किसी किंगमेकर होने से कम है? उम्मीद है कि आप जल्द ही एक सही फैसला लेंगे. हिस्सेदारी के इस संघर्ष में हम आपके साथ हैं.

यह भी पढ़ें: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने माना- संगठन का नहीं बनना चुनाव हारने का प्रमुख कारण रहा

ओवैसी का यह ट्वीट साफ कर रहा है कि उनकी पार्टी की नजर राजस्थान में सबसे पहले आदिवासी बेल्ट पर है और वह भारतीय ट्राईबल पार्टी के सहयोग से आदिवासी बेल्ट में सेंध लगाना चाहती है. जानकारों की मानें तो बीटीपी और एआईएमआईएम अगर मिलकर आदिवासी बेल्ट में चुनाव लड़ी तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है. वहीं, आपको बता दें की आदिवासी बेल्ट मैं आने के संकेत तो खुद असदुद्दीन ओवैसी ने दे दिए हैं. लेकिन, इससे पहले ओवैसी की पार्टी के राजस्थान में आने की नींव 6 नगर निगम चुनाव में पड़ चुकी थी. जब बड़ी तादाद में मुस्लिम पार्षदों के जीतने के बाद भी जयपुर समेत 6 नगर निगमों में से कहीं भी मुस्लिम अल्पसंख्यक को महापौर नहीं बनाया गया था.

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