जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को फसली ऋण वितरण का मामला गूंजा. जिस पर सरकार से पूछा गया कि तय लक्ष्य से कम वितरण क्यों हुआ. बता दें कि सहकारिता विभाग मौजूदा वित्त वर्ष में अपने तय लक्ष्य से कम फसली ऋण का वितरण कर पाया. जिसके चलते इस पर सियासत भी गर्म है. बुधवार को राजस्थान विधानसभा के प्रश्नकाल में भी इसकी गूंज सुनाई दी.
विधायक ने गिनाए किसानों के नाम
विधायक गोविंद प्रसाद ने प्रश्न लगाते हुए सहकारिता विभाग और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया और कहा कि तमाम दावों के बावजूद कई किसान अब तक ब्याज मुक्त फसली ऋण मिलने से महरूम है. विधायक ने इस दौरान सदन में ही अपने क्षेत्र के उन किसानों के नाम के गिनाना शुरू कर दिया, जो रबी की फसल ऋण राशि मिलने से महरूम रह गए.
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किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली: आंजना
हालांकि सवाल के जवाब में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में रबी की फसल के लिए करीब 4000 करोड़ का फसली ऋण विभाग ने बांट दिया है और कहीं पर भी किसी प्रकार की शिकायत नहीं मिली. मंत्री आंजना ने कहा कि झालावाड़ में ही 86 हजार 400 किसानों को अक्टूबर 2018 से 15 जनवरी 2020 तक 3 करोड़ 10 लाख 17 हजार का अल्पकालीन फसली ऋण माफ किया गया है. अंजना ने विधायक गोविंद प्रसाद को कहा कि यदि आप कहते हैं कि किसानों को फसली ऋण नहीं मिला तो ऐसे लोगों की मुझे सूची उपलब्ध करा दें, मैं जांच करवा कर लूंगा कि किन कारणों से इन किसानों को फसली ऋण नहीं मिल पाया.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने लगाया आरोप
इस दौरान पूरक प्रश्न के जरिए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सहकारिता मंत्री और सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में किसानों का फसली ऋण समय पर माफ नहीं किया. जिसके चलते अधिकतर किसानों को अगला लोन नहीं मिल पाया. जिसके चलते निश्चित अवधि पर किसानों को मिलने वाला बीमे का फायदा नहीं मिल पाया. कटारिया ने कहा इसका जवाब भी मंत्री को सदन में देना चाहिए.
मंत्री आंजना ने दिया जबाव
जिस पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह सवाल पिछले सत्र के दौरान भी कटारिया जी ने पूछा था, मैं आपको बता दूं कि आप कि भारत सरकार का पोर्टल खराब रहने के चलते जोड़ने यह समस्या आई है.