जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन जारी है. इसी के तहत भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे आईपीएस हिम्मत अभिलाष टॉक को सस्पेंड कर दिया है. डीओपी की ओर से जारी आदेश में बताया है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जिला सिरोही और हाल प्रिंसीपल पुलिस ट्रेनिंग किशनगढ़ के खिलाभ विभागीय कार्रवाई विचाराधीन होने के कारण उन्हें निलंबित किया गया है. माना जा रहा है कि प्राथमिक जांच में अभिलाष को दोषी पाया है, जिसकी वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया है.
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डीओपी ने आदेश में कहा है कि निलंबन काल के दौरान हिम्मत अभिलाष का मुख्यालय डीजी कार्यालय रहेगा. आप को बता दे कि स्वरूपगंज के समीप जिले में आबकारी की संयुक्त टीम ने करोड़ों रुपए के शराब का जखीरा पकड़ा था. इस मामले में पुलिस अधिकारियों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे थे. जिस पर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रकरण की जांच बड़े अधिकारी से करवाने की मांग रखी थी.
आरोपों के बीच हुआ था तबादला
राज्य सरकार ने जून 2021 को शराब माफियाओं से मिलीभगत के आरोप में हिम्मत अभिलाष का तबादला सिरोही एसपी के पद से कर दिया था. शराब तस्करों से मिलीभगत के आरोपों में घिरे सिरोही पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टॉक को सरकार ने 8 जून 2021 की रात को हटा दिया था. सिरोही जिला पुलिस अधीक्षक रहते हुए हिम्मत अभिलाष पर कांस्टेबल देवेंद्र की ओर से शराब माफियाओं के साथ गठजोड़ के आरोप लगा था.
इसके बाद इस मामले की जांच विजिलेंस टीम के डीआईजी सत्येंद्र सिंह को सौंपी गई. विजिलेंस के एडीजी बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा था कि सिरोही पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टॉक पर कांस्टेबल देवेंद्र ने उसे डेढ़ लाख रुपए मांगने का आरोप लगाते हुए निलंबन करने का आरोप लगाया. साथ ही शराब माफियाओं के साथ पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष की मिलीभगत के आरोप लगाए थे.
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इस प्रकरण की जांच प्राथमिक रूप से जालोर की एडिशनल एसपी अनुकृति उज्जैनिया को दी गई थी. लेकिन बाद में प्रकरण की जांच विजिलेंस के डीआईजी सत्येंद्र सिंह को सौंपी गई. डीआईजी सत्येंद्र सिंह ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौप दी है.