जयपुर. जिस तरह से राजस्थान में युवाओं में नशे का प्रचलन बढ़ रहा है उसे लेकर सरकार भी काफी चिंतित है और नशे की तस्करी को रोकने व तस्करों पर लगाम लगाने के लिए पूरे प्रदेश में विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी न तो तस्करी के प्रकरण कम होने का नाम ले रहे हैं और न ही युवा नशे की गिरफ्त में जाने से बच रहे हैं (International Day Against Drug Abuse). मादक पदार्थों के काले धंधे में लिप्त तस्करों को तो दबोच लिया जाता है लेकिन उनके आकाओं तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है. न केवल युवाओं को नशे के दलदल में जाने से रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाना जरूरी है बल्कि जो युवा नशे के दलदल में फंस गए हैं उन्हें वहां से बाहर निकाल कर उनके जीवन में बदलाव किया जाना बेहद महत्वपूर्ण है.
युवाओं को बनाया जा रहा सॉफ्ट टारगेट: राजस्थान में मादक पदार्थों के तस्करों का जाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है और अब तस्कर युवाओं को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाने में लगे हुए हैं. यही नहीं राजस्थान में अब बड़ी तादाद में एमडी ड्रग भी विभिन्न राज्यों से तस्करी कर पहुंचाई जा रही है, जिसके चलते राजस्थान पुलिस भी काफी चिंतित नजर आ रही है. जयपुर पुलिस पूर्व में जिन भी मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार करती थी उनसे अफीम, चरस, गांजा और स्मैक बरामद हुआ करती थी लेकिन अब मॉडर्न ड्रग का प्रचलन काफी बढ़ गया है. जयपुर में अब अलग-अलग और नई किस्म की ड्रग्स के साथ तस्कर गिरफ्त में आ रहे हैं.
लगातार कार्रवाई के बावजूद भी बढ़ रही तस्करी: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध जयपुर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा ऑपरेशन क्लीन स्वीप चलाया जा रहा है, जिसके तहत लगातार तस्करों पर नकेल कसते हुए कार्रवाई की जा रही है. वहीं लगातार कार्रवाई के बावजूद भी तस्करी के नए प्रकरण सामने आ रहे हैं और मादक पदार्थों की तस्करी में अलग-अलग आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. नशा और अपराध का गठजोड़ है, अपराध के लिए नशा करने वाला व्यक्ति ही नशे के लिए अपराध करता है. खासकर राजधानी के युवाओं में नशे का प्रचलन काफी बढ़ रहा है और यही कारण है कि जयपुर विभिन्न राज्यों के तस्करों की पहली पसंद बनता जा रहा है. वहीं युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकाल कर उनकी आदतों को सुधारने के लिए नशा मुक्ति केंद्र के संचालन के बारे में भी जयपुर पुलिस द्वारा विचार किया जा रहा है.
एमडी ड्रग्स की तस्करी रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती: राजधानी जयपुर में युवाओं को नशा परोसने वाले सौदागरों ने लगातार एमडी ड्रग, कोकिन, ब्राउन शुगर आदि मॉडर्न ड्रग की सप्लाई करके जयपुर पुलिस की नींद उड़ा रखी है. बड़े शहरों से रेव पार्टी के लिए मॉडर्न ड्रग चोरी-छिपे राजधानी जयपुर में पहुंचाई जा रही है और उच्च आयु वर्ग के युवक-युवतियों को महंगे बार, पब, क्लब, रेस्टोरेंट आदि में परोसी जा रही है. इसके साथ ही फार्म हाउस या पेंट हाउस जैसी सुरक्षित जगहों पर रेव पार्टी का आयोजन करने में भी एमडी ड्रग का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे युवाओं के बीच में एक स्टेटस सिंबल के रूप में देखा जाता है. रेव पार्टी के दौरान नशीली टेबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन का प्रयोग भी बहुतायात में किया जा रहा है. 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं में इसका प्रचलन ज्यादा देखा जा रहा है.
पुलिस से बचने के लिए महिला तस्करों का लिया जा रहा सहारा: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि राजधानी जयपुर में तस्कर पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अब महिलाओं का सहारा लेने लगे हैं. राजधानी जयपुर में बड़ी संख्या में महिलाओं को विभिन्न मादक पदार्थों की तस्करी करते हुए गिरफ्तार किया गया है. ज्यादातर सांसी जाति की महिलाएं मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त पाई गई हैं. राजधानी जयपुर में 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की आयु की महिला तस्करों को पुलिस दबोच चुकी है. विभिन्न ड्रग्स पेडलर मादक पदार्थों की सुरक्षित डिलीवरी के लिए महिलाओं पर भरोसा करते हैं. यही कारण है कि जयपुर पुलिस अब तक तकरीबन 200 महिला तस्करों को अलग-अलग किस्म की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार कर चुकी है.
एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार किए 1419 तस्कर: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस अब तक एनडीपीएस एक्ट (Rajasthan in ndps act) के तहत 1110 प्रकरण दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 1419 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों से लेकर 61 साल से अधिक के वृद्ध तक शामिल पाए गए हैं. इसके साथ ही तस्करों से तकरीबन 67 लाख रुपए नकद, तस्करी में प्रयुक्त 263 वाहन और बड़ी तादाद में मादक पदार्थ बरामद किया गया है. तस्करों से बरामद किए गए वाहनों में 90 लग्जरी वाहन, 166 बाइक और 7 बड़े वाहन शामिल हैं.
यहां से तस्करी कर लाए जा रहे मादक पदार्थ: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि राजधानी जयपुर में उड़ीसा, बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और नेपाल से बड़ी तादाद में गांजा तस्करी कर लाया जा रहा है. इसी प्रकार से चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, मंदसौर, नीमच एवं पश्चिम बंगाल के मालदा से बड़ी तादाद में अफीम तस्करी कर लाई जा रही है. वहीं झालावाड़, टोंक से स्मैक और चित्तौड़ व झालावाड़ से डोडा पोस्त तस्करी कर राजधानी जयपुर में सप्लाई किया जा रहा है. वहीं हिमाचल प्रदेश, मुंबई और दिल्ली से मॉडर्न ड्रग, चरस, कोकिन और ब्राउन शुगर तस्करी कर जयपुर तक पहुंचाई जा रही है. तस्करों से तकरीबन 83 क्विंटल गांजा, 56 क्विंटल डोडा पोस्त, 4 क्विंटल अफीम, 16 किलो चरस, 14 किलो स्मैक, 25 ग्राम ब्राउन शुगर, 44 ग्राम कोकिन, 151 ग्राम एमडी ड्रग, 140 मिलीग्राम एलएसडी ड्रग, 800 ग्राम हेरोइन व 1 क्विंटल से अधिक नशीली दवाइयां बरामद की जा चुकी है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए की जा रही तस्करी: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए तस्कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं. इसके साथ ही तस्करी में महिलाओं और नाबालिग किशोरों का ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है ताकि पुलिस को उन पर किसी भी तरह का कोई शक ना हो. हाल ही में जयपुर में बिहार से ट्रेन में मादक पदार्थ लेकर आ रहे एक नाबालिग को निरुद्ध किया गया. जिससे हुई पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए नाबालिगों को महज कुछ रुपयों का लालच देकर उनके जरिए एक राज्य से दूसरे राज्य तक मादक पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं. इसी प्रकार से जयपुर पुलिस ने रोडवेज बस के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी करते हुए कुछ महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है.
नशा करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि अब जयपुर पुलिस ना केवल मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले और उसे बेचने वाले लोगों पर शिकंजा कस रही है बल्कि ऐसे लोग जो मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं उन्हें भी गिरफ्तार किया जा रहा है. हाल ही में जयपुर पुलिस ने ऐसे 2 दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है जो मादक पदार्थों का सेवन करते हुए पाए गए. ताजुब्ब की बात यह है कि मादक पदार्थों का सेवन करने वाले जिन लोगों को तस्करों से मादक पदार्थ खरीदते हुए गिरफ्तार किया गया उनमें अधिकांश छात्र शामिल थे. चिंता की बात यह है कि एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे कुछ छात्रों को भी मादक पदार्थों को खरीदते हुए गिरफ्तार किया गया है. एमबीबीएस के साथ ही बीटेक, बीसीए, बीबीए, एमबीए सहित विभिन्न विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र नशे की गिरफ्त में है.
नशे की पूर्ति के लिए कर रहे अपराध: राजधानी जयपुर में इन दिनों मोबाइल, पर्स व चेन स्नैचिंग और वाहन चुराने वाले गिरोह के जितने भी बदमाशों को गिरफ्तार किया जा रहा है वह सभी नशे की पूर्ति के लिए अपराध कर रहे हैं. हाल ही में जयपुर पुलिस ने बनीपार्क थाना क्षेत्र में 3 वाहन चोरों को गिरफ्तार किया. जब उनसे पूछताछ की गई तो तीनों बदमाशों ने स्मैक और गांजे का सेवन करने व नशे की पूर्ति के लिए दोपहिया वाहन चुराने की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की. इसी प्रकार से आदर्श नगर थाना इलाके में बुजुर्ग दंपति से चेन स्नैचिंग की वारदात में गिरफ्तार किए गए दोनों शातिर बदमाश भी नशे के आदी पाए गए. जिन्होंने नशे की पूर्ति के लिए वाहन चुराना और चुराए गए वहां से स्नैचिंग की वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की.