जयपुर. प्रदेश में करीब एक साल पहले परिवहन विभाग ने डाक योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत आरसी और लाइसेंस को डाक के जरिए लोगों के घर भेजा जा रहा था. लेकिन इस योजना में लगातार पेंडेंसी बढ़ने के साथ कई खामियां भी नजर आने लगीं. ऐसे में तत्काल निर्णय लेते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस योजना को बंद करने के लिए मौखिक आदेश दे दिए थे. लेकिन अभी तक योजना को बंद नहीं किया गया.
28 जुलाई को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रदेश के सभी आरटीओ और डीटीओ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसके अंतर्गत सभी अधिकारियों के द्वारा योजना में आ रही कमियों को लेकर बात की गई थी. उसके बाद मंत्री खाचरियावास के द्वारा मौखिक आदेश जारी कर डाक योजना को बंद करने के लिए कहा था. लेकिन अभी तक परिवहन विभाग के द्वारा उस योजना को बंद नहीं किया गया है और अभी भी विभाग के द्वारा लाइसेंसों को योजना के तहत ही घर भेजा जा रहा है. ऐसे में कई लोगों के लाइसेंस उनके घर नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं विभाग के द्वारा अभी भी एक कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है.
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जब परिवहन विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से इस बारे में जानना चाहा तो अधिकारियों ने औपचारिक रूप से बोलने से मना भी कर दिया. हालांकि अन्य अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप में बताया कि, डाक योजना के तहत परिवहन विभाग के अंतर्गत पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में डाक योजना के तहत आरसी और लाइसेंस भी घरों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं हर महीने करीब करोड़ों रुपए का कॉन्ट्रैक्ट भी Tohas कंपनी से कर रखा है. ऐसे में विभाग को हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है, कि विभाग के अधिकारी ही विभाग को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं.
राजस्व मामले में 5वें नंबर पर राजस्थान
बता दें कि परिवहन विभाग राजस्व के मामले में राजस्थान में पांचवें नंबर पर आता है. ऐसे में विभाग राजस्व के लिए एक मुख्य विभाग भी हैं. लेकिन विभाग के अधिकारी ही विभाग में भ्रष्टाचार फैलाने का काम कर रहे हैं. परिवहन आयुक्त रवि जैन की मानें तो अभी फाइल सरकार के पास भेजी गई हैं. ऐसे में जल्द ही सरकार से मंजूरी मिलने के बाद डाक योजना को बंद कर दिया जाएगा. लेकिन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि आमजन को आगे लाइसेंस और आरसी के लिए दो ऑप्शन दिए जाएंगे, जिसमें वे खुद आरटीओ ऑफिस जाकर भी अपने लाइसेंस और आरसी ले सकते हैं.
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वहीं दूसरे ऑप्शन में यदि वह डाक योजना का उपयोग करते हैं, तो उनके घर पर भी आरसी लाइसेंस भेजा जा सकेगा. लेकिन अभी तक सरकार की ओर से उस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई है. ऐसे में अभी भी मौखिक आदेश दे दिए गए, लेकिन उस योजना को बंद नहीं किया गया. ऐसे में परिवहन विभाग की कार्यशैली पर कहीं न कहीं कई बड़े सवाल भी खड़े होते हैं. क्योंकि आमजन जब अपने आरसी और लाइसेंस आरटीओ ऑफिस पहुंचे तो वहां से उन्हें जवाब मिलता है कि उनके और उनके घर भेज दिए गए हैं. लेकिन पहुंच नहीं पाते, ऐसे में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.