ETV Bharat / city

राजस्थानी आर्ट को मास्क के जरिए कुछ इस तरह बढ़ावा दे रही खादी बोर्ड की संस्थाएं

राजस्थान में मास्क मेकिंग प्रोडक्शन डिमांड से आगे निकल गया है. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद ने अप्रैल से अभी तक 10 लाख मास्क बना दिए हैं. वहीं, राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं भी मास्क बना रही हैं. इनमें खास बात राजस्थानी आर्ट को मास्क के जरिए बढ़ावा देने की है.

author img

By

Published : Aug 25, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 5:45 PM IST

मास्क पर राजस्थानी आर्ट, Rajasthan News
राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं मास्क के जरिए राजस्थानी आर्ट को दे रहीं बढ़ावा

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क मेकिंग कार्य ने जिस तेजी से रफ्तार पकड़ी है, अब उसका प्रोडक्शन डिमांड से आगे निकल गया है. राज्य की सरकारी संस्थाएं हो या फिर नामी फैशन डिजाइनर्स, सभी मास्क बनाने का काम कर रहे हैंं. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद ने अप्रैल से अभी तक 10 लाख मास्क बना दिए हैं, जो सरकारी कार्यालयों में दिए गए हैं.

पढ़ें: विधानसभा सत्र समाप्त, अब गहलोत सरकार पर 'हल्ला-बोल' की तैयारी में भाजपा

वहीं, राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं भी मास्क बना रही हैं जो यंगस्टर्स को काफी पसंद आ रहे हैं. इनमें खास बात राजस्थानी आर्ट को मास्क के जरिए बढ़ावा देने की है. हालांकि, खादी के मास्क महंगे जरूर है, लेकिन क्वालिटी को देखते हुए युवा काफी पसंद कर रहे हैं. खादी के मास्क की कीमत 50 रुपये से शुरू है. ये कीमत क्वालिटी को देखते हुए थोड़ी ज्यादा बताई जा रही है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग राजस्थान के निदेशक बद्रीलाल मीणा के अनुसार खादी को लेकर युवाओं की सोच में बदलाव आ रहा है. क्वालिटी को देखते हुए भी खादी के मास्क पसंद किए जा रहे हैं.

राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं मास्क के जरिए राजस्थानी आर्ट को दे रहीं बढ़ावा

पढ़ें: कोटा : Online शिक्षा देकर स्कूल बच्चों से करवा रहा 'साइबर क्राइम'...

खादी में प्रिंटेड मास्क भी अवेलेबल हैं, जिन्हें आउटफिट के साथ मैच करके पहना जा रहा है. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने पिछले दिनों 10 लाख मास्क तैयार किए हैं. अब इन मास्क की अरबन एरिया में डिमांड कम हो गई है. इसके चलते इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में बेचा जाएगा. ये मास्क कॉटन के हैं और इनकी कीमत भी कम है. कॉटन फैब्रिक के इन मास्क को बनाने के लिए महिलाओं को भी रोजगार मिला और वे मास्क मेकिंग का काम बखूबी कर रही हैं.

जयपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क मेकिंग कार्य ने जिस तेजी से रफ्तार पकड़ी है, अब उसका प्रोडक्शन डिमांड से आगे निकल गया है. राज्य की सरकारी संस्थाएं हो या फिर नामी फैशन डिजाइनर्स, सभी मास्क बनाने का काम कर रहे हैंं. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद ने अप्रैल से अभी तक 10 लाख मास्क बना दिए हैं, जो सरकारी कार्यालयों में दिए गए हैं.

पढ़ें: विधानसभा सत्र समाप्त, अब गहलोत सरकार पर 'हल्ला-बोल' की तैयारी में भाजपा

वहीं, राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं भी मास्क बना रही हैं जो यंगस्टर्स को काफी पसंद आ रहे हैं. इनमें खास बात राजस्थानी आर्ट को मास्क के जरिए बढ़ावा देने की है. हालांकि, खादी के मास्क महंगे जरूर है, लेकिन क्वालिटी को देखते हुए युवा काफी पसंद कर रहे हैं. खादी के मास्क की कीमत 50 रुपये से शुरू है. ये कीमत क्वालिटी को देखते हुए थोड़ी ज्यादा बताई जा रही है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग राजस्थान के निदेशक बद्रीलाल मीणा के अनुसार खादी को लेकर युवाओं की सोच में बदलाव आ रहा है. क्वालिटी को देखते हुए भी खादी के मास्क पसंद किए जा रहे हैं.

राजस्थान खादी बोर्ड की संस्थाएं मास्क के जरिए राजस्थानी आर्ट को दे रहीं बढ़ावा

पढ़ें: कोटा : Online शिक्षा देकर स्कूल बच्चों से करवा रहा 'साइबर क्राइम'...

खादी में प्रिंटेड मास्क भी अवेलेबल हैं, जिन्हें आउटफिट के साथ मैच करके पहना जा रहा है. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने पिछले दिनों 10 लाख मास्क तैयार किए हैं. अब इन मास्क की अरबन एरिया में डिमांड कम हो गई है. इसके चलते इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में बेचा जाएगा. ये मास्क कॉटन के हैं और इनकी कीमत भी कम है. कॉटन फैब्रिक के इन मास्क को बनाने के लिए महिलाओं को भी रोजगार मिला और वे मास्क मेकिंग का काम बखूबी कर रही हैं.

Last Updated : Aug 25, 2020, 5:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.