ETV Bharat / city

भारतीय मजदूर संघ ने निजीकरण के खिलाफ किया विरोध-प्रदर्शन

भारतीय मजदूर संघ ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय मजदूर संघ से जुड़े लोगों ने गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

जयपुर में विरोध , Jaipur Bharatiya Mazdoor Sangh
आर्थिक नीति के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ का प्रदर्शन
author img

By

Published : Jan 3, 2020, 4:59 PM IST

जयपुर. केंद्र और राज्य की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ से जुड़े हुए लोग सुबह जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने करीब 3 घंटे तक गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की.

आर्थिक नीति के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ का प्रदर्शन

वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में भारतीय मजदूर संघ के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. हमारे संगठन से जुड़ी हुई यूनियनों की ज्ञापन पर मंत्री और प्रबंधन बात करने को तैयार नहीं है. इसलिए अपनी मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन के बाद भारतीय मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया.

पढे़ंः बीकानेर-बांद्रा टर्मिनस-बीकानेर स्पेशल ट्रेन चलेगी, यात्रियों को मिलेगी राहत

भारतीय मजदूर संघ ने रोडवेज, विद्युत, जलदाय, ग्रामीण बैंक, आंगनवाड़ी, प्रबोधक संघ, सर्व शिक्षा अभियान, खान मजदूर नरेगा आदि से जुड़ी हुई समस्या बताई और उनके निवारण की मांग की. भारतीय मजदूर संघ ने 20 मांगों का एक मांग पत्र भी ज्ञापन के साथ दिया. यह प्रदर्शन भारतीय मजदूर संघ ने सभी जिला मुख्यालय पर किया गया.

बता दें कि भारतीय मजदूर संघ की सबसे बड़ी समस्या निजी करण को लेकर है. भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों का कहना है कि राज्य और केंद्र की सरकार अपने घाटे की पूर्ति सार्वजनिक उपक्रमों को औने -पौने दामों पर बेचकर करना चाहती है. इसका भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है. वहीं उन्होंने कहा कि देश में निजी और सार्वजनिक उपक्रम की उपस्थिति होनी चाहिए, किसी एक क्षेत्र की मोनोपोली नहीं चलनी चाहिए.

संघ के सदस्यों का कहना है कि जब से मोदी सरकार आई है. उसने श्रमिकों के हित के लिए बहुत कुछ किया है. ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाई गई है. पीएफ और सार्वजनिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है, लेकिन किसी भी हालत में निजीकरण का समर्थन भारतीय मजदूर संघ नहीं करता है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से श्रमिक विरोधी कानून जो लाया गया है उसका भी भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है.

जयपुर. केंद्र और राज्य की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ से जुड़े हुए लोग सुबह जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने करीब 3 घंटे तक गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की.

आर्थिक नीति के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ का प्रदर्शन

वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में भारतीय मजदूर संघ के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. हमारे संगठन से जुड़ी हुई यूनियनों की ज्ञापन पर मंत्री और प्रबंधन बात करने को तैयार नहीं है. इसलिए अपनी मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन के बाद भारतीय मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया.

पढे़ंः बीकानेर-बांद्रा टर्मिनस-बीकानेर स्पेशल ट्रेन चलेगी, यात्रियों को मिलेगी राहत

भारतीय मजदूर संघ ने रोडवेज, विद्युत, जलदाय, ग्रामीण बैंक, आंगनवाड़ी, प्रबोधक संघ, सर्व शिक्षा अभियान, खान मजदूर नरेगा आदि से जुड़ी हुई समस्या बताई और उनके निवारण की मांग की. भारतीय मजदूर संघ ने 20 मांगों का एक मांग पत्र भी ज्ञापन के साथ दिया. यह प्रदर्शन भारतीय मजदूर संघ ने सभी जिला मुख्यालय पर किया गया.

बता दें कि भारतीय मजदूर संघ की सबसे बड़ी समस्या निजी करण को लेकर है. भारतीय मजदूर संघ के सदस्यों का कहना है कि राज्य और केंद्र की सरकार अपने घाटे की पूर्ति सार्वजनिक उपक्रमों को औने -पौने दामों पर बेचकर करना चाहती है. इसका भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है. वहीं उन्होंने कहा कि देश में निजी और सार्वजनिक उपक्रम की उपस्थिति होनी चाहिए, किसी एक क्षेत्र की मोनोपोली नहीं चलनी चाहिए.

संघ के सदस्यों का कहना है कि जब से मोदी सरकार आई है. उसने श्रमिकों के हित के लिए बहुत कुछ किया है. ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाई गई है. पीएफ और सार्वजनिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है, लेकिन किसी भी हालत में निजीकरण का समर्थन भारतीय मजदूर संघ नहीं करता है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से श्रमिक विरोधी कानून जो लाया गया है उसका भी भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है.

Intro:जयपुर। भारतीय मजदूर संघ ने शुक्रवार को केंद्र व राज्य सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय मजदूर संघ से जुड़े लोगों ने गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।


Body:केंद्र व राज्य की गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ से जुड़े हुए लोग सुबह जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे इन लोगों ने 3 घंटे तक जमकर नारेबाजी की। गलत आर्थिक नीतियों के खिलाफ नारे लिखी हुई तख्तियां भी इनके हाथों में थी।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में भारतीय मजदूर संघ के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है हमारे संगठन से जुड़ी हुई यूनियनों की ज्ञापन पर मंत्री और प्रबंधन बात करने को तैयार नहीं है। इसलिए अपनी मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन के बाद भारतीय मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया।
भारतीय मजदूर संघ ने रोडवेज, विद्युत, जलदाय, ग्रामीण बैंक, आंगनवाड़ी, प्रबोधक संघ, सर्व शिक्षा अभियान, खान मजदूर नरेगा आदि से जुड़ी हुई समस्या बताई और उनके निवारण की मांग की। भारतीय मजदूर संघ ने 20 मांगों का एक मांग पत्र भी ज्ञापन के साथ दिया। यह प्रदर्शन भारतीय मजदूर संघ ने सभी जिला मुख्यालय पर किया है। भारतीय मजदूर संघ की सबसे बड़ी समस्या निजी करण को लेकर है। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकार अपने घाटे की पूर्ति सार्वजनिक उपक्रमों को औने पौने दामों पर बेचकर करना चाहती है और इसका भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है। भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि देश में निजी और सार्वजनिक उपक्रम की उपस्थिति होनी चाहिए किसी एक क्षेत्र की मोनोपोली नहीं चलनी चाहिए।



Conclusion:भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि जब से मोदी सरकार आई है उसने श्रमिकों के हित के लिए बहुत कुछ किया है। ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाई गई है पीएफ और सार्वजनिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है लेकिन किसी भी हालत में निजीकरण का समर्थन भारतीय मजदूर संघ नहीं करता है उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से श्रमिक विरोधी कानून जो लाया गया है उसका भी भारतीय मजदूर संघ विरोध करता है।

बाईट दीनानाथ रूंथला
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.