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मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं ने राजस्थान को किया शर्मसार, 5 साल में एक दर्जन से ज्यादा मामले

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Published : Aug 18, 2022, 6:53 PM IST

सरकार के लगातार प्रयास के बावजूद राजस्थान में मॉब लिंचिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अलवर में एक व्यक्ति को चोर समझ कर भीड़ ने इस कदर पीटा कि उसकी मौत हो गई. पिछले 5 साल में राज्य में मॉब लिंचिंग की एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुई हैं जिसने राजस्थान को शर्मसार किया है. जबकि राजस्थान उन राज्यों में शामिल है जहां मॉब लिंचिंग को लेकर कानून पारित है, लेकिन बिल अभी राष्ट्रपति के पास लंबित है.

Increasing mob lynching cases in Rajasthan, check shocking figures of last 5 years
मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं ने राजस्थान को किया शर्मसार, 5 साल में एक दर्जन से ज्यादा मामले

जयपुर. राजस्थान में भीड़ के उन्मादी होकर लोगों की हत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे (Mob lynching cases in Rajasthan) हैं. ऐसी भीड़ कभी गोतस्करों तो कभी चोरी या हादसे में शक के आधार पर आवेशित होकर लोगों को अपना शिकार बना लेती है. ताजा मामला गोविंदगढ़ में सब्जी बेचने वाले का है जिसे ट्रैक्टर चोरी की आशंका पर पीट-पीटकर मार डाला गया. मॉब लि​चिंग को लेकर प्रदेश में सख्त कानून प्रावधान है, जिसकी अंतिम स्वीकृति राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है. के बावजूद बढ़ते आंकड़े राज्य को शर्मसार करते हैं. क्या कहते हैं प्रदेश में मॉब लिंचिंग के आंकड़े जिसकी वजह से राजस्थान शर्मसार है.. पढ़िए इस खास रिपोर्ट में....

मॉब लिंचिंग के जख्म कुरेद गया ताजा मामला: अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास गांव में समुदाय विशेष के लोगों ने एक व्यक्ति के साथ लिंचिंग कर दी. सब्जी का ठेला लगाने वाला 50 साल का चिरंजीलाल खेत में शौच के लिए गया था. उसी दौरान एक चोर ट्रैक्टर चुराकर भाग रहा था. पीछे से सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक चोरों का पीछा कर रहे थे. चोरों ने खुद को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़ा और भाग गए. इतने में ही पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक आ गए.

पढ़ें: मॉब लिंचिंग का गढ़ बन रहा अलवर और भरतपुर, आए दिन हो रहीं घटनाएं

वहां मौजूद चिरंजीलाल को समुदाय विशेष के 20-25 लोगों ने चोर समझकर बुरी तरह से पीट दिया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस जब तक मौके पर पहुंची और जानकारी ली तो मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने घायल चिरंजीलाल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. भीड़ के उन्माद की ये कोई पहली घटना नहीं है. राजस्थान में पहलू खान, उमर खान, कृष्णा वाल्मीकि, आदर्श तापड़िया जैसे करीब एक दर्जन से ज्यादा बेगुनाह लोग लिंचिंग का शिकार हुए (Several killed in mob lynching) हैं.

पढ़ें: मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

राजस्थान में मॉब लिंचिंग के आंकड़े: बीते 5 सालों की बात करें तो राजस्थान के कई जिलों में खौफनाक मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने दिल को दहला दिया. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पांच सालों में एक दर्जन से ज्यादा लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा अलवर में (Alwar reported highest mob lynching cases) हुई. अकेले अलवर में आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुई हैं. फिर चाहे पहलू खान, उमर खान, अकबर उर्फ रकबर के बाद चिरंजीलाल हो.

ये हुई बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं:

  • पहली घटना: 3 अप्रैल, 2017 को अलवर के बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर गोरक्षा दल और अन्य हिन्दूवादी संगठन के सैकड़ों लोगों ने गोतस्करी के आरोप में 6 वाहनों को रोककर 15 गोतस्करों के साथ मारपीट की. मारपीट में गंभीर रूप से घायल 50 साल के पहलू खान की 5 अप्रैल को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
  • दूसरी घटना: 9 नवंबर, 2017 को गोविंदगढ़ में कथित गोरक्षकों ने उमर खान नाम के व्यक्ति की पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या कर दी.
  • तीसरी घटना: 20 जुलाई, 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गोतस्करी के शक में भीड़ ने अकबर नाम के व्यक्ति पर हमला बोल दिया था. बाद में उसकी मौत हो गई.
  • चौथी घटना: 25 जुलाई, 2018 को बाड़मेर जिले में एक दलित युवक खेताराम भीम की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. खेताराम भीम का कथित तौर पर एक मुस्लिम युवती से प्रेम संबंध था.
  • पांचवी घटना: 16 जुलाई, 2019 को दलित युवक हरीश जाटव की मॉब लिंचिंग हुई थी. युवक का कसूर केवल इतना था कि उसके बाइक से एक मुस्लिम महिला को टक्कर लग गई थी.
  • छठी घटना : 31 जुलाई, 2019 में मुख्यमंत्री के गृह जिले में जोधपुर के देचू थाने के गोलाई में पेड़ से बांधकर एक युवक को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला गया.
  • सातवीं घटना : 22 सितंबर, 2019 को झालावाड़ में धुलीचंद मीणा को मोटर पंप चोरी के आरोप में इस कदर बेरहमी से पीटा गया कि उसकी जान चली गई.
  • आठवीं घटना : 2020 में दौसा में जीवा राम मीणा और जीतू की एक गुट ने मिलकर हत्या कर दी.
  • नौवीं घटना : 1 जुलाई, 2021 को झालावाड़ में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मिलकर कृष्णा वाल्मीकि को बुरी तरह पीटा और फरार हो गए. घटना के चार दिन बाद कृष्णा की उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • दसवीं घटना : 15 सितंबर, 2021 को अलवर के 19 साल का योगेश अपनी बाइक से गांव जा रहा था. इस दौरान एक बालिका उसकी बाइक से टकरा गई थी. इस पर समाज विशेष के लोगों ने योगेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. उसके बाद मारपीट में घायल युवक की 3 दिन बाद जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई .
  • ग्यारहवीं घटना : 10 मई, 2022 को भीलवाड़ा में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता आदर्श तापड़िया की हत्या कर दी गई थी.
  • बारहवीं घटना : 14 अगस्त, 2022 को अलवर में चिरंजीलाल की हत्या संदेह के आधार पर ही कर दी थी.

लिंचिंग का मतलब क्या है? : जब कोई व्यक्ति किसी को अपराध के आरोप में बिना किसी कानूनी ट्रायल के सजा देता है और उस व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसे लिंच कहते हैं. इसमें पुलिस, कानून व्यवस्था शामिल नहीं होती है. अगर भीड़ एक व्यक्ति को किसी आरोप में बिना पड़ताल के ही मार देती है, तो इसे मॉब लिंचिंग कहा जाता (What is mob lynching) है. खास बात ये है कि लिंचिंग शब्द का जिक्र आईपीसी और सीआरपीसी में नहीं किया गया है और ना ही संविधान में इस शब्द को लेकर विशेष व्याख्या की गई है. सीआरपीसी का सेक्शन 223 इससे संबंधित है, जिसमें एक अपराध को लेकर एक से ज्यादा व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है. पहले मॉब लिंचिंग की कोई सजा तय नहीं थी. केस के आधार पर सजा निर्धारित की जाती थी.

पढ़ें: Mob Lynching पर संसद में बोली सरकार, मृतकों या घायलों की संख्या की जानकारी नहीं

मॉब लिंचिंग बिल पेंडिंग: प्रदेश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच राजस्थान में जुलाई 2019 में गहलोत सरकार ने इस पर कानून बनाने के लिए विधानसभा में बिल पेश किया (Bill on mob lynching in Rajasthan) था. इस बिल के मुताबिक मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने के बाद 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया. बिल के मुताबिक लिंचिंग रोकने के लिए प्रदेश में नोडल अधिकारी लाया जाएगा, जो कि पुलिस महानिरीक्षक के स्तर का होगा. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान घोषणा कर दी थी कि बलात्कार, मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग जैसे मामलों पर कठोर कानून बनाया जाएगा. इस कानून की जानकारी स्कूली सिलेबस में भी दी जाएगी. हालांकि बिल केंद्र में राष्ट्रपति के पास अंतिम मंजूरी के पेंडिंग है.

जयपुर. राजस्थान में भीड़ के उन्मादी होकर लोगों की हत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे (Mob lynching cases in Rajasthan) हैं. ऐसी भीड़ कभी गोतस्करों तो कभी चोरी या हादसे में शक के आधार पर आवेशित होकर लोगों को अपना शिकार बना लेती है. ताजा मामला गोविंदगढ़ में सब्जी बेचने वाले का है जिसे ट्रैक्टर चोरी की आशंका पर पीट-पीटकर मार डाला गया. मॉब लि​चिंग को लेकर प्रदेश में सख्त कानून प्रावधान है, जिसकी अंतिम स्वीकृति राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है. के बावजूद बढ़ते आंकड़े राज्य को शर्मसार करते हैं. क्या कहते हैं प्रदेश में मॉब लिंचिंग के आंकड़े जिसकी वजह से राजस्थान शर्मसार है.. पढ़िए इस खास रिपोर्ट में....

मॉब लिंचिंग के जख्म कुरेद गया ताजा मामला: अलवर जिले के गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के रामबास गांव में समुदाय विशेष के लोगों ने एक व्यक्ति के साथ लिंचिंग कर दी. सब्जी का ठेला लगाने वाला 50 साल का चिरंजीलाल खेत में शौच के लिए गया था. उसी दौरान एक चोर ट्रैक्टर चुराकर भाग रहा था. पीछे से सदर थाना पुलिस और ट्रैक्टर मालिक चोरों का पीछा कर रहे थे. चोरों ने खुद को पुलिस और ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को बिजली घर के पास स्थित एक खेत में छोड़ा और भाग गए. इतने में ही पुलिस से पहले ट्रैक्टर के मालिक आ गए.

पढ़ें: मॉब लिंचिंग का गढ़ बन रहा अलवर और भरतपुर, आए दिन हो रहीं घटनाएं

वहां मौजूद चिरंजीलाल को समुदाय विशेष के 20-25 लोगों ने चोर समझकर बुरी तरह से पीट दिया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस जब तक मौके पर पहुंची और जानकारी ली तो मामले का खुलासा हुआ. पुलिस ने घायल चिरंजीलाल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. भीड़ के उन्माद की ये कोई पहली घटना नहीं है. राजस्थान में पहलू खान, उमर खान, कृष्णा वाल्मीकि, आदर्श तापड़िया जैसे करीब एक दर्जन से ज्यादा बेगुनाह लोग लिंचिंग का शिकार हुए (Several killed in mob lynching) हैं.

पढ़ें: मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले 49 हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

राजस्थान में मॉब लिंचिंग के आंकड़े: बीते 5 सालों की बात करें तो राजस्थान के कई जिलों में खौफनाक मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने दिल को दहला दिया. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पांच सालों में एक दर्जन से ज्यादा लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा अलवर में (Alwar reported highest mob lynching cases) हुई. अकेले अलवर में आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुई हैं. फिर चाहे पहलू खान, उमर खान, अकबर उर्फ रकबर के बाद चिरंजीलाल हो.

ये हुई बड़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं:

  • पहली घटना: 3 अप्रैल, 2017 को अलवर के बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर गोरक्षा दल और अन्य हिन्दूवादी संगठन के सैकड़ों लोगों ने गोतस्करी के आरोप में 6 वाहनों को रोककर 15 गोतस्करों के साथ मारपीट की. मारपीट में गंभीर रूप से घायल 50 साल के पहलू खान की 5 अप्रैल को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
  • दूसरी घटना: 9 नवंबर, 2017 को गोविंदगढ़ में कथित गोरक्षकों ने उमर खान नाम के व्यक्ति की पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या कर दी.
  • तीसरी घटना: 20 जुलाई, 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गोतस्करी के शक में भीड़ ने अकबर नाम के व्यक्ति पर हमला बोल दिया था. बाद में उसकी मौत हो गई.
  • चौथी घटना: 25 जुलाई, 2018 को बाड़मेर जिले में एक दलित युवक खेताराम भीम की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. खेताराम भीम का कथित तौर पर एक मुस्लिम युवती से प्रेम संबंध था.
  • पांचवी घटना: 16 जुलाई, 2019 को दलित युवक हरीश जाटव की मॉब लिंचिंग हुई थी. युवक का कसूर केवल इतना था कि उसके बाइक से एक मुस्लिम महिला को टक्कर लग गई थी.
  • छठी घटना : 31 जुलाई, 2019 में मुख्यमंत्री के गृह जिले में जोधपुर के देचू थाने के गोलाई में पेड़ से बांधकर एक युवक को लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला गया.
  • सातवीं घटना : 22 सितंबर, 2019 को झालावाड़ में धुलीचंद मीणा को मोटर पंप चोरी के आरोप में इस कदर बेरहमी से पीटा गया कि उसकी जान चली गई.
  • आठवीं घटना : 2020 में दौसा में जीवा राम मीणा और जीतू की एक गुट ने मिलकर हत्या कर दी.
  • नौवीं घटना : 1 जुलाई, 2021 को झालावाड़ में एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मिलकर कृष्णा वाल्मीकि को बुरी तरह पीटा और फरार हो गए. घटना के चार दिन बाद कृष्णा की उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • दसवीं घटना : 15 सितंबर, 2021 को अलवर के 19 साल का योगेश अपनी बाइक से गांव जा रहा था. इस दौरान एक बालिका उसकी बाइक से टकरा गई थी. इस पर समाज विशेष के लोगों ने योगेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. उसके बाद मारपीट में घायल युवक की 3 दिन बाद जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई .
  • ग्यारहवीं घटना : 10 मई, 2022 को भीलवाड़ा में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता आदर्श तापड़िया की हत्या कर दी गई थी.
  • बारहवीं घटना : 14 अगस्त, 2022 को अलवर में चिरंजीलाल की हत्या संदेह के आधार पर ही कर दी थी.

लिंचिंग का मतलब क्या है? : जब कोई व्यक्ति किसी को अपराध के आरोप में बिना किसी कानूनी ट्रायल के सजा देता है और उस व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसे लिंच कहते हैं. इसमें पुलिस, कानून व्यवस्था शामिल नहीं होती है. अगर भीड़ एक व्यक्ति को किसी आरोप में बिना पड़ताल के ही मार देती है, तो इसे मॉब लिंचिंग कहा जाता (What is mob lynching) है. खास बात ये है कि लिंचिंग शब्द का जिक्र आईपीसी और सीआरपीसी में नहीं किया गया है और ना ही संविधान में इस शब्द को लेकर विशेष व्याख्या की गई है. सीआरपीसी का सेक्शन 223 इससे संबंधित है, जिसमें एक अपराध को लेकर एक से ज्यादा व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है. पहले मॉब लिंचिंग की कोई सजा तय नहीं थी. केस के आधार पर सजा निर्धारित की जाती थी.

पढ़ें: Mob Lynching पर संसद में बोली सरकार, मृतकों या घायलों की संख्या की जानकारी नहीं

मॉब लिंचिंग बिल पेंडिंग: प्रदेश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बीच राजस्थान में जुलाई 2019 में गहलोत सरकार ने इस पर कानून बनाने के लिए विधानसभा में बिल पेश किया (Bill on mob lynching in Rajasthan) था. इस बिल के मुताबिक मॉब लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने के बाद 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया. बिल के मुताबिक लिंचिंग रोकने के लिए प्रदेश में नोडल अधिकारी लाया जाएगा, जो कि पुलिस महानिरीक्षक के स्तर का होगा. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान घोषणा कर दी थी कि बलात्कार, मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग जैसे मामलों पर कठोर कानून बनाया जाएगा. इस कानून की जानकारी स्कूली सिलेबस में भी दी जाएगी. हालांकि बिल केंद्र में राष्ट्रपति के पास अंतिम मंजूरी के पेंडिंग है.

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