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आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन भेज पैसे वसूलने का मामला उजागर - fake

राजधानी में आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन भेजकर पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है. इस मामले में आयकर विभाग ने  अशोक नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन
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Published : Mar 30, 2019, 1:35 AM IST

जयपुर. राजधानी में आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन भेजकर पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है. इस मामले में आयकर विभाग ने अशोक नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

आयकर विभाग के सामने यह मामला 26 मार्च को सामने आया जब एक सीए अभिनव राजवंशी अपने किसी परिचित अभिषेक गोधा को भेजे गए नोटिस का जवाब लेकर उपस्थित हुए थे. जब उपनिदेशक मनोज कुमार ने फोटो कॉपी देखी तो वो हैरान रह गए क्योंकि वह नोटिस उनके द्वारा जारी ही नहीं किया गया था. यह नोटिस फर्जी दस्तावेजों से तैयार किया गया था और उनके पद नाम से फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे. अभिषेक गोधा ने बताया किए नोटिस 25 मार्च को स्पीड पोस्ट से मिला था उसके बाद यह नोटिस उनके पास में रहने वाले सीए देश निधि गुप्ता को बताया. इस पूरे मामले में सीए देशनिधि गुप्ता की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है.

आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन

आयकर विभाग द्वारा सम्मन पर उपनिदेशक के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं और कोई मोहर और मोबाइल नंबर भी अंकित नहीं है. इस मामले में मनोज कुमार ने अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

आईआरएस गजानंद मीणा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से आम जनता को इस फर्जीवाड़े से अवगत कराना चाहते हैं ताकि जनता सचेत रहे. जब उनसे पूछा गया कि ऐसे और भी कई मामले हो सकते हैं तो उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया है.

जयपुर. राजधानी में आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन भेजकर पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है. इस मामले में आयकर विभाग ने अशोक नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

आयकर विभाग के सामने यह मामला 26 मार्च को सामने आया जब एक सीए अभिनव राजवंशी अपने किसी परिचित अभिषेक गोधा को भेजे गए नोटिस का जवाब लेकर उपस्थित हुए थे. जब उपनिदेशक मनोज कुमार ने फोटो कॉपी देखी तो वो हैरान रह गए क्योंकि वह नोटिस उनके द्वारा जारी ही नहीं किया गया था. यह नोटिस फर्जी दस्तावेजों से तैयार किया गया था और उनके पद नाम से फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे. अभिषेक गोधा ने बताया किए नोटिस 25 मार्च को स्पीड पोस्ट से मिला था उसके बाद यह नोटिस उनके पास में रहने वाले सीए देश निधि गुप्ता को बताया. इस पूरे मामले में सीए देशनिधि गुप्ता की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है.

आयकर विभाग के नाम फर्जी सम्मन

आयकर विभाग द्वारा सम्मन पर उपनिदेशक के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं और कोई मोहर और मोबाइल नंबर भी अंकित नहीं है. इस मामले में मनोज कुमार ने अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

आईआरएस गजानंद मीणा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से आम जनता को इस फर्जीवाड़े से अवगत कराना चाहते हैं ताकि जनता सचेत रहे. जब उनसे पूछा गया कि ऐसे और भी कई मामले हो सकते हैं तो उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया है.

Intro:आयकर विभाग के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा, फर्जी सम्मन भेज पैसे वसूलने का मामला उजागर
जयपुर। जयपुर में आयकर विभाग के नाम पत्र फर्जी समन भेजकर पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है। इस मामले का खुलासा आईआरएस गजानन मीणा ने प्रेसवार्ता कर किया। इस मामले में एफआईआर अशोक नगर थाने में आयकर विभाग ने दर्ज कराई है। इसमें एक सीए देशनिधि गुप्ता की भूमिका संदिग्ध नजर आई है। फिलहाल आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन आरोपी ने अन्वेषण शाखा की जयपुर यूनिट संख्या तीन में पदस्थापित मनोज कुमार के नाम से फर्जी दसतावेज से समन भेजा है। आयकर विभाग ऐसे और भी मामले होने की संभावना से इनकार नहीं किया है उन्होंने कहा है कि मामले में जांच चल रही है। विभाग के डिस्पैच नंबर भी कॉपी किये गए है।


Body:आयकर विभाग के सामने यह मामला 26 मार्च को सामने आया था। एक सीए अभिनव राजवंशी अपने किसी परिचित अभिषेक गोधा को भेजे गए नोटिस का जवाब लेकर उपस्थित हुए थे। वे नोटिस की फोटो कॉपी लेकर आए थे जब उपनिदेशक मनोज कुमार ने फोटो कॉपी देखी तो हैरान रह गए वह नोटिस उनके द्वारा जारी ही नहीं किया गया था। यह नोटिस फर्जी दस्तावेजों से तैयार किया गया था उनके पद नाम से फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए थे। अभिषेक गोधा ने बताया किए नोटिस 25 मार्च को स्पीड पोस्ट से मिला था उसके बाद यह नोटिस उनके पास में रहने वाले सीए देश निधि गुप्ता को बताया। अभिषेक गोधा ने यह नोटिस सीए देशनिधि गुप्ता को बताया। अभिषेक गोधा ने ओरिजिनल नोटिस भी देशनिधि गुप्ता को दे दिया देशनिधि गुप्ता ने लिफाफा भी मांग लिया, जिसमे स्पीड पोस्ट आया था। उसने बैंक डिटेल देर भी मांगी अगले दिन 26 मार्च को सुबह देशनिधि गुप्ता का फोन अभिषेक गोधा के पिताजी के पास आया। देश निधि ने अभिषेक गोधा को कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है मैं सब सही करवा दूंगा उन्होंने इसकी एवज में बड़ी रकम फीस के तौर पर मांगी। अभिषेक गोधा के अकाउंट में पैसे जमा हुए थे जिसकी जानकारी नोटिस भेजने वाले को थी और नोटिस देकर यह पूछा गया था कि इतना पैसे का स्त्रोत क्या था इसकी जानकारी दें।


Conclusion:अभिषेक गोधा ने अपने मित्र से इस बारे में बात की और उसने सीए अभिनय राजवंशी से बात कर बिना किसी खर्चे के ही काम कर देने के लिए कहा। इसके बाद अभिषेक गोधा अभिनय को एआर बनने के लिए कहा । देशनिधि गुप्ता को भी दूसरा सीए करने की बात कह दी गई। इसके बाद देश निधि गुप्ता का फोन अभिषेक गोधा के पिता पंकज गोधा के पास आया और उन्हें कहा कि मैं आयकर विभाग के ऑफिस जाकर आया हूं और यह जो नोटिस आपके पास आया है यह गलती से पोस्ट हो गया। आपको ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है जब देशनिधि गुप्ता से लिफाफा और नोटिस के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह आयकर विभाग में जमा करा कर आ गया है। जब नोटिस का जवाब आयकर विभाग में भिजवा गया तब अभिनय को पता चला कि नोटिस तो फर्जी है इस बारे में जब सीए देशनिधि गुप्ता को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
अभिषेक गोधा और सीए अभिनव राजवंशी ने पूरा मामला उपनिदेशक मनोज कुमार को 27 मार्च को विस्तार से बताया और आयकर विभाग ने उनसे अलग शपथ पत्र भी ले लिए।
समन पर उपनिदेशक के हस्ताक्षर फर्जी है और कोई मोहर और मोबाइल नंबर भी नहीं है। इसमें नंबर ईमेल आईडी भी गलत लिखी हुई है। इस मामले में मनोज कुमार ने अशोक नगर थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई। प्रारंभिक तौर पर देशनिधि गुप्ता की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
आईआरएस गजानंद मीणा ने कहा कि मीडिया के माध्यम से आम जनता को इस फर्जीवाड़े से अवगत कराना चाहते हैं ताकि जनता सचेत रहे । जब उनसे पूछा गया कि ऐसे और भी कई मामले हो सकते हैं तो उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया ऐसे भी मामले सामने आ सकते हैं।

बाईट आईआरएस गजानंद मीणा
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