जयपुर. शहर के आम ट्रैफिक को बाधित किए बिना आर्मी के वाहनों के सुगम और सुरक्षित आवागमन के लिए जनरल सगत सिंह मार्ग पर बनाए गए आरयूबी (रोड अण्डर ब्रिज) का सोमवार को लोकार्पण किया (Inauguration of road under bridge) गया. 22 करोड़ की लागत से बने इस आरयूबी का लोकार्पण जनरल ऑफिसर कमान्डिंग मेजर जनरल राजेन्द्र राय ने किया. इस आरयूबी से जनरल सगत सिंह मार्ग पर स्थित आर्मी के पूर्वी और पश्चिमी कंटोनमेंट एरिया आपस में जुड़ गया है.
खास बात यह है कि इस आरयूबी का निर्माण टॉप डाउन तकनीक से किया गया. ये प्रयोग राजस्थान में पहली बार जेडीए की ओर से किया गया है. मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) ने जनरल सगत सिंह मार्ग पर बनाए गए आरयूबी परियोजना के डिजाइन और निर्माण का कार्य जयपुर विकास प्राधिकरण को डिपॉजिट वर्क के तहत आवंटित किया था. आरयूबी के निर्माण के लिए मिलिट्री इन्जीनियरिंग सर्विसेज ने परियोजना की वास्तविक लागत के अतिरिक्त 10 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज भी जयपुर विकास प्राधिकरण को दिया गया.
टॉप डाउन तकनीक से निर्माणः सड़क के दोनों ओर आर्मी क्षेत्र होने के कारण निर्माण के लिए ट्रैफिक डायवर्जन का उपयुक्त मार्ग उपलब्ध नहीं होने के कारण सड़क पर यातायात को पूरी तरह बन्द किया जाना संभव नहीं था. साथ ही आरयूबी के अलाइनमेन्ट में 220 केवी की एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज की चार केबल है, जिनको शिफ्ट करने में लगभग 3 से 4 करोड़ रुपए का व्यय होता. लगभग 6 माह से अधिक का समय भी लगता.
परिस्थितियों को देखते हुए अध्ययन और तकनीकी विश्लेषण के बाद जेडीए की तकनीकी शाखा ने इस आरयूबी का निर्माण टॉप डाउन तकनीक से करने का फैसला लिया. आरयूबी निर्माण की ये तकनीक परम्परागत निर्माण तकनीक के बिल्कुल विपरीत है. टॉप डाउन तकनीक के अन्तर्गत पहले पाईलिंग कर सड़क के आधे-आधे भाग में आरयूबी की छत का निर्माण मिट्टी की खुदाई किए बिना ही किया गया. छत निर्माण के बाद मिट्टी की खुदाई कर, नीचे के अन्य निर्माण कार्यों को पूरा किया गया.
पूरे निर्माण कार्य के दौरान आरयूबी की छत के ऊपर यातायात सुचारू रूप से चालू रहा. इस तरह मुख्य सड़क पर यातायात को बंद किए बिना ही आरयूबी का निर्माण किया गया. आरयूबी के अलाइनमेंट में आ रही 220 केवी की चार एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज लाइनों को शिफ्ट किए, बिना उचित तरीके से आरयूबी की छत के डिजाइन में प्रावधान कर छत के बीच से पहली बार सफलतापूर्वक पास करवाया गया है. निर्माण कार्य के लिए टॉप डाउन तकनीक अपनाने से विद्युत केबलों की शिफ्टिंग में होने वाले व्यय और लगने वाले समय दोनों की ही बचत हुई. जेडीए ने इस परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करवाया. इस पर जनरल ऑफिसर कमान्डिंग इन चीफ लेफ्टीनेन्ट जनरल एएस भिण्डर ने जेडीए की सराहना की. साथ ही कार्यक्रम में जेडीए के निदेशक अभियांत्रिकी - तृतीय देवेन्द्र गुप्ता और अधिशाषी अभियन्ता मोहित चौधरी को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया.