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अलविदा 2020: जयपुर में 50 फीसदी तक गिरा अपराध का ग्राफ...कोरोना और बेहतर पुलिसिंग रहे कारण

साल 2020 अलविदा हो रहा है. शायद ही इसे हो जो इस साल से जुड़ी कड़वी यादें जहन में रखना चाहेगा. लेकिन जयपुर पुलिस हमेशा इसे याद रखेगी. सिर्फ कोरोना वॉरियर्स की भूमिका के चलते ही नहीं बल्कि आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के चलते भी. रिकॉर्ड कहते हैं कि राजधानी जयपुर में अपराध का ग्राफ 50 फीसदी तक गिरा है. हालांकि इस गिरावट में कोरोना का बड़ा योगदान है. देखिये यह खास रिपोर्ट...

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जयपुर में गिरा अपराध का ग्राफ, सलाम पुलिस
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Published : Dec 29, 2020, 7:04 AM IST

जयपुर. शहरवासियों के लिए यह सुकून की बात हो सकती है कि साल 2020 में अपराधों की संख्या तेजी से गिरी. औसत अपराधों की तुलना में साल 2020 में आधे ही अपराध हुए. कहने के मायने हैं कि जयपुर कमिश्नरेट एरिया में साल 2020 में अपराध का ग्राफ 50 फीसदी तक गिरा है. पुलिस ने ईमानदारी से यह स्वीकार भी किया है कि अपराध का ग्राफ गिरने में कोरोना की भूमिका मुख्य है.

अलविदा 2020 : अपराध का गिरा ग्राफ

कोरोना में हम लोग उस लॉकडाउन को भला कैसे भूल सकते है जिसकी वजह से सड़कें, शहर, कस्बे, महानगर तक सब कुछ वीरान पड़ गए. उसी लॉकडाउन की अनदेखी कर सड़क पर निकलने वालों को पुलिस ने सबक सिखाया. कहीं पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर लाठियां भांजी तो कहीं घुमक्कड़ों की आरती भी उतारी.

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साल 2020 में कोरोना काल में वॉरियर्स बन गए पुलिसकर्मी

ये कहानियां भी सालों तक याद रखी जाएंगी. इन्ही लम्हों के बीच जयपुर पुलिस के लिए सुखद रहा शहर में आपराधिक घटनाओं का कम होना. शहर में पिछले साल की तुलना में इस साल अपराधों की संख्या में 50% की कमी आई है.

पढ़ें- जयपुर में बढ़ रही वाहन चोरी की वारदातें पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज, थाना अधिकारियों को निर्देश जारी

कोरोना और लॉकडाउन के कारण अपराध में कमी

राजस्थान में मार्च में शुरू हुआ लॉकडाउन काफी लंबे अरसे तक चला. जयपुर में कोरोना विस्फोट हुआ. ऐसे में संपूर्ण लॉकडाउन चला. इस दौरान बाहरी लोग शहर नहीं आ सके. हर वक्त पुलिस का पहरा रहने लगा. पुलिस की मौजूदगी और कर्फ्यू जैसे हालात ने निश्चित रूप से अपराध पर जबरदस्त तरीके से अंकुश लगाया. अपराध तो तब भी हुए लेकिन उनकी दर आधी रह गई.

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साल 2020 में पुलिस ने चलाई कई ऑपरेशन, लगातार की कार्रवाई

ऑपरेशन आग का असर

पुलिस ने अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन आग चला रखा है. साल 2020 में इस ऑपरेशन के तहत जगह-जगह दबिश दी गई और बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए गए. अवैध हथियार बनाने वाले लोगों और फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ होने लगा. इन हथियारों का इस्तेमाल आदतन अपराधी या संगठित अपराधी वारदातों को अंजाम देने में किया करते थे. ऑपरेशन आग ने अपराध पर अंकुश लगाया

ऑपरेशन क्लीन स्वीप का असर

साल 2020 में अपराध की दर आधी होने की मुख्य वजह ऑपरेशन क्लीन स्वीप भी रहा. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के तंत्र पर हमला बोल दिया. पुलिस ने ऑपरेशन के तहत कार्रवाई कर 550 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया.

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पुलिस बल हमेशा रहा अलर्ट

मादक पदार्थों का सेवन कर अपराधी अपराध को अंजाम देते हैं, यह युवा पीढ़ी को भी अपराध की तरफ धकेलता है. पुलिस के कड़े एक्शन को देखते हुए अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में जुड़े लोगों में दहशत हो गई.

पढ़ें- राजधानी में सड़क जाम की मुसीबत से मिलेगी निजात, नये ट्रैफिक सिग्नल से यातायात होगा सुगम

पुलिस की ओर से इस साल नए नाके बनाए गए. जगह-जगह नाकेबंदी कर शहर के चारों रीजन में सुरक्षा व्यवस्था का कड़क रखा. ऐसे में अपराधियों को अपराध के बाद भागकर निकलने की जगह मिलना मुश्किल हो गया.

पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के आगे अपराधी सहमे ही रहे. वहीं, पुलिस की ओर से जिला स्तर पर भी जिला स्पेशल पुलिस टीमों का गठन किया गया. जिससे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के साथ साथ सुपरविजन में भी मदद मिली.

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आधुनिक तकनीक के कारण साल 2020 में गिरा अपराध का ग्राफ

अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल ने रोके अपराध

जयपुर पुलिस हर कदम पर अपडेट होती रही. समय और जरूरत के हिसाब से उपकरणों के इस्तेमाल और तकनीक पर ध्यान दिया. शहर में सीसीटीवी के जाल, घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी, पुलिसिंग और गश्त में ड्रोन कैमरा की मदद और अभय कमांड का उच्च तकनीक से जुड़ना, पेट्रोलिंग के लिए नए वाहनों का बेडे़ में शामिल होना, ये सब वे वजहें रहीं जिनसे साल 2020 में अपराध पर कुछ अंकुश लगा.

पढ़ें- जयपुर: एटीएम लूटने वाली गैंग का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट इस साल अपराध पर लगाम लगाने में सक्षम हुई है. जिसके चलते गंभीर श्रेणी के अपराध भी कम हुआ है. इसकी मुख्य वजह कोरोना और लॉकडाउन रहा. हालांकि पुलिसकर्मियों और माफियाओं की सांठगांठ से भी इस बार पर्दा उठा. जिसमें हाल ही में बदमाशों से गठजोड़ करने का खुलासा हुआ, तो पुलिसकर्मीयों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया.

वहीं साल 2020 की बात की जाए तो इस साल के भीतर आईपीएस से लेकर थानाधिकारी और सिपाही स्तर के हजारों पुलिसकर्मियों के तबादले हुए और कुछ पुलिसकर्मियों की पोल भी खुलकर सामने आई. साथ ही ऑपरेशन आग, ऑपरेशन क्लीन स्वीप सहित अन्य ऑपरेशन जयपुर पुलिस ने छेड़े. जिसकी वजह से अपराधिक घटनाएं कम हुईं और अपराधी हवालात में दिखाई दिए.

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साल 2020 में नाकेबंदी व्यवस्था दुरुस्त रखी गई

क्या कहते हैं 2020 के आंकड़े

साल 2020 में 17 हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि पिछले साल 31 हजार से ज्यादा मुकदमे थानों में दर्ज किए गए.

  • हत्या व हत्या के प्रयास की 76 FIR
  • लूट के 76, अपहरण के 469, डकैती के 2 मुकदमे
  • बलात्कार की 372 शिकायतें
  • चोरी के 11399 और अन्य अपराध के 9480 मुकदमे हुए दर्ज
  • ऑपरेशन क्लीन स्वीप के 437 प्रकरणों में 564 आरोपियों पर हुई कार्रवाई
  • पिछले साल की तुलना में 50% अपराधों में आई कमी

पढ़ें- धौलपुरः पुलिस और कुख्यात इनामी डकैत केशव गुर्जर गैंग में मुठभेड़, 60 राउंड फायरिंग

साल 2020 में त्वरित पुलिस गश्त व्यवस्था हुई मजबूत

इस साल जयपुर शहर में अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए त्वरित पुलिस गश्त व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये अत्याधुनिक चेतक और सिग्मा वाहन जयपुर पुलिस बेड़े में शामिल हुए.

पुलिस कमिश्नरेट बेड़े में 127 मोटरसाइकिल सिग्मा और 70 चौपहिया वाहन चेतक शामिल किए गए. जिससे शहर की तंग गलियों में गश्त व्यवस्था प्रभावी रूप से की जा रही है. नए पीसीआर वाहनों के उपलब्ध होने से और कंट्रोल रूम पर प्राप्त शिकायत का इन वाहनों पर स्वचालित उपकरणों के माध्यम से स्वत ही प्रसारित होने से वर्तमान में पुलिस रिस्पांस टाइम काफी कम हुआ है. वारदात स्थल पर पुलिस की रीच जल्दी हुई है. इन सब वजहों से अपराधों में गिरावट आई है.

ऐसे में अब नए साल में इस उपलब्धि को बरकरार रखने की जिम्मेदारी जयपुर पुलिस के कंधों पर होगी. साथ ही अपराधियों के साथ-साथ खाकी के दागदारों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाने होंगे, ताकि कोई भी खाकी का नुमाइंदा किसी अपराध या अपराधी के साथ साठगांठ नहीं कर सके.

जयपुर. शहरवासियों के लिए यह सुकून की बात हो सकती है कि साल 2020 में अपराधों की संख्या तेजी से गिरी. औसत अपराधों की तुलना में साल 2020 में आधे ही अपराध हुए. कहने के मायने हैं कि जयपुर कमिश्नरेट एरिया में साल 2020 में अपराध का ग्राफ 50 फीसदी तक गिरा है. पुलिस ने ईमानदारी से यह स्वीकार भी किया है कि अपराध का ग्राफ गिरने में कोरोना की भूमिका मुख्य है.

अलविदा 2020 : अपराध का गिरा ग्राफ

कोरोना में हम लोग उस लॉकडाउन को भला कैसे भूल सकते है जिसकी वजह से सड़कें, शहर, कस्बे, महानगर तक सब कुछ वीरान पड़ गए. उसी लॉकडाउन की अनदेखी कर सड़क पर निकलने वालों को पुलिस ने सबक सिखाया. कहीं पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर लाठियां भांजी तो कहीं घुमक्कड़ों की आरती भी उतारी.

जयपुर पुलिस ऑपरेशन आग,  जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप,  Crime graph of capital Jaipur,  crime figures in Jaipur in the year 2020,  crime statistics in Rajasthan,  Jaipur Commissionerate Police,  Jaipur crime records, police mafia collusion Jaipur,  operation aag Jaipur police,  operation, clean sweep jaipur police
साल 2020 में कोरोना काल में वॉरियर्स बन गए पुलिसकर्मी

ये कहानियां भी सालों तक याद रखी जाएंगी. इन्ही लम्हों के बीच जयपुर पुलिस के लिए सुखद रहा शहर में आपराधिक घटनाओं का कम होना. शहर में पिछले साल की तुलना में इस साल अपराधों की संख्या में 50% की कमी आई है.

पढ़ें- जयपुर में बढ़ रही वाहन चोरी की वारदातें पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज, थाना अधिकारियों को निर्देश जारी

कोरोना और लॉकडाउन के कारण अपराध में कमी

राजस्थान में मार्च में शुरू हुआ लॉकडाउन काफी लंबे अरसे तक चला. जयपुर में कोरोना विस्फोट हुआ. ऐसे में संपूर्ण लॉकडाउन चला. इस दौरान बाहरी लोग शहर नहीं आ सके. हर वक्त पुलिस का पहरा रहने लगा. पुलिस की मौजूदगी और कर्फ्यू जैसे हालात ने निश्चित रूप से अपराध पर जबरदस्त तरीके से अंकुश लगाया. अपराध तो तब भी हुए लेकिन उनकी दर आधी रह गई.

जयपुर पुलिस ऑपरेशन आग,  जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप,  Crime graph of capital Jaipur,  crime figures in Jaipur in the year 2020,  crime statistics in Rajasthan,  Jaipur Commissionerate Police,  Jaipur crime records, police mafia collusion Jaipur,  operation aag Jaipur police,  operation, clean sweep jaipur police
साल 2020 में पुलिस ने चलाई कई ऑपरेशन, लगातार की कार्रवाई

ऑपरेशन आग का असर

पुलिस ने अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन आग चला रखा है. साल 2020 में इस ऑपरेशन के तहत जगह-जगह दबिश दी गई और बड़ी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए गए. अवैध हथियार बनाने वाले लोगों और फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ होने लगा. इन हथियारों का इस्तेमाल आदतन अपराधी या संगठित अपराधी वारदातों को अंजाम देने में किया करते थे. ऑपरेशन आग ने अपराध पर अंकुश लगाया

ऑपरेशन क्लीन स्वीप का असर

साल 2020 में अपराध की दर आधी होने की मुख्य वजह ऑपरेशन क्लीन स्वीप भी रहा. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के तंत्र पर हमला बोल दिया. पुलिस ने ऑपरेशन के तहत कार्रवाई कर 550 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया.

जयपुर पुलिस ऑपरेशन आग,  जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप,  Crime graph of capital Jaipur,  crime figures in Jaipur in the year 2020,  crime statistics in Rajasthan,  Jaipur Commissionerate Police,  Jaipur crime records, police mafia collusion Jaipur,  operation aag Jaipur police,  operation, clean sweep jaipur police
पुलिस बल हमेशा रहा अलर्ट

मादक पदार्थों का सेवन कर अपराधी अपराध को अंजाम देते हैं, यह युवा पीढ़ी को भी अपराध की तरफ धकेलता है. पुलिस के कड़े एक्शन को देखते हुए अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में जुड़े लोगों में दहशत हो गई.

पढ़ें- राजधानी में सड़क जाम की मुसीबत से मिलेगी निजात, नये ट्रैफिक सिग्नल से यातायात होगा सुगम

पुलिस की ओर से इस साल नए नाके बनाए गए. जगह-जगह नाकेबंदी कर शहर के चारों रीजन में सुरक्षा व्यवस्था का कड़क रखा. ऐसे में अपराधियों को अपराध के बाद भागकर निकलने की जगह मिलना मुश्किल हो गया.

पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था के आगे अपराधी सहमे ही रहे. वहीं, पुलिस की ओर से जिला स्तर पर भी जिला स्पेशल पुलिस टीमों का गठन किया गया. जिससे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के साथ साथ सुपरविजन में भी मदद मिली.

जयपुर पुलिस ऑपरेशन आग,  जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप,  Crime graph of capital Jaipur,  crime figures in Jaipur in the year 2020,  crime statistics in Rajasthan,  Jaipur Commissionerate Police,  Jaipur crime records, police mafia collusion Jaipur,  operation aag Jaipur police,  operation, clean sweep jaipur police
आधुनिक तकनीक के कारण साल 2020 में गिरा अपराध का ग्राफ

अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल ने रोके अपराध

जयपुर पुलिस हर कदम पर अपडेट होती रही. समय और जरूरत के हिसाब से उपकरणों के इस्तेमाल और तकनीक पर ध्यान दिया. शहर में सीसीटीवी के जाल, घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी, पुलिसिंग और गश्त में ड्रोन कैमरा की मदद और अभय कमांड का उच्च तकनीक से जुड़ना, पेट्रोलिंग के लिए नए वाहनों का बेडे़ में शामिल होना, ये सब वे वजहें रहीं जिनसे साल 2020 में अपराध पर कुछ अंकुश लगा.

पढ़ें- जयपुर: एटीएम लूटने वाली गैंग का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट इस साल अपराध पर लगाम लगाने में सक्षम हुई है. जिसके चलते गंभीर श्रेणी के अपराध भी कम हुआ है. इसकी मुख्य वजह कोरोना और लॉकडाउन रहा. हालांकि पुलिसकर्मियों और माफियाओं की सांठगांठ से भी इस बार पर्दा उठा. जिसमें हाल ही में बदमाशों से गठजोड़ करने का खुलासा हुआ, तो पुलिसकर्मीयों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया.

वहीं साल 2020 की बात की जाए तो इस साल के भीतर आईपीएस से लेकर थानाधिकारी और सिपाही स्तर के हजारों पुलिसकर्मियों के तबादले हुए और कुछ पुलिसकर्मियों की पोल भी खुलकर सामने आई. साथ ही ऑपरेशन आग, ऑपरेशन क्लीन स्वीप सहित अन्य ऑपरेशन जयपुर पुलिस ने छेड़े. जिसकी वजह से अपराधिक घटनाएं कम हुईं और अपराधी हवालात में दिखाई दिए.

जयपुर पुलिस ऑपरेशन आग,  जयपुर पुलिस ऑपरेशन क्लीन स्वीप,  Crime graph of capital Jaipur,  crime figures in Jaipur in the year 2020,  crime statistics in Rajasthan,  Jaipur Commissionerate Police,  Jaipur crime records, police mafia collusion Jaipur,  operation aag Jaipur police,  operation, clean sweep jaipur police
साल 2020 में नाकेबंदी व्यवस्था दुरुस्त रखी गई

क्या कहते हैं 2020 के आंकड़े

साल 2020 में 17 हजार से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए थे, जबकि पिछले साल 31 हजार से ज्यादा मुकदमे थानों में दर्ज किए गए.

  • हत्या व हत्या के प्रयास की 76 FIR
  • लूट के 76, अपहरण के 469, डकैती के 2 मुकदमे
  • बलात्कार की 372 शिकायतें
  • चोरी के 11399 और अन्य अपराध के 9480 मुकदमे हुए दर्ज
  • ऑपरेशन क्लीन स्वीप के 437 प्रकरणों में 564 आरोपियों पर हुई कार्रवाई
  • पिछले साल की तुलना में 50% अपराधों में आई कमी

पढ़ें- धौलपुरः पुलिस और कुख्यात इनामी डकैत केशव गुर्जर गैंग में मुठभेड़, 60 राउंड फायरिंग

साल 2020 में त्वरित पुलिस गश्त व्यवस्था हुई मजबूत

इस साल जयपुर शहर में अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए त्वरित पुलिस गश्त व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये अत्याधुनिक चेतक और सिग्मा वाहन जयपुर पुलिस बेड़े में शामिल हुए.

पुलिस कमिश्नरेट बेड़े में 127 मोटरसाइकिल सिग्मा और 70 चौपहिया वाहन चेतक शामिल किए गए. जिससे शहर की तंग गलियों में गश्त व्यवस्था प्रभावी रूप से की जा रही है. नए पीसीआर वाहनों के उपलब्ध होने से और कंट्रोल रूम पर प्राप्त शिकायत का इन वाहनों पर स्वचालित उपकरणों के माध्यम से स्वत ही प्रसारित होने से वर्तमान में पुलिस रिस्पांस टाइम काफी कम हुआ है. वारदात स्थल पर पुलिस की रीच जल्दी हुई है. इन सब वजहों से अपराधों में गिरावट आई है.

ऐसे में अब नए साल में इस उपलब्धि को बरकरार रखने की जिम्मेदारी जयपुर पुलिस के कंधों पर होगी. साथ ही अपराधियों के साथ-साथ खाकी के दागदारों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाने होंगे, ताकि कोई भी खाकी का नुमाइंदा किसी अपराध या अपराधी के साथ साठगांठ नहीं कर सके.

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