जयपुर/नई दिल्ली . विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब कांग्रेस लोकसभा के सियासी मैदान को साधने में जुट गई है. पार्टी स्तर पर मिशन 25 बनाते हुए हर एक सीट के समीकरण को बारीकी से खंगालते हुए रणनीति बनाई जा रही है. चुनावी तैयारियों को लेकर पार्टी स्तर पर जयपुर से लेकर दिल्ली के सियासी गलियारों में मची हलचल के बीच पार्टी हाईकमान राहुल गांधी ने सचिव और सहप्रभारियों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान उन्होंने प्रदेश की सभी 25 सीटों को लेकर फीडबैक लिया. खास बात यह है कि राहुल ने ये बैठक सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अनुपस्थिति में ली है.
पार्टी के उच्च सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने दिल्ली में 15 जीआरजी (गुरुद्वारा रकाबगंज) पर पदाधिकारियों की बैठक ली. इस बैठक के दौरान उन्होंने सचिवों और सह प्रभारियों से हर एक सीट के सियासी समीकरण को समझने के साथ ही पार्टी की तैयारियों को लेकर भी फीडबैक लिया. सूत्रों ने बताया कि फीडबैक के दौरान राहुल का फोकस प्रदेश की उन सीटों पर रहा जिन्हें आंतरिक रूप से कराए सर्वे और आंकलन के दौरान कमजोर माना गया है. इसके साथ ही वे सीटें जहां पार्टी के सामने मजबूत प्रत्याशी को लेकर संकट बना हुआ है. सूत्रों का कहना है कि बैठक के दौरान राहुल ने सहप्रभारियों को सर्वे के दौरान कमजोर आंकी गई सीटों पर जीत के लिए विशेष रणनीति बनाने के निर्देश दिए.
बैठक के दौरान राजस्थान में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे को लेकर भी चर्चा की गई. इस बैठक में सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम पायलट की अनुपस्थिति चर्चा में बनी रही. आपको बता दें कि लोकसभा की सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए पार्टी के भीतर चर्चाओं के साथ ही हर एक सीट को लेकर मंथन का दौर जारी है. खासतौर पर हर सीट से प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी आला नेता हर समीकरण को खंगाल रहे हैं. गौरतलब है कि पार्टी स्तर पर किए गए सर्वे और आंकलने के दौरान करीब 12 सीटों को कमजोर श्रेणी में रखा गया है. इन सीटों पर सियासी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पार्टी ने जिला प्रभारी मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी दी है.