जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों में सीटों का निर्धारण और वार्डों के पुनर्गठन पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश स्टे प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है. न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश कृष्ण कुमार भारद्वाज की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि गत 10 जून राज्य सरकार की ओर से एक अधिसूचना के जरिए साल 2011 की जनगणना के आधार पर फार्मुला तय कर वार्डों का पुनर्गठन करने को कहा गया. इसके अलावा निकायों में सीटों का फिक्सेशन भी नहीं किया गया. नगर पालिका अधिनियम के तहत निकायों की सीटें नवीनतम जनसंख्या के आधार पर अधिसूचना जारी कर तय करने का प्रावधान है. साल 2011 की जनगणना के आधार पर साल 2014 में सीटों की संख्या और वार्डों का पुनर्गठन होने के बाद अब पुराने आंकडों से इनका पुननिर्धारण किया गया है. इसके अलावा मतदाता सूची से जुड़े राज्य निर्वाचन विभाग के कामों को भी सरकार ने अपने अधिकारियों के हाथों में सौंप दिया है. ऐसे में गत दस जून को जारी अधिसूचना को रद्द किया जाए. वहीं स्टे प्रार्थना पत्र में कहा गया कि याचिका के निस्तारण तक सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.
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वहीं एक अन्य मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर जिला क्रिकेट संघ को तलब कर जांच अधिकारी नियुक्त करने के मामले में लंबित याचिका को एकलपीठ के समक्ष 28 अगस्त को सूचीबद्ध करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सहकारिता रजिस्ट्रार की ओर से दायर अपील का निस्तारण करते हुए दिए.
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अपील में कहा गया कि जयपुर स्पोर्ट्स क्रिकेट क्लब की शिकायत पर अपीलार्थी ने गत 18 अप्रैल को जांच करने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही जेडीसीए को 25 अप्रैल को पेश होने को कहा था. इसके खिलाफ दायर याचिका पर एकलपीठ ने गत एक मई को अपीलार्थी के आदेश पर रोक लगा दी थी. जबकि अपीलार्थी को खेल अधिनियम के तहत इस तरह की कार्रवाई का अधिकार है. इसके अलावा अपीलार्थी ने जेडीसीए पर कोई कार्रवाई नहीं की है। मामले में सिर्फ नोटिस जारी कर जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने हाईकोर्ट प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि जेडीसीए की याचिका को सुनवाई के लिए 28 अगस्त को एकलपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए.