जयपुर. कोरोना महामारी के चलते कारागृह में कैदियों के परिजनों से मिलने पर रोक लगी हुई है. इस कारण बंदी पैसे की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में जेल विभाग की ओर से एक नई पहल की गई है. जिसके तहत अब संकट की इस समस्या से निपटने के लिए ऑनलाइन पेमेंट की नई व्यवस्था लागू की गयी है. अब घर बैठे परिजन इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सीधे कैदी के खाते में पैसा डाल सकेंगे.
दरअसल, बंदियों को सरकारी स्तर पर लैंडलाइन फोन से घर बात करने और जेल की कैंटीन से दैनिक आवश्यकता की वस्तुएं खरीदने में पैसे की आवश्यकता होती है. ऐसे में अब तक परिजन मुलाकात के समय उनके जेल के खाते में राशि जमा करा देते थे. जिसका इस्तेमाल बंदियों द्वारा फोन और सामान के लिए खरीद में किया जाता था. लेकिन, कोरोना महामारी के चकते बंदियों के पास पैसे नहीं रहे.
ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट की नई व्यवस्था लागू होने के बाद बंदी प्रतिदिन 5 मिनट तक परिजनों से फोन पर बात कर सकता है. साथ ही महीने में ढाई हजार तक का सामान कैंटीन से खरीद सकता है.
जेल विभाग द्वारा सभी बंदियों के परिजनों का डेटाबेस बना रखा है. हालांकि केवल रजिस्टर्ड और सत्यापित परिजन ही पैसा डाल सकेंगे. इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और हरियाणा की एक कंपनी के सहयोग से व्यवस्था लागू की गई है.
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बता दें कि राजस्थान की जेलों में 20 हजार के करीब बंदी हैं, जिन्हें इस व्यवस्था से फायदा मिलेगा. इसके लिए जेलों की कैंटीन पूरी तरह से ऑटोमेटिक और कंप्यूटरीकृत की जा रही है, ताकि कोई भी मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहे. इसके लिए परिजन www.cdservice.in की साइट पर जाकर ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं.