जयपुर. सीएम गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना एडवाइजरी की सख्ती से पालना करने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान की कल्पना भी नहीं की जा सकती. हमारी छोटी सी लापरवाही भयावह स्थिति पैदा कर सकती है. ऐसे में सभी सरकारी नुमाइंदों, जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं सहित सभी प्रदेशवासियों की जिम्मेदारी है कि वे कोरोना को हराने के लिए पूरी सजगता और सतर्कता के साथ इस चुनौती का सामना करें.
गहलोत ने कहा कि जिलों में अगर कोरोना को लेकर जारी एडवाजरी की कोई पालना नहीं करता है तो उस पर सख्ती से करवाई की जाए. गहलोत ने कहा कि दो दिन पहले तक प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन संक्रमण के कुछ और मामले सामने आने के बाद हमारी चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि हमारा प्रदेश इस वायरस के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के दौर से गुजर रहा है. पूरी सजगता, सतर्कता और गंभीरता के साथ हमने एडवाइजरी का पालन किया जाएगा तो हम निश्चित रूप से संकट के इस दौर से सफलतापूर्वक बाहर निकल सकेंगे.
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सरकार कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है. हम सबकी जिम्मेदारी सिर्फ एक ही है कि कैसे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जाए. जिला कलेक्टर स्वयं के स्तर पर भी इस संबंध में आवश्यक निर्णय ले सकते हैं. ग्राम स्तर तक मौजूद हमारा सरकारी तंत्र इससे बचाव के लिए जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
कलेक्टरों को दिए यह निर्देश...
मुख्यमंत्री ने झुंझुनू और भीलवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव के मामलों को लेकर जिला कलेक्टरों से विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि वहां इन रोगियों के सम्पर्क में आए हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जाए. होम आइसोलेशन, धारा 144 तथा संबंधित क्षेत्रों में कर्फ्यू की कड़ाई से पालना करवाई जाए. इस रोग को फैलने से रोककर आमजन का जीवन बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
हर जेल में हो आइसोलेशन सेल...
बैठक में निर्देश दिए कि कैदियों में कोरोना का संक्रमण न फैले. इसे देखते हुए हर जेल में एक आइसोलेशन सेल बनाई जाए. साथ ही हर नए कैदी को जेल ले जाने से पहले स्क्रीनिंग की जाए. उन्होंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि आगामी एक माह में आयोजित होने वाले मेलों, शोभा यात्राओं, जुलूसों सहित अन्य आयोजनों जिनमें भीड़ एकत्रित होती हो, उन्हें स्थगित करवाया जाए.
जिलों में विशेष सतर्कता बरतें...
बैठक में कहा कि जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, बूंदी, भरतपुर, चितौड़गढ़, बीकानेर सहित ऐसे जिलों जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है. वहां जिला प्रशासन विशेष सतर्कता बरतें. दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों पर भी निगरानी रखी जाए. जिला स्तर पर कोरोना से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान और जागरूकता के लिए नियंत्रण कक्ष सुचारू रूप से संचालित हो.
कालाबाजारी करने वालों पर हो कानूनी कार्रवाई...
बैठक में कहा कि संकट के इस दौर में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जहां कहीं भी कालाबाजारी की शिकायत मिलती है, वहां संबंधित विक्रेता पर कानूनी कार्रवाई की जाए. इस महामारी से लड़ाई के साथ-साथ गवर्नेंस से संबंधित नियमित कार्य भी सुचारू रूप से जारी रहे. ताकि विकास कार्यों में कोई बाधा न आए.
भ्रामक सूचनाओं को रोकें...
बैठक में कहा कि दो सप्ताह इस वायरस के संक्रमण की दृष्टि से बेहद गंभीर है. इस समय में सरकारी की एडवाइजरी का सख्ती से पालना करवाया जाए. सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई की जाए, ताकि लोग अफवाहों से बचे रहें. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि बाहर से आने वाले घरेलू यात्रियों पर भी जिला प्रशासन पूरी नजर रखें.
हर जिले में क्वारेंटाइन की व्यवस्था हो...
बैठक में कहा कि जिला कलेक्टर कोरोना रोग के नियंत्रण के लिए नोडल अधिकारी हैं, वे चिकित्सा विभाग के साथ प्रतिदिन समस्त विभागों की बैठक लेकर समीक्षा करें. हर जिले में 500 व्यक्तियों के क्वारेंटाइन के लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. निजी चिकित्सालयों को पाबंद किया जाए कि वे किसी मरीज के इलाज के लिए मना न करें. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने कहा कि प्रदेश भर में लागू धारा 144 की पूरी तरह पालना हो. होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों पर एक्टिव सर्विलांस रहे. अगर ऐसा कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करें.
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बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था एमएल लाठर, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा, शासन सचिव स्कूल शिक्षा मंजू राजपाल, शासन सचिव आपदा प्रबंधन सिद्धार्थ महाजन, शासन सचिव श्रम नीरज के पवन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक नरेश कुमार ठकराल, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, अधीक्षक डीएस मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.