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जयपुर: कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में NFSA के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर मिलेगा आटा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा वितरित किया जाएगा. ये सुविधा कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में दी जा रही है. जिसके लिए अतिरिक्त चल आटा चक्कियों की व्यवस्था की गई है. निवासियों को पास जारी कर बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिए जाने का विकल्प रहेगा.

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Published : Apr 18, 2020, 1:07 AM IST

Updated : May 24, 2020, 11:58 PM IST

जयपुर की खबर, covid-19
गेहूं के स्थान पर मिलेगा आटा

जयपुर. प्रदेश के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा वितरित किया जाएगा. क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों (मोबाईल फ्लोर मिल्स) की व्यवस्था की गई है. साथ ही निवासियों को पास जारी कर बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिए जाने का विकल्प रहेगा.

ये जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने दी. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा. प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए ये व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा गेहूं की पिसाई कर प्रति किग्रा अधिकतम 100 ग्राम अर्थात 10 प्रतिशत छीजत काटते हुए दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध करवाया जाएगा.

10, 20, 25 और 50 किग्रा की होगी पैकिंग-

मंत्री ने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जाएगी. जिससे लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार दिए गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आटे का वितरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाए तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जाएगा.

पॉस मशीन में होगा इन्द्राज

रमेश मीणा ने बताया कि आटा मिलों से उचित मूल्य की दुकानों पर आटा पहुंचाने के बाद लाभार्थियों को वितरण करने से पहले पॉस मशीन में इन्द्राज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गेहूं के बदले छीजत के बाद बनने वाले आटे की मात्रा के आधार पर गेहूं की पिसाई, पैकिंग और समस्त परिवहन लोडिंग अनलोडिंग व्यय का वहन तरल कोष से किया जाएगा.

पढ़ें: CM से सीधे संवाद के दौरान मंत्री भाटी ने उठाया किसानों और श्रमिकों का मुद्दा, राहत दिलवाने की रखी मांग

कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर की आटा मिलों और चक्कियां खुली रहेंगी

मीणा ने बताया कि प्रदेश के जो क्षेत्र कर्फ्यू ग्रस्त नहीं है, वहां की आटा मिलों और आटा चक्कियों को खुला रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य जरूरत मंद परिवारों को निःशुल्क ड्राई राशन सामग्री में गेहूं आदि के रूप में वितरित किया जाना है. ऐसे प्रकरणों में दानदाताओं को ड्राई राशन में गेहूं के स्थान पर आटा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

जयपुर. प्रदेश के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा वितरित किया जाएगा. क्षेत्र में अतिरिक्त चल आटा चक्कियों (मोबाईल फ्लोर मिल्स) की व्यवस्था की गई है. साथ ही निवासियों को पास जारी कर बारी-बारी से आटा पिसाई के लिए अनुमति दिए जाने का विकल्प रहेगा.

ये जानकारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने दी. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा. प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए ये व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा गेहूं की पिसाई कर प्रति किग्रा अधिकतम 100 ग्राम अर्थात 10 प्रतिशत छीजत काटते हुए दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध करवाया जाएगा.

10, 20, 25 और 50 किग्रा की होगी पैकिंग-

मंत्री ने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जाएगी. जिससे लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार दिए गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आटे का वितरण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाए तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जाएगा.

पॉस मशीन में होगा इन्द्राज

रमेश मीणा ने बताया कि आटा मिलों से उचित मूल्य की दुकानों पर आटा पहुंचाने के बाद लाभार्थियों को वितरण करने से पहले पॉस मशीन में इन्द्राज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गेहूं के बदले छीजत के बाद बनने वाले आटे की मात्रा के आधार पर गेहूं की पिसाई, पैकिंग और समस्त परिवहन लोडिंग अनलोडिंग व्यय का वहन तरल कोष से किया जाएगा.

पढ़ें: CM से सीधे संवाद के दौरान मंत्री भाटी ने उठाया किसानों और श्रमिकों का मुद्दा, राहत दिलवाने की रखी मांग

कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों से बाहर की आटा मिलों और चक्कियां खुली रहेंगी

मीणा ने बताया कि प्रदेश के जो क्षेत्र कर्फ्यू ग्रस्त नहीं है, वहां की आटा मिलों और आटा चक्कियों को खुला रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य जरूरत मंद परिवारों को निःशुल्क ड्राई राशन सामग्री में गेहूं आदि के रूप में वितरित किया जाना है. ऐसे प्रकरणों में दानदाताओं को ड्राई राशन में गेहूं के स्थान पर आटा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

Last Updated : May 24, 2020, 11:58 PM IST
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