जयपुर. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में राजस्थान की दो बड़ी एजेंसियों की लगातार जांच जारी है. इस पूरे प्रकरण में राजस्थान एसओजी ने आरोपियों से पूछताछ की, जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं. पूछताछ में दोनों आरोपियों ने माना कि वे अनेक विधायकों के संपर्क में थे.
वहीं, इस पूरे प्रकरण में ACB ने जिन तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, उनसे अब तक कोई भी पूछताछ नहीं की गई है. ACB के आला अधिकारी विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की गहनता से जांच कर रहे हैं और अगर प्रकरण में आवश्यकता हुई तो तीनों निर्दलीय विधायकों से पूछताछ भी की जाएगी. इस प्रकरण में अजमेर के ब्यावर से भारत और उदयपुर से अशोक को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों की रिमांड अवधि पूरी होने पर सोमवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए हैं.
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हालांकि, दोनों आरोपियों से अब तक हुई पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि दोनों आरोपी अनेक विधायकों से संपर्क में थे. इसके साथ ही कुछ निर्दलीय विधायक जो कांग्रेस को समर्थन देने वाले थे, उनसे भी आरोपियों ने संपर्क साधा था.
इस पूरे प्रकरण में जांच को आगे बढ़ाने के लिए SOG के अधिकारियों ने कोर्ट में दोनों आरोपियों के वॉइस टेस्ट की एक अर्जी भी दायर की है. दोनों आरोपियों की वॉइस टेस्ट की अनुमति कोर्ट से मिलने के बाद इस प्रकरण में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है.
ACB में दर्ज प्राथमिकी को नहीं किया गया FIR में तब्दील...
इस प्रकरण को लेकर राजस्थान एसीबी ने 11 जुलाई को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. एसीबी ने खुशवीर सिंह, ओम प्रकाश हुड़ला और सुरेश टांक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. जिसमें तीनों निर्दलीय विधायकों पर बांसवाड़ा और डूंगरपुर के विधायकों को करोड़ों रुपए का प्रलोभन देने की शिकायत की जांच शुरू की गई.
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हालांकि, दर्ज की गई प्राथमिकी को अब तक FIR में तब्दील नहीं किया गया है. ACB के आला अधिकारियों की माने तो प्रकरण में जांच करने पर यदि इस बात की पुष्टि होती है कि तीनों निर्दलीय विधायक करोड़ों रुपए की राशि लेकर बांसवाड़ा और डूंगरपुर के विधायकों के पास पहुंचे थे तो एफआईआर दर्ज की जाएगी. साथ ही तीनों निर्दलीय विधायकों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी.