जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से प्रदेश में अवैध खनन कार्यों पर चिंता जताने के बाद मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने शुक्रवार को राज्य के सभी जिला कलेक्टर और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और फीडबैक लिया.
गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिला कलेक्टर और एसपी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाल ही में आए दिशा-निर्देशों के बारे में बताया और इस दौरान उनकी बातें भी सुनीं.
एसपी ने मुख्य सचिव से अवैध बजरी पर लगाई जाने वाली जुर्माने की राशि को बढ़ाने की मांग की. इनका कहना है कि कम जुर्माना राशि होने के कारण बजरी माफिया में डर समाप्त हो चुका है.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मुख्य सचिव ने कहा, कि अवैध खनन की समस्या प्रदेश में काफी लंबे समय से चल रही है. 16 नवंबर 2017 तक 82 एलओआई होल्डर्स के पास वैध पट्टे थे, लेकिन उसके बाद लगातार कोर्ट में चैलेंज होने के कारण और स्टे की वजह से एलओआई देने की कार्रवाई साढ़े 3 साल से नहीं कर पा रहे हैं. जिससे अवैध बजरी की समस्या भी बढ़ गई. गुप्ता के मुताबिक मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. शीर्ष अदालत ने जल्द ही व्यवस्था नहीं की, तो राज्य में अवैध खनन पर अंकुश लगाना राज्य सरकार के लिए भी दुश्वार हो जाएगा.
28 हजार केस दर्ज
सचिव ने बताया, कि सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई है. जिसके पास 6 सप्ताह का समय है. इस दौरान कमेटी प्रशासन एनजीओ और बजरी होल्डर्स के साथ सुनवाई करेगी और अपनी अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगे.
मुख्य सचिव ने बताया, कि प्रदेश भर में संयुक्त टास्क फोर्स ने कुल 28 हजार अवैध बजरी के केस दर्ज किए हैं. जिनमें अवैध बजरी ले जाने, अवैध बजरी रखने और अवैध खनन के कार्य के केस भी शामिल हैं.