जयपुर. साल 2021 समाप्त होने को है. ऐसे में राजस्थान की राजनीति की बात की जाए तो साल 2021 में पूरी उम्मीदों के बावजूद राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट खाली हाथ रहे हैं. हालांकि, पायलट कैंप के विधायकों को फिर से मंत्री पद मिल गए. वहीं उनसे जुड़े नेताओं को संगठन में पद मिल गए हैं.
सचिन पायलट के कहने पर उनके खेमे के विधायकों को पद मिल गए हैं लेकिन सचिन पायलट के हाथ अब तक खाली है. सचिन पायलट राजनीति में आने के बाद जब दूसरी बार 2009 में अजमेर से सांसद बने, उसके बाद से सचिन पायलट हमेशा कांग्रेस में किसी ना किसी पद पर रहे लेकिन साल 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा. जुलाई 2020 के बाद से उम्मीद यह जताई जा रही है कि पायलट को कांग्रेस पार्टी में कहीं ना कहीं एडजस्ट किया जाएगा लेकिन अब भी इस बात का इंतजार हो रहा है कि पायलट को कब कोई पद दिया जाए.
सचिन पायलट को कोई पद नहीं दिया जाना गुटबाजी को फिर से हवा दे सकता (Factionalism in Rajasthan Congress) है. भले ही 2021 में गहलोत सरकार में नाराज विधायकों को एडजस्ट किया गया लेकिन यह शांति कब तक जारी रहेगी, यह निश्चित नहीं है. माना जा रहा है कि सचिन पायलट अगर किसी पद पर नहीं आए तो फिर राजस्थान में गुटबाजी थमना आसान नहीं होगा.