जयपुर. स्वदेशी जागरण मंच के विचार वर्ग का आयोजन रविवार को बस्सी के बलराम आदर्श विद्या मंदिर में हुआ. कार्यक्रम में देश में 'स्वदेशी स्वीकार, विदेशी बहिष्कार' की आवश्यकता पर जोर दिया गया. स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने कार्यक्रम में संबोधित किया.
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहा कि हमें इच्छा से देशी, जरूरत से स्वदेशी और मजबूरी में ही विदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए. चार्टर्ड अकाउंटेंट शांतिलाल दोसी ने विदेशी कंपनियों का ऑडिट नहीं करने का फैसला किया.
सतीश कुमार ने कहा कि आज देश में स्वदेशी स्वीकार, विदेशी बहिष्कार की अधिक आवश्यकता है. भारत की इकोनॉमी अभी 3.1 ट्रिलियन है, इसे बढ़ाने के लिए हमें स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए. आज भारत, अखंड भारत की ओर अग्रसर हो रहा है. हमारे पूर्वज कहा करते थे 'उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और नीच नौकरी होती है. लेकिन आज स्थिति यह है कि हम नौकरी को उत्तम मानते हैं, व्यापार को मध्यम और खेती को नीच कार्य मानने लगे हैं.
अखिल भारतीय सह विचार प्रमुख डॉ. राजकुमार चतुर्वेदी ने समारोह में कहा कि देश के युवाओं को रोजगार देने के बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रभाव को खत्म करना होगा. उनका कहना था कि अंत्योदय योजना का उद्देश्य हर हाथ को काम- हर पेट को रोटी देने का है. हमें सरकारी नौकरी के पीछे भागने के बजाय खुद का रोजगार पैदा करना होगा, जिससे अधिकांश लोगों को रोजगार दे सकें.
चार्टर्ड अकाउंटेंट शांतिलाल दोसी ने मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए कहा कि वे विदेशी कंपनियों का ऑडिट नहीं करेंगे. एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत चाइना को अधिकांश माल एक्सपोर्ट करेगा. समारोह की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत संघचालक महेन्द्र सिंह मग्गो ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से ही राष्ट्र निर्माण होगा. युवाओं को नौकरी लेने के बजाय नौकरी देने वाला विचार देना चाहिए. जिससे देश अधिक मजबूत हो सके.
स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्र संयोजक धर्मेंद्र दुबे ने स्वदेशी के महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा करते हुए नई कार्यकारिणी में नए लोगों को जिम्मेदारी दी. मंच के प्रांत संयोजक देवेंद्र भारद्वाज ने मंच की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला. विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद सुधीर पारीक ने विचार व्यक्त किए. इस मौके पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संगठक मनोहर शरण, स्वदेशी के वरिष्ठ कार्यकर्ता लोकेंद्र सिंह नरूका, रामदयाल सेन सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.