ETV Bharat / city

Special: कहीं आपकी गाड़ी में पेट्रोल-डीजल कम तो नहीं डाला जा रहा ? ऐसे करें जांच और शिकायत

जयपुर शहर में कई बार कम पेट्रोल देने के मामले भी सामने आते हैं. उपभोक्ताओं की शिकायत पर विधिक माप विज्ञान की टीम पेट्रोल पंप पर कार्रवाई भी करती है. पेट्रोल पंप पर बिना सत्यापन पेट्रोल का वितरण नहीं हो सकता. यदि कोई पेट्रोल पंप बिना सत्यापन के पेट्रोल-डीजल का वितरण करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और जुर्माना वसूला जाता है. देखें ये खास रिपोर्ट

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
पेट्रोल-डीजल का सत्यापन
author img

By

Published : Mar 23, 2021, 11:56 AM IST

जयपुर. पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के मन में पेट्रोल और डीजल कम देने को लेकर हमेशा ही संशय बना रहता है. जब कोई व्यक्ति पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाने जाता है, तो उसे संदेह रहता है कि कहीं पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी उसकी गाड़ी में कम पेट्रोल तो नहीं डाल रहे. हालांकि, जयपुर शहर में कई बार कम पेट्रोल देने के मामले भी सामने आते हैं और उस पेट्रोल पंप पर कार्रवाई भी होती है. देखें ये खास रिपोर्ट

सत्यापन के बाद ही पेट्रोल पंप से होता है पेट्रोल और डीजल का वितरण

शिकायत पर कार्रवाई

शिकायत आने पर विधिक माप विज्ञान की टीम पेट्रोल पंप पर कार्रवाई करती है और उस दौरान कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं, हालांकि विभाग हर महीने दो या तीन पेट्रोल पंप पर ही पेट्रोल और डीजल कम देने पर कार्रवाई करता है. यह संख्या वास्तविक संख्या से बेहद कम है. विभाग का कहना है कि जब भी किसी पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल या डीजल देने की कार्रवाई होती है, तो उसकी पूरी जानकारी संबंधित कंपनी के पास ही रहती है.

सत्यापन के बाद पेट्रोल-डीजल का वितरण

विधिक माप विज्ञान विभाग के पास सत्यापन के ही आंकड़े मौजूद है. जब पेट्रोल पंप पर सत्यापन किया जाता है, उसके बाद ही पेट्रोल पंप पर पेट्रोल का वितरण किया जा सकता है. यदि कोई पेट्रोल पंप बिना सत्यापन के पेट्रोल-डीजल का वितरण करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और जुर्माना वसूला जाता है. जयपुर शहर में अक्सर पेट्रोल और डीजल कम देने की शिकायतें आती रहती हैं और उनकी जांच भी विभाग की ओर से की जाती रही है.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
शिकायत पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस हो सकता है रद्द

कहां और कैसे करें शिकायत

उपभोक्ता मामले की विशेषज्ञ एडवोकेट दिनेश गर्ग ने बताया कि अमूमन पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल और डीजल देने की शिकायतें देखने में आती हैं. कुछ शिकायत सही होती है, तो कुछ मामलों में उपभोक्ता को संतुष्ट कर दिया जाता है. दिनेश गर्ग ने बताया यदि किसी व्यक्ति को पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल कम दिया जाता है, तो वह दो-तीन तरह से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकता है. यदि पेट्रोल कम देने या मिलावट को लेकर कोई शिकायत हो, तो संबंधित पेट्रोलियम कंपनी के सेल्स ऑफिसर को शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा जिला रसद अधिकारी और जिला कलेक्टर को भी यह शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा जिला उपभोक्ता मंच, राज्य स्तर पर राज्य उपभोक्ता मंच और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच में अपना परिवाद दे सकते हैं.

पढ़ें: बीकानेर में अब नहीं है स्टाम्प की कमी....बढ़ रहा ई-स्टाम्प का चलन

जुर्माने का प्रावधान

दिनेश गर्ग ने बताया कि जब कोई व्यक्ति कम पेट्रोल देने की शिकायत करता है, तो पेट्रोल पंप पर काम करने वाले सभी कर्मचारी उस व्यक्ति को घेर लेते हैं और दादागिरी करते हैं, उससे मारपीट तक कर लेते हैं. कुछ दिनों पहले जयपुर में भी एक ऐसा ही मामला देखने में आया था, जब एक पत्रकार ने कम पेट्रोल देने की शिकायत की और उसके बाद उस पत्रकार से मारपीट की गई. मारपीट में वह जख्मी भी हो गया. दिनेश गर्ग ने कहा कि यदि पेट्रोल पंप दोषी पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है और सजा का भी प्रावधान है. यहां तक पेट्रोल पंप का लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
उपभोक्ताओं को पेट्रोल-डीजल जांचने को अधिकार

लाइसेंस हो सकता है निलंबित

संभागीय उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी एवं उप नियंत्रक विधिक माप विज्ञान चंदीराम जसवानी ने बताया कि कोई भी पेट्रोल पंप सत्यापन के बाद ही पेट्रोल और डीजल का वितरण कर सकता है. बिना सत्यापन के पेट्रोल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है और जुर्माना लगाया जाता है.

डिजिटल होता है सत्यापन

चंदीराम जसवानी ने बताया कि पेट्रोल पंप मालिक ई तुला मान सॉफ्टवेयर पर सत्यापन के लिए आवेदन कर सकता है. ई तुलामान पर 13978 पेट्रोल पंप के सत्यापन के लिए आवेदन पहुंचे हैं और इनमें से एक 11295 आवेदन को अप्रूवल दे दिया गया. 289 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है और 2394 पेंडिंग पड़े हैं, इनसे 5 करोड़ 32 लाख 14 हजार रुपए की राशि जमा हुई है. चंदीराम जसवानी ने बताया कि सत्यापन में किसी भी पेट्रोल पंप से एक नोजल के 1500 रुपए सत्यापन के लिए लिए जाते हैं. एक पेट्रोल पंप पर औसतन 4 नोजल होते हैं, इस तरह से एक पेट्रोल पंप से औसतन 6000 रुपये सत्यापन के लिए लिए जाते हैं. यदि कोई भी पेट्रोल पंप मालिक नोजल का सत्यापन नहीं कराता है, तो उससे 750 रुपये वसूल किए जाते हैं. बिना सत्यापन पेट्रोल डीजल का वितरण की नहीं कर सकता.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
प्रदेश में 6 हजार पेट्रोल पंप

ऐसे करें जांच

प्रदेश में करीब 6000 पेट्रोल पंप हैं, जिनके करीब 15 हजार नोजल का सत्यापन किया जाता है. जयपुर में करीब 350 पेट्रोल पंप हैं और एक हजार से ज्यादा नोजल है. जसवानी ने कहा कि माप तोल विभाग लोगों को सही मात्रा में सामान देना सुनिश्चित करता है, चाहे वह पेट्रोल हो या अन्य कोई वस्तु. जब भी किसी पेट्रोल पंप का सत्यापन किया जाता है तो उस पर विभाग की सील लगाई जाती है, ताकि पेट्रोल पंप मालिक किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी ना कर सके. हर साल पेट्रोल पंप का सत्यापन होता है और हर साल सील लगाई जाती है. सील पर इंस्पेक्टर का कोड भी लगा होता है. हर पेट्रोल पंप पर 5 लीटर माप रखा रहता है, उस 5 लीटर के माप पर विभाग की सील भी लगी रहती है, यदि कोई उपभोक्ता उस 5 लीटर के माप से पेट्रोल नपवाता है, तो उसे उस सील का ध्यान रखना होता है. पांच लीटर के माप से पता लगाया जा सकता है कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल कम दिया जा रहा है या सही. इस माप में 5 से 10 एमएल का अंतर आ सकता है, लेकिन इससे ज्यादा का अंतर नही आना चाहिए.

तेल कम से ज्यादा मिलावट की शिकायत

पेट्रोल पंप की मशीन पर चिप लगी रहती है, जिसकी सूचना कंपनी के पास जाती है. दिनेश ने कहा कि नई तकनीकी कारण पेट्रोल कम देने के मामले कम हो गए हैं, लेकिन मिलावट ज्यादा होने लगी है. मिलावट के लिए पेट्रोल और डीजल के घनत्व को नापा जा सकता है. पेट्रोल का घनत्व जहां 8400, तो वहीं डीजल का घनत्व 7000 से 7500 तक हो सकता है. घनत्व के आधार पर ही पेट्रोल और डीजल में मिलावट की जानकारी प्राप्त हो सकती है.

जयपुर. पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनता के मन में पेट्रोल और डीजल कम देने को लेकर हमेशा ही संशय बना रहता है. जब कोई व्यक्ति पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवाने जाता है, तो उसे संदेह रहता है कि कहीं पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारी उसकी गाड़ी में कम पेट्रोल तो नहीं डाल रहे. हालांकि, जयपुर शहर में कई बार कम पेट्रोल देने के मामले भी सामने आते हैं और उस पेट्रोल पंप पर कार्रवाई भी होती है. देखें ये खास रिपोर्ट

सत्यापन के बाद ही पेट्रोल पंप से होता है पेट्रोल और डीजल का वितरण

शिकायत पर कार्रवाई

शिकायत आने पर विधिक माप विज्ञान की टीम पेट्रोल पंप पर कार्रवाई करती है और उस दौरान कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं, हालांकि विभाग हर महीने दो या तीन पेट्रोल पंप पर ही पेट्रोल और डीजल कम देने पर कार्रवाई करता है. यह संख्या वास्तविक संख्या से बेहद कम है. विभाग का कहना है कि जब भी किसी पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल या डीजल देने की कार्रवाई होती है, तो उसकी पूरी जानकारी संबंधित कंपनी के पास ही रहती है.

सत्यापन के बाद पेट्रोल-डीजल का वितरण

विधिक माप विज्ञान विभाग के पास सत्यापन के ही आंकड़े मौजूद है. जब पेट्रोल पंप पर सत्यापन किया जाता है, उसके बाद ही पेट्रोल पंप पर पेट्रोल का वितरण किया जा सकता है. यदि कोई पेट्रोल पंप बिना सत्यापन के पेट्रोल-डीजल का वितरण करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और जुर्माना वसूला जाता है. जयपुर शहर में अक्सर पेट्रोल और डीजल कम देने की शिकायतें आती रहती हैं और उनकी जांच भी विभाग की ओर से की जाती रही है.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
शिकायत पर पेट्रोल पंप का लाइसेंस हो सकता है रद्द

कहां और कैसे करें शिकायत

उपभोक्ता मामले की विशेषज्ञ एडवोकेट दिनेश गर्ग ने बताया कि अमूमन पेट्रोल पंप पर कम पेट्रोल और डीजल देने की शिकायतें देखने में आती हैं. कुछ शिकायत सही होती है, तो कुछ मामलों में उपभोक्ता को संतुष्ट कर दिया जाता है. दिनेश गर्ग ने बताया यदि किसी व्यक्ति को पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल कम दिया जाता है, तो वह दो-तीन तरह से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकता है. यदि पेट्रोल कम देने या मिलावट को लेकर कोई शिकायत हो, तो संबंधित पेट्रोलियम कंपनी के सेल्स ऑफिसर को शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा जिला रसद अधिकारी और जिला कलेक्टर को भी यह शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा जिला उपभोक्ता मंच, राज्य स्तर पर राज्य उपभोक्ता मंच और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उपभोक्ता मंच में अपना परिवाद दे सकते हैं.

पढ़ें: बीकानेर में अब नहीं है स्टाम्प की कमी....बढ़ रहा ई-स्टाम्प का चलन

जुर्माने का प्रावधान

दिनेश गर्ग ने बताया कि जब कोई व्यक्ति कम पेट्रोल देने की शिकायत करता है, तो पेट्रोल पंप पर काम करने वाले सभी कर्मचारी उस व्यक्ति को घेर लेते हैं और दादागिरी करते हैं, उससे मारपीट तक कर लेते हैं. कुछ दिनों पहले जयपुर में भी एक ऐसा ही मामला देखने में आया था, जब एक पत्रकार ने कम पेट्रोल देने की शिकायत की और उसके बाद उस पत्रकार से मारपीट की गई. मारपीट में वह जख्मी भी हो गया. दिनेश गर्ग ने कहा कि यदि पेट्रोल पंप दोषी पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है और सजा का भी प्रावधान है. यहां तक पेट्रोल पंप का लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
उपभोक्ताओं को पेट्रोल-डीजल जांचने को अधिकार

लाइसेंस हो सकता है निलंबित

संभागीय उपभोक्ता संरक्षण अधिकारी एवं उप नियंत्रक विधिक माप विज्ञान चंदीराम जसवानी ने बताया कि कोई भी पेट्रोल पंप सत्यापन के बाद ही पेट्रोल और डीजल का वितरण कर सकता है. बिना सत्यापन के पेट्रोल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है और जुर्माना लगाया जाता है.

डिजिटल होता है सत्यापन

चंदीराम जसवानी ने बताया कि पेट्रोल पंप मालिक ई तुला मान सॉफ्टवेयर पर सत्यापन के लिए आवेदन कर सकता है. ई तुलामान पर 13978 पेट्रोल पंप के सत्यापन के लिए आवेदन पहुंचे हैं और इनमें से एक 11295 आवेदन को अप्रूवल दे दिया गया. 289 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है और 2394 पेंडिंग पड़े हैं, इनसे 5 करोड़ 32 लाख 14 हजार रुपए की राशि जमा हुई है. चंदीराम जसवानी ने बताया कि सत्यापन में किसी भी पेट्रोल पंप से एक नोजल के 1500 रुपए सत्यापन के लिए लिए जाते हैं. एक पेट्रोल पंप पर औसतन 4 नोजल होते हैं, इस तरह से एक पेट्रोल पंप से औसतन 6000 रुपये सत्यापन के लिए लिए जाते हैं. यदि कोई भी पेट्रोल पंप मालिक नोजल का सत्यापन नहीं कराता है, तो उससे 750 रुपये वसूल किए जाते हैं. बिना सत्यापन पेट्रोल डीजल का वितरण की नहीं कर सकता.

jaipur petrol and diesel, jaipur latest hindi news
प्रदेश में 6 हजार पेट्रोल पंप

ऐसे करें जांच

प्रदेश में करीब 6000 पेट्रोल पंप हैं, जिनके करीब 15 हजार नोजल का सत्यापन किया जाता है. जयपुर में करीब 350 पेट्रोल पंप हैं और एक हजार से ज्यादा नोजल है. जसवानी ने कहा कि माप तोल विभाग लोगों को सही मात्रा में सामान देना सुनिश्चित करता है, चाहे वह पेट्रोल हो या अन्य कोई वस्तु. जब भी किसी पेट्रोल पंप का सत्यापन किया जाता है तो उस पर विभाग की सील लगाई जाती है, ताकि पेट्रोल पंप मालिक किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी ना कर सके. हर साल पेट्रोल पंप का सत्यापन होता है और हर साल सील लगाई जाती है. सील पर इंस्पेक्टर का कोड भी लगा होता है. हर पेट्रोल पंप पर 5 लीटर माप रखा रहता है, उस 5 लीटर के माप पर विभाग की सील भी लगी रहती है, यदि कोई उपभोक्ता उस 5 लीटर के माप से पेट्रोल नपवाता है, तो उसे उस सील का ध्यान रखना होता है. पांच लीटर के माप से पता लगाया जा सकता है कि पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल कम दिया जा रहा है या सही. इस माप में 5 से 10 एमएल का अंतर आ सकता है, लेकिन इससे ज्यादा का अंतर नही आना चाहिए.

तेल कम से ज्यादा मिलावट की शिकायत

पेट्रोल पंप की मशीन पर चिप लगी रहती है, जिसकी सूचना कंपनी के पास जाती है. दिनेश ने कहा कि नई तकनीकी कारण पेट्रोल कम देने के मामले कम हो गए हैं, लेकिन मिलावट ज्यादा होने लगी है. मिलावट के लिए पेट्रोल और डीजल के घनत्व को नापा जा सकता है. पेट्रोल का घनत्व जहां 8400, तो वहीं डीजल का घनत्व 7000 से 7500 तक हो सकता है. घनत्व के आधार पर ही पेट्रोल और डीजल में मिलावट की जानकारी प्राप्त हो सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.