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जयपुरः आवासन आयुक्त ने दिया विधायक आवास का प्रेजेंटेशन, परिसर में होगी अत्याधुनिक सुविधा - राजस्थान न्यूज

जयपुर में विधायकों के बहुमंजिला आवासों के निर्माण के संबंध में बैठक आयोजित की गई. जिसमें विधायक आवासों के निर्माण के लिए जेडीए के पूर्व में नियुक्त कंसलटेंट मैसेस एनमार्क ने अब तक बनाए गए कांसेप्ट प्लान की डिजाइन का प्रजेंटेशन दिया.

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आवासन आयुक्त ने दिया विधायक आवास के डिजाइन का प्रेजेंटेशन
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Published : Jun 24, 2020, 2:57 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित उनके कक्ष में विधायक गणों के बहुमंजिला आवासों के निर्माण के संबंध में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विधायक आवासों के निर्माण के लिए जेडीए के पूर्व में नियुक्त कंसलटेंट मैसेस एनमार्क ने अब तक बनाए गए कांसेप्ट प्लान की डिजाइन का प्रजेंटेशन दिया. लेकिन समिति के सदस्यों को ये प्लान पसंद नहीं आया. जिसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस कार्यादेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करते हुए, हाउसिंग बोर्ड अपने स्तर पर नए आर्किटेक्ट नियुक्त करने के लिए निविदा जारी करे.

आवासन आयुक्त ने दिया विधायक आवास के डिजाइन का प्रेजेंटेशन

आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने हाउसिंग बोर्ड की तरफ से तैयार किए गए कांसेप्ट प्लान और फ्लैट के यूनिट प्लान का प्रजेंटेशन दिया. जिसको सभी समिति सदस्यों ने काफी सराहा और तुरंत कार्य शुरू करने के लिए सहमति बनी.

प्रेजेंटेशन के दौरान आवासन आयुक्त ने बताया कि पूर्व में ज्योति नगर स्थित विधायक नगर पश्चिम में बहुमंजिला इमारतों में 176 विधायक आवास बनाए जाने थे. जिनको घटाकर अब 160 कर दिया गया है. इससे सेंट्रल लॉन का क्षेत्रफल 2 गुना हो जाएगा. जो विधायक अभी विधानसभा की तरफ से दी गई आवास सुविधा उपयोग में ले रहे हैं, उनको आवासन मंडल की मानसरोवर योजना में निर्मित अरावली एनक्लेव और द्वारका ट्विंस में 96 फ्लैट उपलब्ध करवाए गए हैं. विधानसभा की ओर से विधायकों को इन फ्लैट्स में तुरंत शिफ्ट होने का नोटिस/विकल्प दिया जाएगा.

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आवासन आयुक्त ने दिया विधायक आवास के डिजाइन का प्रेजेंटेशन

आयुक्त ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर विधायकों को ये आवास मकान किराया भत्ता के बदले किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. यदि कोई विधायक उन आवासों को खरीदना चाहेंगे तो उनको रियायती दर पर उपलब्ध करवाए जा सकेंगे. वहीं, विधानसभा सचिवालय अब ज्योति नगर, जालूपुरा और लाल कोठी स्थित विधायक आवासों को आगामी 15 दिन में खाली करवाकर, हाउसिंग बोर्ड उन आवासों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा. इसके लिए हाउसिंग बोर्ड ने टेंडर भी जारी कर दिया है.

पढ़ेंः नेहरू राज में 43 हजार वर्ग किमी भूमि चीन ने हड़पी, हम एक इंच भी नहीं लेने देंगे: राजेंद्र गहलोत

हाउसिंग बोर्ड की तरफ से प्रस्तुत की गई फ्लैट की यूनिट डिजाइन को सैद्धांतिक रूप से बैठक में अनुमोदित किया गया. लेकिन जो भी नई आर्किटेक्ट फर्म आएगी उससे नक्शा बनवाया जाएगा. जिसके अंतिम अनुमोदन के लिए यूडीएच मंत्री को अधिकृत किया गया है. इस प्रोजेक्ट को ढाई वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. विधायक आवास परिसर में जी प्लस 8 टावरों का निर्माण करवाया जाएगा. एक फ्लैट का निर्मित एरिया 3200 वर्ग फीट होगा. जिसमें चार बेडरूम, एक ड्राइंग रूम, एक डाइनिंग रूम, एक बड़ी रसोई, एक एंट्री लोबी, एक स्टोर और अटैच बाथरूम सहित 1 घरेलू सहायक का कमरा होगा. क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, इनडोर/आउटडोर गेम सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं भी होंगी.

उधर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस प्रोजेक्ट के संबंध में हुई बैठक में 2 अहम फैसले लिए गए. पहले फैसले के अनुसार विधायक नगर पश्चिम और विधायक नगर पूर्व की जो जमीन अभी जेडीए के नाम है, उनको नगरीय विकास विभाग मंत्री स्तर पर अनुमोदन करवाकर हाउसिंग बोर्ड के नाम चढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर जयपुर को पत्र जारी करेगा.

वहीं, दूसरा निर्णय ये हुआ कि जालूपुरा विधायक आवास की जो जमीन सामान्य प्रशासन विभाग के नाम दर्ज हैं, उनके संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग से शिथिलता प्रदान करवाएगा. ताकि ये जमीन बिना कीमत हाउसिंग बोर्ड को दी जा सके. इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर से अनुमति लेकर कलेक्टर को निर्देशित किया जाएगा, कि ये जमीन हाउसिंग बोर्ड के नाम दर्ज कर दी जाए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित उनके कक्ष में विधायक गणों के बहुमंजिला आवासों के निर्माण के संबंध में बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विधायक आवासों के निर्माण के लिए जेडीए के पूर्व में नियुक्त कंसलटेंट मैसेस एनमार्क ने अब तक बनाए गए कांसेप्ट प्लान की डिजाइन का प्रजेंटेशन दिया. लेकिन समिति के सदस्यों को ये प्लान पसंद नहीं आया. जिसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस कार्यादेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करते हुए, हाउसिंग बोर्ड अपने स्तर पर नए आर्किटेक्ट नियुक्त करने के लिए निविदा जारी करे.

आवासन आयुक्त ने दिया विधायक आवास के डिजाइन का प्रेजेंटेशन

आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने हाउसिंग बोर्ड की तरफ से तैयार किए गए कांसेप्ट प्लान और फ्लैट के यूनिट प्लान का प्रजेंटेशन दिया. जिसको सभी समिति सदस्यों ने काफी सराहा और तुरंत कार्य शुरू करने के लिए सहमति बनी.

प्रेजेंटेशन के दौरान आवासन आयुक्त ने बताया कि पूर्व में ज्योति नगर स्थित विधायक नगर पश्चिम में बहुमंजिला इमारतों में 176 विधायक आवास बनाए जाने थे. जिनको घटाकर अब 160 कर दिया गया है. इससे सेंट्रल लॉन का क्षेत्रफल 2 गुना हो जाएगा. जो विधायक अभी विधानसभा की तरफ से दी गई आवास सुविधा उपयोग में ले रहे हैं, उनको आवासन मंडल की मानसरोवर योजना में निर्मित अरावली एनक्लेव और द्वारका ट्विंस में 96 फ्लैट उपलब्ध करवाए गए हैं. विधानसभा की ओर से विधायकों को इन फ्लैट्स में तुरंत शिफ्ट होने का नोटिस/विकल्प दिया जाएगा.

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आयुक्त ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर विधायकों को ये आवास मकान किराया भत्ता के बदले किराए पर उपलब्ध करवाए जाएंगे. यदि कोई विधायक उन आवासों को खरीदना चाहेंगे तो उनको रियायती दर पर उपलब्ध करवाए जा सकेंगे. वहीं, विधानसभा सचिवालय अब ज्योति नगर, जालूपुरा और लाल कोठी स्थित विधायक आवासों को आगामी 15 दिन में खाली करवाकर, हाउसिंग बोर्ड उन आवासों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा. इसके लिए हाउसिंग बोर्ड ने टेंडर भी जारी कर दिया है.

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हाउसिंग बोर्ड की तरफ से प्रस्तुत की गई फ्लैट की यूनिट डिजाइन को सैद्धांतिक रूप से बैठक में अनुमोदित किया गया. लेकिन जो भी नई आर्किटेक्ट फर्म आएगी उससे नक्शा बनवाया जाएगा. जिसके अंतिम अनुमोदन के लिए यूडीएच मंत्री को अधिकृत किया गया है. इस प्रोजेक्ट को ढाई वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. विधायक आवास परिसर में जी प्लस 8 टावरों का निर्माण करवाया जाएगा. एक फ्लैट का निर्मित एरिया 3200 वर्ग फीट होगा. जिसमें चार बेडरूम, एक ड्राइंग रूम, एक डाइनिंग रूम, एक बड़ी रसोई, एक एंट्री लोबी, एक स्टोर और अटैच बाथरूम सहित 1 घरेलू सहायक का कमरा होगा. क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, इनडोर/आउटडोर गेम सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं भी होंगी.

उधर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस प्रोजेक्ट के संबंध में हुई बैठक में 2 अहम फैसले लिए गए. पहले फैसले के अनुसार विधायक नगर पश्चिम और विधायक नगर पूर्व की जो जमीन अभी जेडीए के नाम है, उनको नगरीय विकास विभाग मंत्री स्तर पर अनुमोदन करवाकर हाउसिंग बोर्ड के नाम चढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर जयपुर को पत्र जारी करेगा.

वहीं, दूसरा निर्णय ये हुआ कि जालूपुरा विधायक आवास की जो जमीन सामान्य प्रशासन विभाग के नाम दर्ज हैं, उनके संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग से शिथिलता प्रदान करवाएगा. ताकि ये जमीन बिना कीमत हाउसिंग बोर्ड को दी जा सके. इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर से अनुमति लेकर कलेक्टर को निर्देशित किया जाएगा, कि ये जमीन हाउसिंग बोर्ड के नाम दर्ज कर दी जाए.

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