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गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी सीएम गहलोत को चिट्ठी, केंद्रीय कानूनों में हो रहे संशोधन पर मांगे सुझाव

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर केंद्रीय कानूनों में किए जा रहे संशोधन पर सुझाव मांगा है. चिट्ठी में नए भारत को ध्यान में रखते हुए आईपीसी, सीआरपीसी, आर्म्स एक्ट, नारकोटिक्स एक्ट सहित कई अधिनियमों में किए जा रहे संशोधनों पर सुझाव मांगा गया है.

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Published : Sep 18, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर. चिट्ठी में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा विधि व्यवस्था से जुड़े कानूनों का पुनरीक्षण कर उनमें आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जाता रहा है. 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध अपराध के लिए बने कानून को और अधिक कठोर बनाया गया था. वर्तमान में 2019 में भी विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 की आवश्यकता अनुसार संशोधन किए गए हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी सीएम गहलोत को चिट्ठी

चिट्ठी में बताया गया है कि आजादी के 70 साल बाद वर्तमान परिवेश में नए भारत की परिकल्पना की दृष्टिकोण रखते हुए विधि एवं कानून को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, शस्त्र अधिनियम, नारकोटिक्स अधिनियम इत्यादि के पुनरीक्षण करके आवश्यकतानुसार परिवर्तन किए जा रहे हैं. क्योंकि पुलिस और लोकल व्यवस्था संविधान की 7वीं सूची में राज्य संबंधी विषय हैं. संभावित परिवर्तनों के संबंध में सभी राज्य सरकारों से सुझाव अपेक्षित किए गए. सुझाव देते समय यह ध्यान रखना उचित होगा कि पुनरीक्षित कानून जनता की लोकतांत्रिक अपेक्षाओं के अनुरूप और महिलाओं, बच्चों, समाज के कमजोर वर्ग इत्यादि को त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम हो.

पढ़ें : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन कुर्सी अब तक क्यों है खाली...?

वहीं, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को भी ध्यान रखते हुए किया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त कानून प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी ध्यान देना आवश्यक है, ताकि आम नागरिक का जीवन सुगम और सुनिश्चित हो. इस चिट्ठी में साफ कहा गया है कि सुझाव देने से पहले अपने स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया जाय. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल सदस्य और अधिकारियों के साथ चर्चा कर अपना सुझाव देंगे.

जयपुर. चिट्ठी में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा विधि व्यवस्था से जुड़े कानूनों का पुनरीक्षण कर उनमें आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जाता रहा है. 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध अपराध के लिए बने कानून को और अधिक कठोर बनाया गया था. वर्तमान में 2019 में भी विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 की आवश्यकता अनुसार संशोधन किए गए हैं.

गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी सीएम गहलोत को चिट्ठी

चिट्ठी में बताया गया है कि आजादी के 70 साल बाद वर्तमान परिवेश में नए भारत की परिकल्पना की दृष्टिकोण रखते हुए विधि एवं कानून को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, शस्त्र अधिनियम, नारकोटिक्स अधिनियम इत्यादि के पुनरीक्षण करके आवश्यकतानुसार परिवर्तन किए जा रहे हैं. क्योंकि पुलिस और लोकल व्यवस्था संविधान की 7वीं सूची में राज्य संबंधी विषय हैं. संभावित परिवर्तनों के संबंध में सभी राज्य सरकारों से सुझाव अपेक्षित किए गए. सुझाव देते समय यह ध्यान रखना उचित होगा कि पुनरीक्षित कानून जनता की लोकतांत्रिक अपेक्षाओं के अनुरूप और महिलाओं, बच्चों, समाज के कमजोर वर्ग इत्यादि को त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम हो.

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वहीं, कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को भी ध्यान रखते हुए किया जाना चाहिए. इसके अतिरिक्त कानून प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी ध्यान देना आवश्यक है, ताकि आम नागरिक का जीवन सुगम और सुनिश्चित हो. इस चिट्ठी में साफ कहा गया है कि सुझाव देने से पहले अपने स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया जाय. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल सदस्य और अधिकारियों के साथ चर्चा कर अपना सुझाव देंगे.

Intro:
जयपुर

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखा सीएम गहलोत को पत्र , केंद्रीय कानूनों में हो रहे संशोधन पर मांगें सुझाव

एंकर:- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर केंद्रीय कानूनों में किए जा रहे संशोधन पर सुझाव मांगे हैं । चिट्ठी में कहा गया है कि नए भारत को ध्यान में रखते हुए आईपीसी सीआरपीसी आमर्स नार्कोटिक्स एक्ट सहित कई अधिनियमों में किए जा रहे संशोधन पर सुझाव मांगे है ।


Body:VO:- चिट्ठी में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा विधि व्यवस्था से जुड़े कानूनों का पुनरीक्षण कर उन आवश्यकता अनुसार संशोधन किया जाता रहा है वर्ष 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के माध्यम से महिलाओं के विरुद्ध अपराध के लिए बने कानून को और अधिक कठोर बनाया गया था , वर्तमान में 2019 में भी विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1967 एवं राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 की आवश्यकता अनुसार संशोधन किए गए है , बताया गया कि आजादी के 70 वर्ष बाद वर्तमान परिवेश में नए भारत की परिकल्पना की दृष्टिकोण रखते हुए विधि एवं कानून को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारतीय दंड संहिता दंड प्रक्रिया संहिता शस्त्र अधिनियम नारकोटिक्स अधिनियम इत्यादि के पुनरीक्षण करके आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा रहा है क्योंकि पुलिस और लोके व्यवस्था संविधान की 7 में सूची में राज्य संबंधी विषय हैं संभावित परिवर्तनों के संबंध में सभी राज्य सरकारों से सुझाव अपेक्षित किए गए , सुझाव देते समय यह ध्यान रखना उचित होगा कि पुनरीक्षित कानून जनता की लोकतांत्रिक अपेक्षाओं के अनुरूप और महिलाओं बच्चों समाज के कमजोर वर्ग इत्यादि को त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम हो , साथ ही कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों को भी ध्यान रखते हुए किया जाना चाहिए इसके अतिरिक्त कानून प्रक्रिया को सरल बनाने पर भी ध्यान देना आवश्यक है ताकि आम नागरिक को जीवन शुगम और सुनिश्चित हो ,


Conclusion:VO:- इस चिट्ठी में साफ कहा गया है इस सुझाव देने से पहले अपने स्तर पर गहन विचार विमर्श किया जाय । अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल सदस्य और अधिकारियों के साथ चर्चा कर अपना सुझाव देंगे ।
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