जयपुर. शहर में नाहरगढ़ किले के पीछे प्राचीन बुर्ज पर कुछ लोगों ने कब्जा करने का प्रयास किया था. पुरातत्व विभाग की जमीन पर कब्जा करने के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी. ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया. नाहरगढ़ पुलिस की मुस्तैदी से पुरातत्व विभाग की प्राचीन बुर्ज पर ऐतिहासिक स्वरूप वापस लौट आया है.
दरअसल नाहरगढ़ किले के पीछे पुरातत्व विभाग की बुर्ज पर कुछ लोगों ने कब्जा करने की नियत से ऐतिहासिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करते हुए धार्मिक स्थल बनाने का प्रयास किया था. कब्जा करने पहुंचे लोगों ने ऐतिहासिक स्वरूप को बिगड़ते हुए कलर भी पोथ दिया था. पुरातत्व विभाग के कर्मचारी जब रोकने के लिए पहुंचे, तो उन पर पत्थर बरसाए गए. इसके बाद पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी.
सूचना मिलते ही नाहरगढ़ थाना पुलिस और शास्त्री नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन दोनों थानों की पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई और कार्रवाई नहीं हो पाई. ईटीवी भारत पर खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया. इलाका नाहरगढ़ थाने का होना पाया गया. पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों की ओर से थाने में रिपोर्ट दी गई.
पुलिस ने मामले पर कार्रवाई करते हुए घटनास्थल का मौका मुआयना किया. नाहरगढ़ पुलिस जाब्ते की मौजूदगी में पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर असामाजिक तत्वों की ओर से बिगाड़े गए ऐतिहासिक स्वरूप को सुधारा. पुरातत्व विभाग की ओर से दी गई रिपोर्ट पर नाहरगढ़ थाना पुलिस जांच पड़ताल कर रही है. कब्जा करने का प्रयास करने वाले लोगों की भी तलाश की जा रही है. मामले में एक्शन लेने पर डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख, एडिशनल डीसीपी धर्मेंद्र सागर, एसीपी कोतवाली मेघचंद मीणा और नाहरगढ़ थाना अधिकारी मुकेश खारडिया का आभार जताया गया.
पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नाहरगढ़ किले के पीछे प्राचीन बुर्ज पर ऐतिहासिक स्वरूप से छेड़छाड़ करके कब्जा करने का प्रयास किया गया. मौके पर धार्मिक स्थान बनाने की आड़ में कब्जा किया जा रहा था, जबकि मौके पर कोई भी धार्मिक स्थल मौजूद नहीं है. लॉकडाउन का फायदा उठाकर कब्जा करने पहुंचाने पहुंचे लोगों ने पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों पर पथराव भी किया. समुदाय विशेष के लोग कब्जा करने के लिए पहुंचे थे.
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ईटीवी भारत में मामले की खबर प्रमुखता से दिखाई. मामले की जानकारी पुलिस और पुरातत्व विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंची. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की. जबकि पहले दो थानों की पुलिस टालमटोल करती रही और सीमा विवाद में उलझ कर रह गई थी। पुलिस की मौजूदगी में बिगड़ा गया ऐतिहासिक स्वरूप वापस सही कर दिया गया है.