जयपुर. प्रदेश की उच्च शिक्षा के स्टूडेंट्स अब जॉय ऑफ गिविंग का पाठ पढ़ेंगे. सरकार के स्तर पर एक और पहल होने जा रही है, पहले उच्च शिक्षा में रोजगार को लेकर कौशल विकास प्रशिक्षण देने की शुरुआत हुई तो वहीं अब स्टूडेंट को जॉय ऑफ गिविंग के मायने भी बताए जाएंगे. शनिवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के सीनेट हॉल में उच्च शिक्षा की बैठक में जॉय ऑफ गिविंग को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर चर्चा की गई.
वहीं अब इसका पाठ राजस्थान के हायर एजुकेशन की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट को भी पढ़ाया जाएगा. जिसकी तैयारी विभागीय स्तर पर की जा रही है. जॉय ऑफ गिविंग को लेकर राजस्थान सरकार ने भी हायर एजुकेशन विभाग को पहल करने को कहा है. जिसके बाद कॉलेज शिक्षा आयुक्त सहित कई यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों ने इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है.
कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने कहा कि कॉलेज में स्टूडेंट का जॉय ऑफ गिविंग का पाठ पढ़ाया जाएगा और जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा.
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मौजूदा भौतिकवादी माहौल का तोड़ शिक्षा विभाग के स्तर पर ढूंढा जा रहा है. ताकि आने वाली नई पीढ़ी को इससे दूर रखा जा सके और सामाजिकता का तत्व उनके जहन में पैदा किया जा सके. हालांकि स्कूलों और कॉलेजों में एनएसएस के माध्यम से इसकी शुरुआत पहले हुई थी, लेकिन शिक्षा अधिकार की मानें तो महज 25 फीसदी स्टूडेंट ही इससे जुड़ पाए हैं. ऐसे में एक बड़ी खेप स्टूडेंट की इससे महरूम रह जाती है, जिसको जॉय ऑफ गिविंग के माध्यम से सामाजिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा.