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एएनएम ट्रेनिंग में आशा सहयोगिनियों को भूतलक्षी प्रभाव से आरक्षण क्यों- हाईकोर्ट

आशा सहयोगिनियों को एएनएम ट्रेनिंग में भूतलक्षी प्रभाव से आरक्षण देने और प्रशिक्षण के लिए नए सिरे से आवेदन नहीं मांगने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. कोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को इस संबंध में नोटिस जारी किया है.

ANM training case for Asha Sahyoginis, राजस्थान हाईकोर्ट की खबर
प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस
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Published : Feb 6, 2021, 8:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आशा सहयोगिनियों को एएनएम ट्रेनिंग में भूतलक्षी प्रभाव से आरक्षण देने और प्रशिक्षण के लिए नए सिरे से आवेदन नहीं मांगने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश विष्णु कुमारी की याचिका पर दिए.

प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1997 से आशा सहयोगी के पद पर कार्यरत हैं. राज्य सरकार ने गत जुलाई माह में एएनएम प्रशिक्षण के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन उसमें आशा सहयोगी को कोई आरक्षण नहीं था. वहीं गत एक जनवरी को राज्य सरकार ने इन्हें एएनएम प्रशिक्षण के लिए दस फीसदी आरक्षण दे दिया. दूसरी ओर विभाग ने इसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू करते हुए गत जुलाई माह में आवेदन करने वाली आशा सहयोगिनियों को भी आरक्षण का लाभ दे दिया.

यह भी पढ़ें: तय योग्यता होने के बाद भी बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश क्यों नहीं दिया - हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि आरक्षण का लाभ भूतलक्षी प्रभाव से नहीं दिया जा सकता. इसके अलावा आरक्षण का प्रावधान करने के बाद नए सिरे से आवेदन मांगे जाने चाहिए थे. जिसके चलते आरक्षण से पात्र हुए दूसरे अभ्यर्थी भी इसमें आवेदन कर सकें. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आशा सहयोगिनियों को एएनएम ट्रेनिंग में भूतलक्षी प्रभाव से आरक्षण देने और प्रशिक्षण के लिए नए सिरे से आवेदन नहीं मांगने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश विष्णु कुमारी की याचिका पर दिए.

प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक को नोटिस

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1997 से आशा सहयोगी के पद पर कार्यरत हैं. राज्य सरकार ने गत जुलाई माह में एएनएम प्रशिक्षण के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन उसमें आशा सहयोगी को कोई आरक्षण नहीं था. वहीं गत एक जनवरी को राज्य सरकार ने इन्हें एएनएम प्रशिक्षण के लिए दस फीसदी आरक्षण दे दिया. दूसरी ओर विभाग ने इसे भूतलक्षी प्रभाव से लागू करते हुए गत जुलाई माह में आवेदन करने वाली आशा सहयोगिनियों को भी आरक्षण का लाभ दे दिया.

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याचिका में कहा गया कि आरक्षण का लाभ भूतलक्षी प्रभाव से नहीं दिया जा सकता. इसके अलावा आरक्षण का प्रावधान करने के बाद नए सिरे से आवेदन मांगे जाने चाहिए थे. जिसके चलते आरक्षण से पात्र हुए दूसरे अभ्यर्थी भी इसमें आवेदन कर सकें. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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