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आपातकाल के दौरान बंदियों की पेंशन जारी करने पर दो महीने में निर्णय ले राज्य सरकारः हाई कोर्ट - जयपुर हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मीसा और डीआईआर बंदियों की पेंशन शुरु करने पर अगले दो महिने के भीतर राज्य सरकार को निर्णय करने को कहा है.

हाईकोर्ट ने सरकार को आपातकाल के दौरान रहे बंदियों के पेंशन जारी करने पर दो माह में निर्णय करने का दिया आदेश
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Published : Aug 23, 2019, 4:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं की वह आपातकाल में जेल में बंद होने वाले याचिकाकर्ता मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन जारी करने पर दो महीने में निर्णय करे. अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश हरिहर लाल पारीक और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. याचिका में कहा गया की राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में नियम बनाकर मीसा और डीआरआई बंदियों को पेंशन देने का प्रावधान किया था. वहीं वर्ष 2018 में नियमो में संशोधन किया गया.

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याचिका में कहा गया की याचिकाकर्ताओं ने गत वर्ष अलग-अलग समय पर संबंधित अधिकारियों को पेंशन के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था. इसके बावजूद आज तक उनके प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने पेंशन जारी करने की स्वीकृति पर कार्यवाही ठप कर दी है. जिसके चलते उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही है. जबकी वे अपने जीवन के आखिरी मोड़ पर हैं. ऐसे में उन्हें जल्दी पेंशन दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को 2 माह में प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने के आदेश दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं की वह आपातकाल में जेल में बंद होने वाले याचिकाकर्ता मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन जारी करने पर दो महीने में निर्णय करे. अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश हरिहर लाल पारीक और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. याचिका में कहा गया की राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में नियम बनाकर मीसा और डीआरआई बंदियों को पेंशन देने का प्रावधान किया था. वहीं वर्ष 2018 में नियमो में संशोधन किया गया.

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याचिका में कहा गया की याचिकाकर्ताओं ने गत वर्ष अलग-अलग समय पर संबंधित अधिकारियों को पेंशन के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था. इसके बावजूद आज तक उनके प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने पेंशन जारी करने की स्वीकृति पर कार्यवाही ठप कर दी है. जिसके चलते उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रही है. जबकी वे अपने जीवन के आखिरी मोड़ पर हैं. ऐसे में उन्हें जल्दी पेंशन दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को 2 माह में प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने के आदेश दिया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं की वह आपातकाल में जेल में बंद होने वाले याचिकाकर्ता मीसा और डीआरआई बंदियों की पेंशन जारी करने पर दो माह में निर्णय करे। अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा है। Body:हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश हरिहर लाल पारीक व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया की राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में नियम बनाकर मीसा और डीआरआई  बंदियों को पेंशन देने का प्रावधान किया था। वहीं वर्ष 2018 में नियमो में संशोधन किया गया। याचिका में कहा गया की याचिकाकर्ताओं ने गत वर्ष अलग अलग समय पर संबंधित अधिकारियों को पेंशन के लिए समस्त जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। इसके बावजूद आज तक उनके प्रार्थना पत्र का निस्तारण नहीं किया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है की सरकार ने पेंशन जारी करने की स्वीकृति पर कार्रवाई ठप कर दी है। जिसके चलते उन्हें पेंशन नहीं मिल पा रहीं है, जबकी वे जीवन के आखिरी मोड़ पर हैं। ऐसे में उन्हें जल्दी पेंशन दिलाई जाए।जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को 2 माह में प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने के आदेश दिए है।

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