ETV Bharat / city

Online क्लास पर पाबंदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से HC ने मांगा जवाब

विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया कि शहर के जेके लोन अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्चों की ऑनलाइन क्लास को लेकर प्रदेश के 13 शहरों सहित देश के 20 शहरों में रिसर्च की है. रिसर्च में सामने आया कि ऑनलाइन क्लासेज के कारण बच्चे जिद्दी, मोटे, मूडी और लापरवाह हो गए हैं.

author img

By

Published : Jun 29, 2020, 4:24 PM IST

Survey on online classes, Petition regarding online classes
राजस्थान हाईकोर्ट न्यूज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों की ओर से विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता शांतनु शर्मा और बंशीधर की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि ऑनलाइन क्लासेज क्लास रूम की गरिमा के वातावरण को खराब कर रही हैं. इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के साथ भी भेदभाव हो रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास ऑनलाइन एजुकेशन के लिए संसाधन ही नहीं है. ऑनलाइन क्लासेज के लिए कंप्यूटर या स्मार्टफोन के साथ ही स्ट्रांग इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत पड़ती है.

याचिका में कहा गया कि शहर के जेके लोन अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्चों की ऑनलाइन क्लास को लेकर प्रदेश के 13 शहरों सहित देश के 20 शहरों में रिसर्च की है. रिसर्च में सामने आया कि ऑनलाइन क्लासेज के कारण बच्चे जिद्दी, मोटे, मूडी और लापरवाह हो गए हैं.

पढ़ें- अडानी समूह राजस्थान में करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, 5 जिलों में स्थापित करेगा सोलर पार्क

ऑनलाइन एजुकेशन से बच्चों में एजुकेशन का स्तर सुधरने के बजाए बिगड़ गया है. वहीं, राज्य सरकार ने आईटी एक्ट के तहत गाइडलाइन जारी किए बिना ही स्कूलों को ऑनलाइन एजुकेशन मंजूरी दे दी है. याचिका में कहा गया की आरटीई एक्ट के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. इस कोटे के विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन शिक्षा के पर्याप्त साधन भी नहीं है.

इसके अलावा छोटे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. जबकि यूट्यूब का उपयोग करने की सीमा 13 साल और जूम एप का उपयोग 16 साल की उम्र के बाद करने का प्रावधान है. ऐसे में प्रदेश में भी स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लास के संचालन पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों की ओर से विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता शांतनु शर्मा और बंशीधर की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि ऑनलाइन क्लासेज क्लास रूम की गरिमा के वातावरण को खराब कर रही हैं. इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के साथ भी भेदभाव हो रहा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के पास ऑनलाइन एजुकेशन के लिए संसाधन ही नहीं है. ऑनलाइन क्लासेज के लिए कंप्यूटर या स्मार्टफोन के साथ ही स्ट्रांग इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत पड़ती है.

याचिका में कहा गया कि शहर के जेके लोन अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्चों की ऑनलाइन क्लास को लेकर प्रदेश के 13 शहरों सहित देश के 20 शहरों में रिसर्च की है. रिसर्च में सामने आया कि ऑनलाइन क्लासेज के कारण बच्चे जिद्दी, मोटे, मूडी और लापरवाह हो गए हैं.

पढ़ें- अडानी समूह राजस्थान में करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश, 5 जिलों में स्थापित करेगा सोलर पार्क

ऑनलाइन एजुकेशन से बच्चों में एजुकेशन का स्तर सुधरने के बजाए बिगड़ गया है. वहीं, राज्य सरकार ने आईटी एक्ट के तहत गाइडलाइन जारी किए बिना ही स्कूलों को ऑनलाइन एजुकेशन मंजूरी दे दी है. याचिका में कहा गया की आरटीई एक्ट के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. इस कोटे के विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन शिक्षा के पर्याप्त साधन भी नहीं है.

इसके अलावा छोटे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. जबकि यूट्यूब का उपयोग करने की सीमा 13 साल और जूम एप का उपयोग 16 साल की उम्र के बाद करने का प्रावधान है. ऐसे में प्रदेश में भी स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लास के संचालन पर रोक लगाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.