जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीसलपुर बांध के पानी को कृषि उद्देश्य के लिए देने से रोकने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल को न्यायमित्र नियुक्त किया है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र जैन और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि बीसलपुर बांध के पानी की पहली प्राथमिकता पेयजल के लिए होनी चाहिए. वहीं यदि पानी सरप्लस है तो उसे कृषि उपयोग के लिए छोड़ा जा सकता है. इस साल बीसलपुर बांध में पानी की कमी है. यदि इस साल कृषि के लिए पानी छोड़ा गया तो आने वाले समय में जयपुर, अजमेर और टोंक के निवासियों के लिए पेयजल का संकट खड़ा हो जाएगा.
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याचिका में आंकड़े पेश कर कहा गया कि वर्ष 2021 में बांध में पेयजल की सीमित उपलब्धता रहेगी. वहीं वर्ष 2022 में मानसून आने से पहले बांध में करीब 11.5 टीएमसी पानी ही उपलब्ध रहेगा. ऐसे में यदि अभी पानी को कृषि उपयोग के लिए दिया गया तो आगामी दिनों में एक करोड़ की आबादी को पीने का पानी नहीं मिलेगा. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल को न्यायमित्र नियुक्त किया है.