जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र के कृषि मंत्रालय, डायरेक्टरेट ऑफ प्लांट क्वॉरेंटाइन एंड स्टोरेज और राज्य की कृषि विभाग से पूछा है कि प्रदेश में टिड्डियों के प्रसार को रोकने के लिए बनाए गए आपदा प्लान को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए क्या किया जा रहा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश विजय पूनिया की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि टिड्डियों के प्रसार को रोकने के लिए यूएनओ ने गाइडलाइन बना रखी है. टिड्डियों पर वाहनों से छिड़काव करने से रोकथाम नहीं होने पर हवाई छिड़काव भी करने का प्रावधान है. कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले डायरेक्टरेट ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन क्वॉरेंटाइन एंड स्टोरेज की ओर से भी इसके प्रसार को रोकने के लिए गत वर्ष आपदा प्लान बनाया गया था. जिसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कार्य निर्धारित किए गए हैं. वहीं इसके लिए अलग से बजट का भी प्रावधान किया गया है.
याचिका में कहा गया कि टिड्डियों की अलग-अलग स्टेज होती है. शुष्क इलाकों में जन्म लेने के बाद यह बड़ी संख्या में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लेती हैं. ऐसे में इनके पंख निकलने से पहले कार्रवाई कर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है.
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प्लान के तहत काम नहीं करने से टिड्डियों ने प्रदेश के कई जिलों में पूरी फसल को ही बर्बाद कर दिया है. याचिका में गुहार की गई है कि इनके नियंत्रण प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और प्रभावितों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.