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जलमहल मामला: परिवादी के वकील का बहस से इंकार, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को जलमहल से जुड़ी जमीन के आवंटन के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं फैसले को लेकर याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए भूमि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह सही बताया था.

judgment in Jalmahal case,  जलमहल मामले में फैसला
जलमहल मामले में हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
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Published : Jan 29, 2020, 10:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जलमहल से जुड़ी जमीन के आवंटन के मामले में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मामले के आरोपी उद्योगपति नवरतन कोठारी, आरएएस ह्देश कुमार शर्मा, पूर्व आईएएस विनोद जुत्शी और आरोपी राकेश सैनी की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान मामले के शिकायतकर्ता भगवत गौड की ओर से अधिवक्ता अजय जैन ने बहस से इंकार करते हुए न्यायाधीश को कहा कि उनके एक मित्र ने उनके (शिकायतकर्ता के वकील) के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करा रखा है.

ऐसे में अदालत उनकी (शिकायतकर्ता के वकील) ओर से पैरवी किए जाने वाले किसी भी मामले में सुनवाई ना करे. इसके साथ ही अधिवक्ता अदालत कक्ष छोड़कर बाहर आ गए. वहीं शेष पक्षकारों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

पढ़ेंः SMS स्टेडियम में IPL मैच कराने के लिए हाईकोर्ट से गुहार

याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए भूमि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह सही बताया था. ऐसे में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान आदेश को रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जलमहल से जुड़ी जमीन के आवंटन के मामले में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मामले के आरोपी उद्योगपति नवरतन कोठारी, आरएएस ह्देश कुमार शर्मा, पूर्व आईएएस विनोद जुत्शी और आरोपी राकेश सैनी की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान मामले के शिकायतकर्ता भगवत गौड की ओर से अधिवक्ता अजय जैन ने बहस से इंकार करते हुए न्यायाधीश को कहा कि उनके एक मित्र ने उनके (शिकायतकर्ता के वकील) के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करा रखा है.

ऐसे में अदालत उनकी (शिकायतकर्ता के वकील) ओर से पैरवी किए जाने वाले किसी भी मामले में सुनवाई ना करे. इसके साथ ही अधिवक्ता अदालत कक्ष छोड़कर बाहर आ गए. वहीं शेष पक्षकारों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए भूमि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह सही बताया था. ऐसे में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान आदेश को रद्द किया जाए.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जलमहल से जुडी जमीन के आवंटन के मामले में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश मामले के आरोपी उद्योगपति नवरतन कोठारी, आरएएस ह्देश कुमार शर्मा, पूर्व आईएएस विनोद जुत्शी व आरोपी राकेश सैनी की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान मामले के शिकायतकर्ता भगवत गौड की ओर से अधिवक्ता अजय जैन ने बहस से इंकार करते हुए न्यायाधीश को कहा कि उनके एक मित्र ने उनके (शिकायतकर्ता के वकील के) खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करा रखा है। ऐसे में अदालत उनकी (शिकायतकर्ता के वकील) ओर से पैरवी किये जाने वाले किसी भी मामले में सुनवाई ना करे। इसके साथ ही अधिवक्ता अदालत कक्ष छोडकर बाहर आ गए। वहीं शेष पक्षकारों की बहस सुनने के बाद अदालत ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाओं में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए भूमि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह सही बताया था। ऐसे में निचली अदालत की ओर से लिए गए प्रसंज्ञान आदेश को रद्द किया जाए।Conclusion:
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