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पीटीआई भर्ती में गृह जिले में नियुक्ति नहीं देने पर हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस

राजस्थान हाइकोर्ट ने शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से पीटीआई भर्ती 2013 में चयनिय अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के अनुसार पदस्थापित नहीं करने पर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ताओं का चयन साल 2016 में हुआ था. राज्य सरकार ने मार्च 2016 में चयनित अभ्यर्थियों को मंडल आवंटित किए थे.

राजस्थान न्यूज, jaipur news
राजस्थान हाइकोर्ट ने जारी किए नोटिस
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Published : Aug 18, 2020, 7:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती 2013 में चयनित अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के अनुसार पदस्थापित नहीं करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकल पीठ ने ये आदेश जितेंद्र सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का चयन साल 2016 में हुआ था. राज्य सरकार ने मार्च 2016 में चयनित अभ्यर्थियों को मंडल आवंटित किए.

याचिका में कहा गया कि अधिक मेरिट होने के बावजूद अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार मंडल आवंटित नहीं किए गए. राज्य सरकार ने कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को गृह जिला और मंडल आवंटित कर दिए. जबकि अधिक वाले याचिकाकर्ताओं को सुदूर मंडल आवंटित किए गए. जिसके चलते अधिक अंक आने के बावजूद भी याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव किया गया.

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इस याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को उनके गृह जिले या मंडल में नियुक्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पीटीआई भर्ती 2013 में चयनित अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के अनुसार पदस्थापित नहीं करने पर शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकल पीठ ने ये आदेश जितेंद्र सिंह और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का चयन साल 2016 में हुआ था. राज्य सरकार ने मार्च 2016 में चयनित अभ्यर्थियों को मंडल आवंटित किए.

याचिका में कहा गया कि अधिक मेरिट होने के बावजूद अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार मंडल आवंटित नहीं किए गए. राज्य सरकार ने कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को गृह जिला और मंडल आवंटित कर दिए. जबकि अधिक वाले याचिकाकर्ताओं को सुदूर मंडल आवंटित किए गए. जिसके चलते अधिक अंक आने के बावजूद भी याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव किया गया.

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इस याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं को उनके गृह जिले या मंडल में नियुक्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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