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एकल पट्टा प्रकरण: केस वापस लेने की अनुमति नहीं देने के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे सरकार और आरोपी

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Published : Jan 25, 2022, 9:08 PM IST

एकल पट्टा प्रकरण (Single lease case) में आरोपी बनाए गए अधिकारियों के केस वापस लेने की अनुमति नहीं देने पर राज्य सरकार को आरोपी अधिकारियों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. एकल पट्टा प्रकरण (Single lease case) में आरोपी बनाए गए तत्कालीन अधिकारियों के केस वापस लेने की अनुमति नहीं देने के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और आरोपी पूर्व आईएएस जीएस संधू और पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने मामले की फिजिकल मोड में सुनवाई की जरूरत बताते हुए याचिकाओं पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है.

एसीबी ने भी माना, विवादित भूमि सरकारी नहीं

राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य स्तरीय कमेटी ने संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने की सिफारिश की थी. इसके अलावा एसीबी भी मान चुकी है कि मामले में विवादित भूमि सरकारी नहीं है और मूल पट्टे धारियों ने भी कोई शिकायत नहीं की. इसके अलावा मामले में राज्य सरकार और जेडीए ने भी एसीबी में कोई शिकायत नहीं दी थी.

ऐसे में यदि अधिकारियों को अनावश्यक अभियोजन का सामना करना पड़ेगा तो अफसरों का मनोबल गिरेगा. ऐसे में राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट में मुकदमा वापस लेने की अनुमति लगाई थी, लेकिन एसीबी कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. दूसरी ओर निष्काम दिवाकर की ओर से अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.

यह भी पढ़ें - एकल पट्टा प्रकरण में तीन अफसरों के विरुद्ध केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश

मुकदमा जारी रखने के दिए थे आदेश

एसीबी कोर्ट ने अपने आदेश में जिस समय की फाइडिंग दी है, उस समय प्रार्थी अधिकारी संबंधित पद पर ही नहीं थे. वहीं उनका नाम भी एफआईआर में नहीं है. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए. जिसका परिवादी रामशरण सिंह के वकील संदेश खंडेलवाल ने विरोध किया. गौरतलब है कि एसीबी कोर्ट ने गत दिनों राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए आरोपी अधिकारियों पर मुकदमा जारी रखने के आदेश दिए थे.

जयपुर. एकल पट्टा प्रकरण (Single lease case) में आरोपी बनाए गए तत्कालीन अधिकारियों के केस वापस लेने की अनुमति नहीं देने के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और आरोपी पूर्व आईएएस जीएस संधू और पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने मामले की फिजिकल मोड में सुनवाई की जरूरत बताते हुए याचिकाओं पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है.

एसीबी ने भी माना, विवादित भूमि सरकारी नहीं

राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य स्तरीय कमेटी ने संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने की सिफारिश की थी. इसके अलावा एसीबी भी मान चुकी है कि मामले में विवादित भूमि सरकारी नहीं है और मूल पट्टे धारियों ने भी कोई शिकायत नहीं की. इसके अलावा मामले में राज्य सरकार और जेडीए ने भी एसीबी में कोई शिकायत नहीं दी थी.

ऐसे में यदि अधिकारियों को अनावश्यक अभियोजन का सामना करना पड़ेगा तो अफसरों का मनोबल गिरेगा. ऐसे में राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट में मुकदमा वापस लेने की अनुमति लगाई थी, लेकिन एसीबी कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. दूसरी ओर निष्काम दिवाकर की ओर से अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.

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मुकदमा जारी रखने के दिए थे आदेश

एसीबी कोर्ट ने अपने आदेश में जिस समय की फाइडिंग दी है, उस समय प्रार्थी अधिकारी संबंधित पद पर ही नहीं थे. वहीं उनका नाम भी एफआईआर में नहीं है. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए. जिसका परिवादी रामशरण सिंह के वकील संदेश खंडेलवाल ने विरोध किया. गौरतलब है कि एसीबी कोर्ट ने गत दिनों राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए आरोपी अधिकारियों पर मुकदमा जारी रखने के आदेश दिए थे.

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