जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती- 2018 में विभागीय कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को शामिल करने पर आरपीएससी सचिव और कार्मिक सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग के निदेशक और सहकारिता रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कवींद्र और अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सहकारिता अधीनस्थ सेवा का कर्मचारी है. आरएएस भर्ती में इस विभाग के 19 पद थे. वहीं, विभाग ने याचिकाकर्ता सहित कुल 21 मंत्रालयिक कर्मचारियों को भर्ती में शामिल होने की अनुमति दी थी, इसके बावजूद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सहकारी अधीनस्थ सेवा कोटे के अन्तर्गत 284 अभ्यर्थियों को पास कर दिया. वहीं, बाद में पदों के डेढ़ गुणा अभ्यर्थी भी साक्षात्कार के लिए बुला लिए.
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याचिका में कहा गया कि विभागीय कोटे के पदों के मुकाबले 15 गुणा उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग को मुख्य परीक्षा के लिए सभी 21 कर्मचारियों को बुलाना था. आयोग की ओर से अपात्रों को विभागीय कोटे में शामिल करने के कारण याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा से वंचित हो गया, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.