ETV Bharat / city

आरएएस भर्ती: विभागीय कोटे में अपात्रों को शामिल करने पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब - राजस्थान समाचार

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती- 2018 में विभागीय कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को शामिल करने पर आरपीएससी सचिव और कार्मिक सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग के निदेशक और सहकारिता रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कवींद्र और अन्य की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
author img

By

Published : Apr 2, 2021, 10:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती- 2018 में विभागीय कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को शामिल करने पर आरपीएससी सचिव और कार्मिक सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग के निदेशक और सहकारिता रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कवींद्र और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सहकारिता अधीनस्थ सेवा का कर्मचारी है. आरएएस भर्ती में इस विभाग के 19 पद थे. वहीं, विभाग ने याचिकाकर्ता सहित कुल 21 मंत्रालयिक कर्मचारियों को भर्ती में शामिल होने की अनुमति दी थी, इसके बावजूद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सहकारी अधीनस्थ सेवा कोटे के अन्तर्गत 284 अभ्यर्थियों को पास कर दिया. वहीं, बाद में पदों के डेढ़ गुणा अभ्यर्थी भी साक्षात्कार के लिए बुला लिए.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान कांग्रेस: वार्ड अध्यक्ष की नियुक्ति पर विवाद शुरू, कांग्रेस नेताओं ने बताया गलत

याचिका में कहा गया कि विभागीय कोटे के पदों के मुकाबले 15 गुणा उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग को मुख्य परीक्षा के लिए सभी 21 कर्मचारियों को बुलाना था. आयोग की ओर से अपात्रों को विभागीय कोटे में शामिल करने के कारण याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा से वंचित हो गया, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती- 2018 में विभागीय कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को शामिल करने पर आरपीएससी सचिव और कार्मिक सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग के निदेशक और सहकारिता रजिस्ट्रार से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कवींद्र और अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सहकारिता अधीनस्थ सेवा का कर्मचारी है. आरएएस भर्ती में इस विभाग के 19 पद थे. वहीं, विभाग ने याचिकाकर्ता सहित कुल 21 मंत्रालयिक कर्मचारियों को भर्ती में शामिल होने की अनुमति दी थी, इसके बावजूद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा में सहकारी अधीनस्थ सेवा कोटे के अन्तर्गत 284 अभ्यर्थियों को पास कर दिया. वहीं, बाद में पदों के डेढ़ गुणा अभ्यर्थी भी साक्षात्कार के लिए बुला लिए.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान कांग्रेस: वार्ड अध्यक्ष की नियुक्ति पर विवाद शुरू, कांग्रेस नेताओं ने बताया गलत

याचिका में कहा गया कि विभागीय कोटे के पदों के मुकाबले 15 गुणा उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग को मुख्य परीक्षा के लिए सभी 21 कर्मचारियों को बुलाना था. आयोग की ओर से अपात्रों को विभागीय कोटे में शामिल करने के कारण याचिकाकर्ता मुख्य परीक्षा से वंचित हो गया, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.