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JNVU ने हाईकोर्ट के सामने अपने परिसर की सड़क चौड़ी करने पर दी सहमति, सेना से न्यायालय ने मांगा जवाब - राजस्थान

राजस्थान हाईकोर्ट में जोधपुर शहर से जुडे विभिन्न मामलों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इसमें जेएनवीयू ने कोर्ट के सामने अपने परिसर की सड़क चौडी करने पर सहमति दी है. वहीं सेना से न्यायालय ने जवाब मांगा है.

जेएनवीयू ने हाईकोर्ट के सामने अपने परिसर की सड़क चौड़ी करने पर दी सहमति
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Published : Jul 23, 2019, 7:32 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संगीत लोढा और विनित माथुर की खंडपीठ में मंगलवार को जोधपुर शहर से जुडे विभिन्न मामलों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. समाजसेवी स्व. महेंद्र लोढा की याचिका पर सुनवाई के दौरान महेंद्र नाथ अरोड़ा सर्किल से लेकर पीली टंकी तक सड़क चौड़ी करने को लेकर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की ओर से अपना पक्ष रखा गया और सड़क चौड़ी करने के एवज में मुआवजा मांगा गया.

इस पर जस्टिस संगीत लोढा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जमीन नहीं दे रहा है. उनकी जमीन पर जनहित में सड़क निर्माण हो रहा है. इस पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कोर्ट में ही निर्माण की सहमति दे दी. कोर्ट ने जेडीए को इस मार्ग के पेड़ बचाते हुए सड़क चौड़ी करने के निर्देश दिए गए.

राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई

न्यायमित्र अशोक छंगाणी के सुझाव पर इस सड़क पर वाणिज्यिक वाहन नहीं चलेंगे के निर्देश दिए गए. इसी तरह से नागौर रोड पर रिंग रोड के लिए नाग तलाब के पास एलाइमेंट सड़क के लिए एनएचआई की ओर से नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने की जानकारी कोर्ट को दी गई. लेकिन, इसके बावजूद सेना आपत्ति कर रही है इस पर सेना के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि हम चाहते हैं कि सड़क निर्माण में बाधा नहीं हो. आवश्यकता होने पर हमें फिर आदेश जारी करना होगा. इस सेना की ओर से कहा कि हम स्थानीय स्तर पर यह निर्णय नहीं ले सकते है, रक्षा मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी होगी.

खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय से जवाब के साथ 29 जुलाई को दुबारा सुनवाई रखी है. सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमित्र अशोक छंगाणी ने खंडपीठ को बताया कि सेना सिर्फ भवन निर्माण पर आपत्ति कर सकती है सड़क निर्माण नहीं कर सकती.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संगीत लोढा और विनित माथुर की खंडपीठ में मंगलवार को जोधपुर शहर से जुडे विभिन्न मामलों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. समाजसेवी स्व. महेंद्र लोढा की याचिका पर सुनवाई के दौरान महेंद्र नाथ अरोड़ा सर्किल से लेकर पीली टंकी तक सड़क चौड़ी करने को लेकर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की ओर से अपना पक्ष रखा गया और सड़क चौड़ी करने के एवज में मुआवजा मांगा गया.

इस पर जस्टिस संगीत लोढा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जमीन नहीं दे रहा है. उनकी जमीन पर जनहित में सड़क निर्माण हो रहा है. इस पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कोर्ट में ही निर्माण की सहमति दे दी. कोर्ट ने जेडीए को इस मार्ग के पेड़ बचाते हुए सड़क चौड़ी करने के निर्देश दिए गए.

राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई

न्यायमित्र अशोक छंगाणी के सुझाव पर इस सड़क पर वाणिज्यिक वाहन नहीं चलेंगे के निर्देश दिए गए. इसी तरह से नागौर रोड पर रिंग रोड के लिए नाग तलाब के पास एलाइमेंट सड़क के लिए एनएचआई की ओर से नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने की जानकारी कोर्ट को दी गई. लेकिन, इसके बावजूद सेना आपत्ति कर रही है इस पर सेना के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि हम चाहते हैं कि सड़क निर्माण में बाधा नहीं हो. आवश्यकता होने पर हमें फिर आदेश जारी करना होगा. इस सेना की ओर से कहा कि हम स्थानीय स्तर पर यह निर्णय नहीं ले सकते है, रक्षा मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी होगी.

खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय से जवाब के साथ 29 जुलाई को दुबारा सुनवाई रखी है. सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमित्र अशोक छंगाणी ने खंडपीठ को बताया कि सेना सिर्फ भवन निर्माण पर आपत्ति कर सकती है सड़क निर्माण नहीं कर सकती.

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Body:जेएनवीयू ने कोर्ट के सामने अपने परिसर की सडक चौडी करने पर सहमति दी, सेना से न्यायालय ने जवाब मांगा

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस संगीत लोढा व विनित माथुर की खंडपीठ में मंगलवार को जोधपुर शहर से जुडे विभिन्न मामलों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। समाजसेवी स्व महेंद्र लोढा की याचिका पर सुनवाई के दौरान महेंद्र नाथ अरोडा सर्किल से लेकर पीली टंकी तक सडक चौडी करने को लेकर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की ओर से अपना पक्ष रखा गया और सडक चौडी करने के एवज में मुआवजा मांगा गया। इस पर जस्टिस संगीत लोढा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जमीन नहीं दे रहा है उनकी जमीन पर जनहित में सडका निर्माण हो रहा है। इस पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कोर्ट में ही निर्माण की सहमति दे दी। कोर्ट ने जेडीए को इस मार्ग के पेड बचाते हुए सडक चौडी करने के निेर्दश दिए गए। न्यायमित्र अशोक छंगाणी के सुझाव पर इस सडक पर वाणिज्यिक वाहन नहीं चलेंगे के निेर्दश दिए गए। इसी तरह से नागौर रोड पर रिंग रोड के लिए नाग तलाब के पास एलाइमेंट सडक के लिए एनएचआई द्वारा नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने की जानकारी कोर्ट को दी गई। लेकिन इसके बावजूद सेना आपत्ति् कर रही है इस पर सेना के अधिकारियों न अपना पक्ष रखा। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि हम चाहते हैं कि सडक निर्माण में बाधा नहीं हो। आवश्यकता होने पर हमें फिर आदेश जारी करना होगा। इस सेना की ओर से कहा कि हम स्थानीय स्तर पर यह निर्णय नहीं ले सकते है रक्षा मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी होगी, खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय से जवाब के साथ 29 जुलाई को दुबारा सुनवाई रखी है। सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायमित्र अशोक छंगाणी ने खंडपीठ को बताया कि सेना सिर्फ भवन निर्माण पर आपत्ति कर सकती है सडक निर्माण नहीं कर सकती। 
बाईट : एडवोकेट अशोक छंगाणी, न्यायमित्र


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