जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नियमों के तहत अनुभव अवधि में शिथिलता देकर पदोन्नत किए गए कनिष्ठ अभियंताओं को पदावनत करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है.
न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश जितेन्द्र चौधरी व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पंचायती राज विभाग के अधीन कनिष्ठ अभियंता नियुक्त हुए थे. वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने नियमों के तहत अनुभव अवधि में एक साल की शिथिलता देते हुए याचिकाकर्ताओं को सहायक अभियंता पद पर पदोन्नत कर दिया.
आठ साल की सेवा के बाद अब उनकी एक्सईएन पद पर पदोन्नति होनी है. इसी बीच रिव्यू डीपीसी कर राज्य सरकार ने गत पांच अक्टूबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को पदावनत करते हुए वापस जूनियर अभियंता बना दिया. विभाग ने इसके लिए उन्हीं नियमों का हवाला दिया, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं को अनुभव में शिथिलता देकर पदोन्नत दी गई थी.
याचिका में कहा गया कि उन्होंने पदोन्नति के समय कोई तथ्य नहीं छिपाया था. इसके अलावा नियमों के तहत अनुभव में शिथिलता दी गई थी. ऐसे में अब उन्हें पदावनत करना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए पदावनति पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को जवाब के लिए समय दिया है.