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नवजात बच्चों की मौत को लेकर उठाए कदमों को केंद्र ने भी सराहा: रघु शर्मा

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना और प्रदेश में नवजात बच्चों की मौत से जुड़े सवालों के जवाब दिए. शर्मा ने कहा कि नवजात की मौत मामले में राजस्थान सरकार के कदमों की केंद्र सरकार ने भी सराहना की है.

rajasthan assembly,  health minister raghu sharma
राजस्थान विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा
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Published : Mar 16, 2021, 3:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने स्वास्थ्य महकमे से जुड़ी आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना और प्रदेश में नवजात बच्चों की मौत से जुड़े सवालों के जवाब दिए. रघु शर्मा ने सदन में जानकारी दी कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण में सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के पात्र परिवार एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के चयनित परिवार लाभार्थी होंगी.

पढे़ं: सदन में गूंजा फोन टैपिंग मामला, भाजपा ने वेल में किया हंगामा, स्थगन को स्पीकर ने किया खारिज

लेकिन बजट घोषणा में योजना के अंतर्गत एनएफएसए एसईसीसी परिवारों के साथ ही सभी संविदाकर्मी और लघु एवं सीमांत कृषकों को निशुल्क एवं अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम का 50% यानी 850 रुपए वार्षिक खर्च कर बीमा दिया जाएगा. रघु शर्मा ने कहा कि जिनको 5 लाख का बीमा चाहिए वह 850 रुपए वार्षिक ई-मित्र से या फिर विभाग जो ऐप डिवेलप कर रहा है उस पर रजिस्ट्रेशन करवा कर उसका लाभ ले सकते हैं.

नवजात बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का बयान

प्रदेश में बीते 2 साल में हुई नवजात शिशुओं की मौत को लेकर विधायक वासुदेव देवनानी के सवाल के जवाब में रघु शर्मा ने कहा कि 3 दिसंबर 2019 और दिसंबर 2020 में कोटा चिकित्सालय महाविद्यालय के जेके लोन अस्पताल में हुई मृत्यु के पश्चात जांच करवाई गई. जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया. लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार की तरफ से कदम उठाए गए. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में केवल जयपुर और झालावाड़ 2 जिले ऐसे हैं जहां नवजात शिशुओं की मौत के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं.

शर्मा ने कहा नवजात बच्चों की मौत को लेकर उठाए कदमों को केंद्र ने भी सराहा

जयपुर में नवजात बच्चों के मरने के मामले इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि यहां प्रदेशभर से रेफर किए गए बच्चे आते हैं. विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो सूची स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है उसके अनुसार 19190 बच्चों की मौत पिछले दो साल में प्रदेश में हुई है. देवनानी ने कहा कि अगर कोटा में बच्चों की मौत मामले में कोई दोषी नहीं था तो अधिकारियों को निलंबित और एपीओ क्यों किया गया.

इस पर रघु शर्मा ने कहा कि जिन आंकड़ों की बात देवनानी कर रहे हैं चाहे तो आप 2018 के भी आंकड़े उठा कर देख लें जयपुर और झालावाड़ में ही सबसे अधिक नवजातों की मौत हुई है. बाकी जिलों में नवजात शिशुओं की मौत के मामले कम हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जो नवजात बच्चों के मौत के आंकड़े पूरे देश के जारी करती है उन आंकड़ों में राजस्थान को टॉप 10 राज्यों में भी शामिल नहीं किया गया है.

शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा भारत में जिन राज्यों में नवजात की मौत होती है वहां भाजपा की सरकारें हैं. उन्होंने भारत सरकार की अधिकारी वंदना गुरनानी का जिक्र किया जो मिशन निदेशक हैं और कहा कि उन्होंने राजस्थान में नवजात की मौत को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की है. पहले हमारे मेडिकल डिपार्टमेंट में 34 एसी और सभी सुविधाओं वाली एंबुलेंस थी. अब मुख्यमंत्री ने 22 मेडिकल एजुकेशन में और 36 चिकित्सा विभाग में कुल 58 एंबुलेंस नई दी हैं. इससे भी राज्य सरकार को नवजात बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने में लाभ मिलेगा.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने स्वास्थ्य महकमे से जुड़ी आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना और प्रदेश में नवजात बच्चों की मौत से जुड़े सवालों के जवाब दिए. रघु शर्मा ने सदन में जानकारी दी कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण में सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के पात्र परिवार एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के चयनित परिवार लाभार्थी होंगी.

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लेकिन बजट घोषणा में योजना के अंतर्गत एनएफएसए एसईसीसी परिवारों के साथ ही सभी संविदाकर्मी और लघु एवं सीमांत कृषकों को निशुल्क एवं अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम का 50% यानी 850 रुपए वार्षिक खर्च कर बीमा दिया जाएगा. रघु शर्मा ने कहा कि जिनको 5 लाख का बीमा चाहिए वह 850 रुपए वार्षिक ई-मित्र से या फिर विभाग जो ऐप डिवेलप कर रहा है उस पर रजिस्ट्रेशन करवा कर उसका लाभ ले सकते हैं.

नवजात बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का बयान

प्रदेश में बीते 2 साल में हुई नवजात शिशुओं की मौत को लेकर विधायक वासुदेव देवनानी के सवाल के जवाब में रघु शर्मा ने कहा कि 3 दिसंबर 2019 और दिसंबर 2020 में कोटा चिकित्सालय महाविद्यालय के जेके लोन अस्पताल में हुई मृत्यु के पश्चात जांच करवाई गई. जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया. लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार की तरफ से कदम उठाए गए. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में केवल जयपुर और झालावाड़ 2 जिले ऐसे हैं जहां नवजात शिशुओं की मौत के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं.

शर्मा ने कहा नवजात बच्चों की मौत को लेकर उठाए कदमों को केंद्र ने भी सराहा

जयपुर में नवजात बच्चों के मरने के मामले इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि यहां प्रदेशभर से रेफर किए गए बच्चे आते हैं. विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि जो सूची स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई है उसके अनुसार 19190 बच्चों की मौत पिछले दो साल में प्रदेश में हुई है. देवनानी ने कहा कि अगर कोटा में बच्चों की मौत मामले में कोई दोषी नहीं था तो अधिकारियों को निलंबित और एपीओ क्यों किया गया.

इस पर रघु शर्मा ने कहा कि जिन आंकड़ों की बात देवनानी कर रहे हैं चाहे तो आप 2018 के भी आंकड़े उठा कर देख लें जयपुर और झालावाड़ में ही सबसे अधिक नवजातों की मौत हुई है. बाकी जिलों में नवजात शिशुओं की मौत के मामले कम हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार जो नवजात बच्चों के मौत के आंकड़े पूरे देश के जारी करती है उन आंकड़ों में राजस्थान को टॉप 10 राज्यों में भी शामिल नहीं किया गया है.

शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा भारत में जिन राज्यों में नवजात की मौत होती है वहां भाजपा की सरकारें हैं. उन्होंने भारत सरकार की अधिकारी वंदना गुरनानी का जिक्र किया जो मिशन निदेशक हैं और कहा कि उन्होंने राजस्थान में नवजात की मौत को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की है. पहले हमारे मेडिकल डिपार्टमेंट में 34 एसी और सभी सुविधाओं वाली एंबुलेंस थी. अब मुख्यमंत्री ने 22 मेडिकल एजुकेशन में और 36 चिकित्सा विभाग में कुल 58 एंबुलेंस नई दी हैं. इससे भी राज्य सरकार को नवजात बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने में लाभ मिलेगा.

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