जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 से जुड़े मामले में राज्य सरकार की ओर से रिकवरी निकालने के आदेश को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती में प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता और वेतन परिलाभ देने को कहा है. न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र कुमार और डालचंद जाट सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 में आरटेट में 60 फीसदी से कम अंक होने और संशोधित परिणाम के कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर याचिकाकर्ताओं को अन्य अभ्यर्थियों के बाद नियुक्ति दी गई थी. जिसकी पालना में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को नोशनल परिलाभ और वरिष्ठता दे दी.
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वहीं गत एक फरवरी को राज्य सरकार के आदेश जारी कर राजस्थान सेवा नियम के नियम आठ का हवाला देते हुए परीवीक्षा काल में फिक्स वेतन देना बताकर रिकवरी निकाल दी. याचिका में कहा गया कि इस नियम को हाईकोर्ट पूर्व में ही निरस्त कर चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रिकवरी को गलत मानते हुए भर्ती में प्रथम नियुक्ति तिथि से वेतन परिलाभ और वरिष्ठता देने को कहा है.